कोरोना के नए वेरिएंट JN.1 कितना खतरनाक..एम्स के पूर्व डायरेक्टर से जानिए

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COVID-19 New Jn.1 Variant: देशभर में एक बार फिर कोरोना वायरस (Corona Virus) का प्रकोप बढ़ने लगा है। कोरोना का नया और शक्तिशाली वेरिएंट तेजी से फैल रहा है। यह नया वैरिएंट जेएन 1 तेजी से फैल रहा है। वहीं राजधानी दिल्ली (Delhi) में कोरोना के 5 नए मामले सामने आए है। इस बीच एम्स पूर्व निदेशक और मेदांता के वर्तमान निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया (Dr. Randeep Guleria) ने लोगों से इस वायरस से बचने की जानकारी दी है।

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राजधानी दिल्ली में बीते शनिवार को कोरोना (Corona) से संक्रमित 5 नए मरीज मिले। इसके साथ ही दिल्ली में कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 8 हो गई है। कोरोना संक्रमित मिले 5 नए मरीजों में से अधिकतर को हल्के और मध्यम श्रेणी के लक्षण हैं। इनमें 3 मरीज ऐसे थे, जो किसी और बीमारी के इलाज के लिए अस्पताल आए थे, मगर जांच में उन्हें कोरोना होने का पता चला। डॉक्टरों का कहना है कि लोगों को भीड़ भरी जगहों पर जाते समय मास्क जरूर पहनना चाहिए। पहले से बीमार लोगों को अधिक सावधानी की जरूरत है।

कोविड-19 के नए जेएन 1 वैरिएंट

कोविड-19 के नए वैरिएंट जेएन 1 पर एम्स (AIIMS) के पूर्व निदेशक और वरिष्ठ पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. रणदीप गुलेरिया (Dr. Randeep Guleria) ने बताया है कि कोरोना का ये वेरिएंट अधिक संक्रामक है। यह अधिक तेजी से फैल रहा है। यह धीरे-धीरे एक प्रमुख वैरिएंट बनता जा रहा है। यह और अधिक संक्रमण पैदा कर रहा है। लेकिन आंकड़े बताते हैं कि इससे फैल रहा संक्रमण घातक नहीं है। यह अस्पताल में भर्ती होने का कारण नहीं बन रहा है। इसके अधिकांश लक्षण गले में खराश, खांसी, बुखार, सर्दी, नाक बहना और शरीर में दर्द के है।

भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए

डॉ. रणदीप गुलेरिया ने यह भी बताया है कि यह आमतौर पर वायरल संक्रमण वाला सीजन है। इसमें फ्लू के मामले भी सामने आते हैं। वायरल इंफेक्शन की मुख्य वजहें तापमान में अंतर और भीड़-भाड़ है। इससे बचने के लिए लोगों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए। लोगों को भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए। समय समय पर हाथ स्वच्छ करते रहना चाहिए। पहले से गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को भीड़ में जाने से परहेज करना चाहिए और मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए।

एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. गुलेरिया ने बताई ये बात

इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनल मेडिसिन एंड रेस्पिरेटरी एंड स्लीप मेडिसिन के अध्यक्ष और मेदांता में चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताया है कि जेएन 1 प्रमुख वैरिएंट (Variant) के रूप में उभर रहा है। यह अधिक संक्रामक है इसी वजह से यह फैल रहा है। यह प्रतिरक्षा को चकमा दे सकता है। मामले बढ़े हैं लेकिन लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ रही है। इस लिए यह हल्का वैरिएंट है।

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जीनोमिक्स कंसोर्टियम के अध्यक्ष डॉ. एनके अरोड़ा

वहीं कोविड-19 के नए वैरिएंट जेएन 1 पर (INSACOG) के अध्यक्ष डॉ. एनके अरोड़ा (Dr. NK Arora) ने बताया है कि अक्टूबर लेकर अब तक पिछले 8 सप्ताह में, हमने इसके 22 मामले देखे है। कोई सबूत नहीं है कि यह बहुत तेजी से फैल रहा है। इसके लक्षण बहुत कॉमन हैं। लक्षणों के अनुसार जेएन 1 को अन्य वेरिएंट से अलग नहीं किया जा सकता है। इसकी वजह से अस्पतालों में भीड़ नहीं बढ़ी है। घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन हमें सतर्क रहना चाहिए।

स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज के मुताबिक

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज (Minister Saurabh Bhardwaj) के मुताबिक कोरोना वायरस का नया सब वेरिएंट जेएन 1 संक्रामक है, लेकिन इसके लक्षण हल्के हैं। दिल्ली सरकार इससे निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी के बीच अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली सरकार जीनोम अनुक्रमण की निगरानी बढ़ाएगी। दिल्ली में पहले ही ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटिलेटर से लैस बिस्तरों और अन्य जरूरी चीजों की समीक्षा की जा रही है।

कोरोना के नियम का पालन करना आवश्यक

कोरोना के नए वैरिएंट से बचने के लिए कोरोना के नियमों का पालन करना जरूरी है। मास्क पहनना (Wear Mask), सोशल डिस्टेंसिंग और साफ-सफाई जरूरी है। इससे संक्रमण से सुरक्षित रहा जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग और विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन का कहना है कि फिलहाल पैनिक होने की जरूरत नहीं है। बस सावधानी जरूर बरते। डब्ल्यूएचओ (WHO) ने बीते बुधवार को कोरोना को वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट के रूप में वर्गीकृत किया है।

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने गाइडलाइन जारी की

गाइडलाइन (Guideline) में बताया है कि भीड़-भाड़ वाले या बंद स्थान और दूषित हवा वाले इलाकों में मास्क जरूर पहनें। सोशल डिस्टेंसिंग को भी आदत में डालें। यह जरूरी भी है कि कोरोना के नए वैरिएंट जेएन 1 के मरीज बढ़ने के बाद कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में एडवाइजरी जारी की गई है।

स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी में बताई ये बात

राज्य के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग (Medical Department) ने एडवाइजरी में बताया कि अगर खांसी, बुखार, हल्की सर्दी, जुकाम और गले में खराश से पीड़ित मरीज समय पर चिकित्सकीय सलाह लें। तो बीमारी को प्रभावी ढंग से और तुरंत नियंत्रित किया जा सकता है। एडवाइजरी में बताया गया है कि अगर संक्रमण के लक्षण दिखाई देते हैं तो निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर की सलाह के मुताबिक कोविड-19 का परीक्षण और उपचार समय पर किया जाना चाहिए।