चुनाव आयोग का बड़ा कदम..UP..उत्तराखंड समेत 6 राज्यों के गृह सचिव हटाए

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Election Commission: चुनाव आयोग ने आम चुनाव के लिए पहला नोटिफिकेशन (Notification) जारी करने से पहले आज बड़ी कार्रवाई की की है। यूपी, उत्तराखंड समेत 6 राज्यों के गृह सचिव को चुनाव आयोग ने हटा दिया है। इसके साथ ही पश्चिम बंगाल के डीजीपी को भी चुनाव आयोग (Election Commission) ने हटाया है। 19 अप्रैल से शुरू होने जा रहे लोकसभा के आम चुनाव से पहले आयोग ने ये कदम उठाया है।
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लोकसभा की तारीखों का ऐलान करने के साथ ही चुनाव आयोग (Election Commission) तैयारियों में जुट गया है। लोकसभा चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी कराने के उद्देशय से आयोग लगातार कदम उठा रहा है। चुनाव आयोग (ECI) ने 6 राज्यों गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में गृह सचिवों को हटाने के आदेश जारी किए हैं। साथ ही मिजोरम और हिमाचल प्रदेश में सामान्य प्रशासनिक विभाग के सचिव को भी हटा दिया गया है।

इन राज्यों के हटाए गृह सचिव

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) से पहले चुनाव आयोग ने कई राज्यों के गृह सचिव बदल दिए हैं। इस लिस्ट में उत्तर प्रदेश के गृह सचिव का भी नाम है। संजय प्रसाद उत्तर प्रदेश के गृह सचिव के पद पर कार्यरत थे। पश्चिम बंगाल के डीजीपी राजीव कुमार को भी उनके पद से हटा दिया गया है।

इसके साथ ही चुनाव आयोग ने बृहन्मुंबई नगर आयुक्त इकबाल सिंह चहल और अतिरिक्त आयुक्तों और उपायुक्तों को भी उनके पद से हटा दिया है। साथ ही आयोग ने मिजोरम और हिमाचल प्रदेश के जीएडी सचिव को भी उनके पद से हटाने के आदेश दिए हैं। चुनाव आयोग ने राज्यों को यह भी आदेश दिए है कि सरकार चुनाव से संबंधित उन अधिकारियों का ट्रांसफर करें जो 3 साल या फिर उससे ज्यादा का समय अपने होम डिस्ट्रिक्ट में बिता चुके हैं।

जानिए अधिकारियों को क्यों हटाया गया?

इन 6 राज्यों में जिन अधिकारियों को हटाया गया है, उनके पास संबंधित राज्यों में मुख्यमंत्री के कार्यालय में दोहरे प्रभार थे, जो चुनावी प्रक्रिया के दौरान जरूरी निष्पक्षता, खासकर कानून व्यवस्था सुरक्षा बलों की तैनाती को लेकर भी समझौता कर सकते थे।

चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के डीजीपी (DGP) को 2016 में सूबे के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी सक्रिय चुनाव ड्यूटी से हटा दिया था। महाराष्ट्र ने कुछ नगर आयुक्त और कुछ अतिरिक्त/उप नगर आयुक्त के संबंध में चुनाव आयोग के निर्देश नहीं माने थे, जिन्हें 16 मार्च को लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के वक्त बताया गया था।