Uttarakhand: दंगाइयों से सख्ती से निपटेगी धामी सरकार, यह है बड़ी तैयारी
Uttarakhand News: उत्तराखंड में धामी सरकार दंगा रोकने और दंगाइयों से निपटने के लिए सख्त से सख्त कदम उठा रही है। इसी क्रम में पुष्कर सिंह धामी सरकार (Pushkar Singh Dhami Government) ने गैरसैंण मानसून सत्र के पहले दिन उत्तराखंड लोक और निजी संपति क्षति वसूली अध्यादेश सदन के पटल पर पेश किया। आज इसे विधेयक के रूप में पेश किया जाएगा और चर्चा के बाद यह पारित हो सकता है। इसके साथ ही उत्तराखंड (Uttarakhand) में दंगाइयों से नुकसान की भरपाई के लिए जल्द कानून अस्तित्व में आ जाएगा। बुधवार को सदन में शाम 5 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते हुए संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने यह अध्यादेश सदन में पेश किया।
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आपको बता दें कि मार्च में धामी सरकार (Dhami Sarkar) ने कैबिनेट से अध्यादेश को मंजूरी देते हुए इसे लागू कर किया था लेकिन अध्यादेश की संवैधानिक समय सीमा छह माह खत्म होते देख इसे सदन के पटल पर पेश किया गया है, जिससे इसे विधिवत कानून की शक्ल दी जा सके। अध्यादेश में हड़ताल, विरोध, प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक और निजी सम्पत्ति को होने वाले नुकसान की भरपाई का प्रावधान किया गया है।
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ट्रिब्यूनल का होगा गठन
धामी सरकार (Dhami Sarkar) द्वारा लाए गए इस कानून के तहत नुकसान की भरपाई के लिए रिटायर्ड जिला जज की अध्यक्षता में स्वतंत्र ट्रिब्यूनल का गठन किया जाएगा। इस ट्रिब्यूनल (Tribunal) को सिविल कोर्ट के बराबर ही शक्तियां प्रदान की गई हैं। अध्यादेश (Ordinances) में बताया गया है कि सार्वजनिक सम्पत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के लिए संबंधित विभागाध्यक्ष घटना के तीन महीने के भीतर ट्रिब्यूनल के सामने अपील करेंगे।
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हड़ताल और बंद बुलाने पर कड़ा एक्शन
अध्यादेश के प्रावधान किया गया है कि दंगा करने वालों से 8 लाख तक का जुर्माना और दंगा नियंत्रण में सरकारी और दूसरे काम पर आने वाले खर्च की भरपाई भी की जाएगी। धामी सरकार के इस कदम से राज्य में दंगा, फसाद, हड़ताल, बंद जैसे उपद्रव और अशांति के दौरान निजी और लोक संपत्ति को क्षति पहुंचाने वाले अब बच नहीं पाएंगे।
दंगा के खिलाफ सख्त प्रावधान
अध्यादेश के अनुसार क्षति पर संपत्ति के नुकसान की वसूली के साथ कड़ी सजा भुगतनी पड़ेगी। खासकर सरकारी, निजी संपत्ति के नुकसान की भरपाई के अलावा दंगे के दौरान किसी के अंग-भंग करने पर भी इलाज का पूरा खर्चा दंगाई से वसूला जाएगा।