कहानी..Zee हिंदुस्तान की..जानिए क्यों बंद हुआ चैनल?

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कुमार जलज की कलम से..

बचपन में तकरीबन हम सभी को एक खेल खेलना बहुत अच्छा लगता था। ‘छुपन-छुपाई’… सामने वाला, खेल में शामिल सभी को तलाशने में जी-जान लगा देता था। तभी कोई पीछे से आकर पीठ पर एक हाथ मारकर बोल देता “धप्पा” .. सामने वाला शॉक्ड..क्योंकि उस वक्त वो लाचार महसूस करने लगता..क्योंकि फिर से ज़ीरो यानि शून्य से शुरुआत

नेशनल न्यूज़ चैनल ज़ी हिंदुस्तान में काम करने वाले पत्रकारों के साथ भी यही हुआ। यहां भी मालिक ने अपने यहां काम करने वाले 300 कर्मचारी जिसमें पत्रकारों के साथ दूसरे विभाग के लोग शामिल थे, एक झटके में बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। दलील ये दी गई कि एक ही बुके में दो-दो नेशनल चैनल का क्या काम ? चैनल अब डॉक्यूमेंट्री चैनल बनेगा।

संपादक को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि करें तो क्या ? क्योंकि एक परिवार टूट रहा था..लोगों के सपने बिखर रहे थे। आंखों के सामने लोगों की उम्मीद भरी शक्ल बार बार आ रही थी। घर की EMI का क्या होगा? बच्चों की पढ़ाई कैसे चलेगी? घर का खर्चा कैसे चलेगा ? मां-पिताजी का इलाज कैसे होगा..ये वो बुनियादी सवाल हैं जो इस चैनल में काम करने वाले 99.9% कर्मचारियों के जहन में चल रही है। लेकिन सिवाए अंधेरे के इनके सामने कुछ भी नहीं है।

मालिक ने एक झटके में इन्हें सड़क पर ला दिया। हाथ में क्या दिया.. 25 दिन की सैलरी…साथ में दो महीने का बेसिक..जोड़ा जाए तो करीब एक महीने की सैलरी..सबसे इस्तीफा लिखवाया गया। कुछ को छोड़कर। और उसके बाद नमस्ते। ये जानने की जहमत नहीं उठाई कि अब उनके भविष्य का क्या होगा? और सोचें भी क्यों? कौन उन्होंने अपने रिश्तेदार को बाहर किया है। क्योंकि अगर ज़रा सी भी इंसानियत होती तो एक महीने नहीं बल्कि 3 महीने की सैलरी अलग से देते। और तो छोड़िए इस महीने की सैलरी भी 5 दिन काट दी। मतलब 110% बनियागिरी..कुल मिलाकर देखें तो पिछले एक महीने में ज़ी ग्रुप से करीब 1000 लोगों की छंटनी की जा चुकी है। दूसरे की आवाज बनने वाले आज खुद लाचार बनकर रह गए हैं। अपनी लाचारी बताए भी तो किसे ? चैनल को सोची समझी रणनीति के तहत बंद किया गया। सबसे पहले चैनल को टीआरपी की रेस से बाहर किया गया..और फिर तालाबंदी का फैसला।

ज़ी हिंदुस्तान का सफर शुरुआती दिनों से ही उठा-पटक भरा रहा। ये चैनल कई दफा रिलॉन्च हो चुका है।  सबसे पहले

ज़ी यूपी से ज़ी संगम

ज़ी संगम से- इंडिया 24X7

इंडिया 24X7- ज़ी हिंदुस्तान

जगदीश चंद्रा के नेतृत्व में फिर से रिलॉन्च

शमशेर सिंह के नेतृत्व में रिलॉन्च

मैनेजिंग एडिटर शमशेर सिंह ने जब ज़ी हिंदुस्तान ज्वाइन किया तो लोगों की उम्मीदें बढ़ी। 1-1.5 टीआरपी से चैनल की टीआरपी 4-4.5 पहुंच गई। लोगों की उम्मीदें और बढ़ गई। चैनल अच्छा परफॉर्म कर रहा था। लेकिन इससे ज्यादा कुछ अच्छा कर पाते या फिर सोच पाते इसके पहले ही एक बार फिर से ‘धप्पा’

((लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं और कई मीडिया हाउस में काम कर चुके हैं। लेख में उनकी राय निजी है।))

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