Punjab

प्रधानमंत्री यूक्रेन युद्ध रूकवा सकते हैं, तो पराली का धुआं क्यों नहीं! Bhagwant Maan का केंद्र पर हमला…

पंजाब
Spread the love

Punjab में पराली जलाने की समस्या को लेकर CM Maan ने केंद्र सरकार पर तंज कसा है।

Punjab News: पंजाब में पराली जलाने के मामले बढ़ रहे हैं। पंजाब के सीएम भगवंत मान (CM Bhagwant Maan) ने केंद्र पर तंज कसते हुए कहा कि यदि पीएम मोदी (PM Modi) यूक्रेन युद्ध रोक सकते हैं तो क्या वह यहां पराली का धुआं नहीं रोक सकते? सीएम मान का कहना है कि पराली जलाने (Stubble Burning) की समस्या केवल एक राज्य तक सीमित नहीं है। यह पूरे उत्तर भारत का मुद्दा है। प्रधानमंत्री को इस गंभीर मुद्दे पर बैठक बुलाकर जल्द से जल्द इसका हल निकालना चाहिए। पढ़िए पूरी खबर…
ये भी पढ़ेः Punjab: ईधन की 20 प्रतिशत मांग को Biofuel के जरिए पूरा करने का लक्ष्य: मंत्री अमन अरोड़ा

ख़बरीमीडिया के Whatsapp ग्रुप को फौलो करें https://whatsapp.com/channel/0029VaBE9cCLNSa3k4cMfg25

आपको बता दें कि पंजाब (Punjab) में पराली जलाने के मामले बढ़ रहे हैं। अब कुल मामलों की गिनती बढ़कर 1348 हो गई है। शुक्रवार को 59 नए मामले हुए। सरकार के दावों के विपरीत इस सीजन में पराली जलाने के कुल मामलों का आंकड़ा पिछले साल 2023 का रिकॉर्ड तोड़ने के नजदीक है।

पिछले साल 15 सितंबर से लेकर अब तक पराली जलाने के कुल मामले 1407 हो गए थे। लेकिन साल 2022 में इस दौरान पराली जलाने के 2189 मामले हुए थे। आंकड़ों के मुताबिक, आज के ही दिन पंजाब में साल 2022 में पराली जलाने के 342 और साल 2023 में 18 मामले हुए थे।

Pic Social Media

सीएम भगवंत मान ने केंद्र पर कसा तंज

पराली जलाने की समस्या पर सीएम भगवंत मान (CM Bhagwant Maan) ने कहा कि पराली जलाने की समस्या के लिए केवल पंजाब को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। सीएम मान ने केंद्र सरकार पर चुटकी लेते हुए कहा कि अगर पीएम यूक्रेन का युद्ध रुकवा सकते हैं तो पराली का धुआं क्यों नहीं?

सीएम मान ने कहा कि पराली जलाने (Stubble Burning) की समस्या पूरे उत्तर भारत की है। इसके लिए केंद्र सरकार को विशेष तौर पर प्रधानमंत्री को पूरे उत्तर भारत के राज्यों की एक बैठक बुलानी चाहिए और इसका हल निकालना चाहिए। सीएम ने कहा कि पंजाब का किसान धान उगाना ही नहीं चाहता क्योंकि प्रदेश में पहले भू-जल स्तर नीचे चला गया है। धान की जगह प्रदेश का किसान वैकल्पिक खेती तलाश रहा है, लेकिन इसमें भी एक बड़ी समस्या है कि उन्हें उस पर उचित एमएसपी नहीं दी जाती है।

हम पराली जलाना रोकने के लिए मुआवजे की मांग कर रहे

सीएम मान ने कहा कि किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को मिलकर उन्हें मुआवजा दिया जाना चाहिए, जिससे वह ऐसा ना करें। उन्होंने कहा-दिल्ली में बैठे कई लोग बोलते हैं कि पंजाब में पराली जलने की वजह से पॉल्यूशन होता है, जबकि एनजीटी के एक पूर्व रिटायर्ड जस्टिस ने बीते दिनों अपने आदेश में यह स्पष्ट कर दिया था कि पंजाब में पराली जलने की वजह से दिल्ली में वायु पॉल्यूशन नहीं होता है।

पंजाब सरकार ने किसानों को 1.25 लाख मशीनें दी

सीएम मान ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार राज्य सरकार को किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए कह रही है, लेकिन केवल प्रोत्साहन से काम नहीं चलेगा, हमें ठोस कदम उठाने की जरूरत है। पंजाब सरकार ने किसानों को 1.25 लाख मशीनें दी हैं।

पंजाब के 6 शहरों में एक्यूआई यलो जोन में रहा

पराली के लगातार जलने से पंजाब के 6 शहरों का एक्यूआई शुक्रवार को भी यलो जोन में रहा। इनमें सबसे अधिक 174 एक्यूआई मंडी गोबिंदगढ़ का दर्ज किया गया, जबकि अमृतसर का 154, बठिंडा का 115, जालंधर का 110, खन्ना का 109 और पटियाला का 114 दर्ज किया गया। वहीं लुधियाना का एक्यूआई 98 दर्ज किया गया। यह एक्यूआई मध्यम श्रेणी में है। डॉक्टरों के मुताबिक इस एक्यूआई में खास तौर से दमा, फेफड़ों व दिल के रोगों से पीड़ित मरीजों को सांस लेने में समस्या हो सकती है।

वहीं शुक्रवार को पंजाब में पराली जलाने के 59 नए मामले हुए, जिनमें सबसे अधिक 13 जिला पटियाला से रहे। वहीं, तरनतारन से 11, संगरूर से सात, अमृतसर से छह, बठिंडा से एक, फतेहगढ़ साहिब से दो, फिरोजपुर से पांच, गुरदासपुर से एक, जालंधर से दो, कपूरथला से तीन, लुधियाना से दो, मानसा से चार, मोगा से एक, मुक्तसर से एक मामला सामने आया।

ये भी पढ़ेः Punjab: अब, AI के जरिए होगी पंजाब के जेलों की सुरक्षा! समीक्षा बैठक में मंत्री Bhullar का निर्देश

पंजाब में अब तक पराली जलाने में जिला अमृतसर कुल 423 मामलों के साथ सबसे आगे चल रहा है। तरनतारन में 285, संगरूर में 123, एसएएस नगर में 26, मालेरकोटला में 23, पटियाला में 155, रूपनगर में दो, एसबीएस नगर में तीन, मुक्तसर में दो, मोगा में आठ, मानसा में 25, लुधियाना में 27, कपूरथला में 61, जालंधर में 15, गुरदासपुर में 43, फिरोजपुर में 81, फाजिल्का में आठ, फतेहगढ़ साहिब में 24, फरीदकोट में दो, बठिंडा व बरनाला में छह-छह पराली जलाने के मामले हो गए हैं।

PPCB के चेयरमैन आदर्श पाल विग के मुताबिक, लगातार पराली जलाने के मामलों की रोकथाम के लिए फील्ड में मानीटरिंग की जा रही है। उन्होंने माना कि आने वाले दिनों में पराली जलाने के मामले बढ़ सकते हैं, लेकिन बोर्ड की कोशिश रहेगी कि किसानों को आग लगाने से रोका जा सके। इसके लिए अगर सख्ती बरतनी पड़ी, तो वह भी की जाएगी। किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसानों के बारे में भी लगातार जागरूक किया जा रहा है।