सरकार दे रही 50 प्रतिशत सब्सिडी
MP News: मध्य प्रदेश में किसान नई तकनीक का इस्तेमाल करते हुए आधुनिक खेती (Modern Farming) की ओर अग्रसर हो रहे हैं। इस दिशा में सीएम मोहन यादव (CM Mohan Yadav) की पहल और सरकार की योजनाओं ने किसानों को आधुनिक कृषि अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया है। ऐसे में प्लास्टिक मल्चिंग किसानों (Plastic Mulching Farmers) के लिए सबसे बेहतरीन उदाहरण साबित हो रही है। इससे न केवल पानी की बचत हो रही है, बल्कि फसल की गुणवत्ता और उत्पादन भी बढ़ रहा है। राज्य सरकार इस तकनीक पर 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी भी दे रही है। पढ़िए पूरी खबर…

संरक्षित खेती से बढ़ रहा मुनाफा
ग्रामीण उद्यान अधिकारी सत्यनारायण सिंह (Satyanarayan Singh) ने कहा कि प्लास्टिक मल्चिंग तकनीक न केवल खेती के जोखिम को कम कर रही है, बल्कि किसानों की आमदनी बढ़ाने में भी अहम भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि खराब मौसम, असमय बारिश, अधिक तापमान और कीट-रोगों के कारण किसानों को पहले भारी नुकसान उठाना पड़ता था। सीएम मोहन यादव की दूरदर्शिता और उद्यानिकी विभाग की सक्रिय पहल से अब किसानों को संरक्षित खेती अपनाने की सलाह दी जा रही है। प्लास्टिक मल्चिंग इसी संरक्षित खेती का बेहतरीन उदाहरण है, जिससे मिट्टी की नमी बनी रहती है, खरपतवार पर नियंत्रण होता है और फसल को अनुकूल वातावरण मिलता है।
राज्य सरकार का 50 प्रतिशत सब्सिडी प्रावधान
ग्रामीण उद्यान अधिकारी ने कहा कि सीएम मोहन यादव की अगुवाई में प्रदेश सरकार ने प्लास्टिक मल्चिंग से खेती करने वाले किसानों को कुल लागत का 50 प्रतिशत तक अनुदान देने का निर्णय लिया है। इससे खेती की लागत घटेगी और किसान कम जोखिम में बेहतर उत्पादन ले सकेंगे।
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विंध्य क्षेत्र के किसान कर रहे तेजी से अपनाना
ग्रामीण उद्यान अधिकारी सत्यनारायण सिंह ने कहा कि विंध्य क्षेत्र के किसान इस तकनीक को तेजी से अपना रहे हैं। यहां प्लास्टिक मल्चिंग से सब्जियों और उद्यानिकी फसलों की खेती कर किसान अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। मल्चिंग से खरपतवार की समस्या लगभग समाप्त हो जाती है, जिससे बार-बार निराई गुड़ाई की जरूरत नहीं पड़ती। साथ ही कीटनाशकों का उपयोग भी कम होता है। सीएम मोहन यादव की योजना के तहत प्रति हेक्टेयर अधिकतम 16 हजार रुपए से 32 हजार रुपए तक की सब्सिडी दी जा रही है। न्यूनतम 250 वर्ग मीटर क्षेत्र वाले किसान भी इसके लिए पात्र हैं।
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किसान एमपी ऑनलाइन सेंटर या मध्य प्रदेश वाटरशेड मिशन (MP Watershed Mission) की वेबसाइट के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। जरूरी दस्तावेजों में आधार कार्ड, खसरा, बैंक पासबुक, फोटो और जाति प्रमाण पत्र शामिल हैं। यह योजना पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर लागू की जा रही है। उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों की सलाह है कि किसान समय रहते आवेदन करें और सीएम मोहन यादव की देखरेख में अपनाई जा रही आधुनिक तकनीक के माध्यम से खेती को लाभकारी बनाएं।
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अधिक जानकारी कहां से लें?
योजना से संबंधित विस्तृत जानकारी के लिए किसान उद्यानिकी विभाग की आधिकारिक वेबसाइट mphorticulture.gov.in पर विजिट कर सकते हैं। इसके अलावा अपने क्षेत्र के नजदीकी ग्रामीण उद्यान अधिकारी से भी संपर्क कर मार्गदर्शन प्राप्त किया जा सकता है।

