क्या नीतीश बाबू फिर से पलटी मारेंगे? पढ़िए पूरी ख़बर

बिहार राजनीति

कुमार विकास, ख़बरीमीडिया

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कब इधर से उधर हो जाये ये सिर्फ और सिर्फ वही बता सकते हैं। इस बात को लेकर एक बार फिर से बिहार और देश की राजनीति में सुगबुगाहट तेज हो गई है। कि क्या नीतीश कुमार 2024 लोकसभा चुनाव से पहले INDIA गठबंधन का साथ छोड़कर एनडीए के हिस्सा बनने जा रहे है।

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सवाल उठने पीछे बहुत सारे कारण जो समय के साथ खड़ा हो रहे हैं। राजनीतिक पंडित कयास भी लगाने शुरू कर दिए है कि नीतीश कुमार लोकसभा का चुनाव या तो अकेले या एक बार फिर से एनडीए के साथ लड़ सकते है। हालांकि गृह मंत्री अमित शाह ,बिहार बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने अपने बयानों से साफ कर दिया है कि नीतीश कुमार के साथ बीजेपी कभी गठबंधन नहीं करेगी। लेकिन राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ये कहकर सुगबुगाहट तेज कर दी कि हमने किसी का साथ नहीं छोड़ा है और जो छोड़ कर आना चाहते है उनका स्वागत है जिसके कई मायने भी निकाले जा रहे है।

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लेकिन हम आपको कुछ ऐसे तथ्य बताते है जो सीधे सीधे नीतीश कुमार के अगले कदम के तरफ इशारा कर रहा है कि क्या होने जा रहा है।

सबसे पहले हम बात करते है जी20 सम्मेलन के दिन की जब राष्ट्रपति के द्वारा रात्रिभोज का आयोजन किया गया था जिसमे कांग्रेस के कई मुख्यमंत्री ने आने से मना कर दिया था लेकिन नीतीश कुमार जो नरेंद्र मोदी के खिलाफ 2024 के लिए सबसे पहले मोर्चा खोले थे और इंडिया गठबंधन की बुनियाद रखे थे वो दिल्ली आये और रात्रिभोज में शामिल भी हुए। यहां खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से परिचय भी कराया जिसका संदेश आम लोगों तक भी गया। गठबंधन टूटने के बाद ये पहला मौका था जब पीएम और नीतीश कुमार की मुलाकात हुई थी।

दूसरी सबसे बड़ी बात है कि शनिवार को जी20 का सम्मेलन था और उसी रात राष्ट्रपति के रात्रिभोज में नीतीश कुमार की प्रधानमंत्री से मुलाकात हुई और रविवार छुट्टी के दिन केंद्र सरकार ने बिहार सरकार की झोली भर दी। 15 वें वित्तिय आयोग ने 2023-24 के लिए बिहार सरकार को पंचायत के विकास के लिए 3884 करोड़ रुपये आवंटित किये थे जिसमें से 1942 करोड़ रुपये मुलाकात के अगले दिन ही बिहार सरकार के खाते में चले गए जिसके बाद हर कोई ये सोचने पर मजबूर हो गया कि क्या प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के बीच एक ही रात में सब कुछ सही हो गया है।

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तीसरी सबसे बड़ी वजह है इंडिया गठबंधन की पहली कोऑर्डिनेशनल कमिटी की पहली बैठक शरद पवार के घर पर होनी है और मीटिंग से पहले कमिटी में जदयू के तरफ से शामिल लल्लन सिंह का बीमार हो जाना ये नीतीश के अगले रणनीति के तरफ सोचने पर मजबूर करता है।

चौथी वजह से नीतीश कुमार का जी20 की बैठक से पटना पहुँच कर अपने सभी नेताओं के साथ बैठक की और अपने जिलाध्यक्ष को टिकट को लेकर अस्वस्थ रहने को कहा और किसी को भी इधर उधर जाने से मना किया।

पांचवीं और सबसे महत्वपूर्ण वजह है लालू परिवार पर एक और फिर से भ्रष्टाचार का आरोप लगना जो 2017 में अलग होने का मुख्य कारण बना था ।दरअसल गृह मंत्रालय ने सीबीआई को सप्लीमेंट चार्जशीट के आधार पर लैंड फ़ॉर जॉब मामले में लालू यादव सहित उनके परिवार पर केस चलाने की इजाज़त दे दी है जिससे ये सवाल खड़े होने लगे है कि कही नीतीश कुमार अपनी साफ छवि को बचाने के लिए एक बार फिर से एनडीए में शामिल न हो जाये।

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