Flat Registry को लेकर यूपी के 22 बिल्डरों को योगी सरकार का अल्टीमेटम
Noida News: नोएडा-ग्रेटर नोएडा के फ्लैट बायर्स (Flat Buyers) के लिए बड़ी और अच्छी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Sarkar) ने फ्लैटों की रजिस्ट्री (Flat Registry) न करवाने वाले बिल्डरों को सख्त चेतावनी दी है कि अगर 15 दिन में फ्लैटों की रजिस्ट्री (Registry) शुरू नहीं कराई तो उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। साथ ही अमिताभ कांत समिति (Amitabh Kant Committee) की सिफारिशों के आधार पर जारी शासनादेश से छूट पाने वाले जिन बिल्डरों ने अब तक कुल बकाया धनराशि का 25 प्रतिशत जमा नहीं किया है, उन बिल्डरों को आवंटित प्लॉटों का आवंटन कैंसिल करने और उनका प्रकरण आर्थिक अपराध शाखा को रेफर करने के निर्देश दिए। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने अमिताभ कांत पॉलिसी में रुचि न लेने वाले ऐसे 32 प्रोजेक्टो के बिल्डरो को बुलाकर लास्ट वार्निंग के साथ मीटिंग की। इनमें से 5 बिल्डरों ने और पैसा जमा कराया है तो वहीं 5 बिल्डर्स ने कहा कि उनका सुप्रीम कोर्ट में केस पेडिंग है। इन 10 के साथ बाकी के 22 बिल्डरों पर अथॉरिटी अब सख्त कार्रवाई करने की मूड़ में है।
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आपको बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की मंशा है कि फ्लैट खरीदारों के नाम रजिस्ट्री की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरा किया जाए। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने बिल्डर विभाग को बिल्डरों के साथ बैठक कर फ्लैट खरीदारों के नाम रजिस्ट्री के लिए जोर देने और लापरवाही करने वाले बिल्डरों के आवंटन कैंसिल करने के निर्देश दे दिए हैं। प्राधिकरण के एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव ने बिल्डरों के साथ बिल्डर प्रोजेक्टवार बैठक की गई। एसीईओ ने कहा कि अमिताभ कांत समिति की सिफारिश के आधार पर पिछले साल 21 दिसंबर को शासनादेश जारी किया गया। इस शासनादेश का लाभ लेते हुए कुल 98 परियोजनाओं में से 13 बिल्डरों ने कुल बकाया धनराशि जमा करा दी और 58 बिल्डरों ने 25 प्रतिशत धनराशि (लगभग 505 करोड़) जमा करा दी है।
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इस तरह कुल 71 बिल्डरों ने इस नीति का लाभ लिया है। इन 71 प्रोजेक्ट में 9558 फ्लैटों की रजिस्ट्री के लिए प्राधिकरण से अनुमति प्रदान की गई। जिसमें से 5 सितंबर तक 6624 फ्लैटों की रजिस्ट्री हो गई है। इन बिल्डरों के साथ बैठक में एसीईओ ने बाकी बचे फ्लैटों की रजिस्ट्री को जल्द से जल्द संपन्न करने के निर्देश दिए हैं। रजिस्ट्री की अनुमति से 6 माह तक बिना लेट फीस के रजिस्ट्री कराई जा सकती है। इसे ध्यान में रखते हुए एसीईओ ने बिल्डरों से बैठक में इस 6 माह में ही खरीदारों के नाम फ्लैटों की रजिस्ट्री कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही जिन बिल्डरों ने अभी तक 25 प्रतिशत धनराशि जमा नहीं कराई है। उनके प्लॉटों का आवंटन कैंसिल कर उसे कब्जे में लेने के निर्देश दिए। साथ ही इन परियोजनाओं की जांच आर्थिक अपराध शाखा को रेफर करने और सरकार से फॉरेंसिक ऑडिट कराने की संस्तुति लेने के भी निर्देश दिए।