Haldwani Violence: उत्तराखंड के हल्द्वानी में हुई हिंसा तो अब शांत हो गई है, लेकिन अब पुलिस (Police) हिंसा की आग भड़काने वालों को खोज रही है। हल्द्वानी के वनभूलपुरा हुए हिंसा में पथराव, आगजनी, पेट्रोल बम फेकने वाले पांच आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया है। बताया जा रहा है कि गिरफ्तार किए गए लोगों में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता का एक भाई, दो निवर्तमान पार्षद, एक खनन कारोबारी और एक अन्य व्यक्ति शामिल है। हिंसा के मास्टर माइंड (Master Mind) की खोज की जा रही है। फिलहाल पुलिस को सबसे ज्यादा शक अब्दुल मलिक (Abdul Malik) पर है जो फरार चल रहा है। गिरफ्तार आरोपियों से पुलिस पूछताछ करके अन्य लोगों का पता लगाने का प्रयास कर रही है। बता दें कि इसके साथ ही पुलिस ने हिंसा से जुड़े करीब 50 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है।
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8 फरवरी को वनभूलपुरा में हुई हिंसा मामले में एसएसपी प्राद नारायण मीणा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई बड़ी जानकारी दी। वनभूलपुरा उपद्रव में पुलिस ने 19 नामजद और करीब 5000 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। एसएसपी ने कहा कि नामजद आरोपियों में से सपा के उत्तराखंड प्रदेश प्रभारी अब्दुल मतीन सिद्दीकी के भाई लाइन नंबर 17 निवासी सपा कार्यकर्ता जावेद सिद्दीकी, निवर्तमान पार्षद लाइन नंबर 16 निवासी महबूब आलम, लाइन नंबर 14 इंद्रानगर निवासी जीशान परवेज, लाइन नंबर 12 निवासी खनन कारोबारी अरशद अय्यूब और लाइन नंबर 3 निवासी डेरी संचालक असलम उर्फ असलम चौधरी को गिरफ्तार किया गया है। एसएसपी ने कहा कि पांचों को रिमांड पर लेकर हिंसा में शामिल अन्य लोगों के बारे में पूछताछ की जा रही है।
मास्टर माइंड अब्दुल मलिक की हो रही तलाश
मलिक का बगीचा पर कब्जा कर अवैध निर्माण कराने वाले अब्दुल मलिक भी इस हिंसा में नामजद है। वह अभी गायब चल रहा है। उसकी तलाश में भी टीमें लगी हुई हैं। प्रेस वार्ता के दौरान पुलिस से मास्टर माइंड कौन है ये सवाल पूछा गया तो एसएसपी ने कहा कि नजूल भूमि पर अवैध निर्माण पर ऐक्शन का सबसे ज्यादा विरोध अब्दुल मलिक ने किया था। इतने बड़े बवाल की गंभीरता से छानबीन हो रही है। मुख्य मास्टर माइंड कौन है एक या एक ज्यादा लोगों की सोची समझी साजिश है यह पता लगाया जा रहा है। भले ही मास्टर माइंड कोई हो लेकिन, अब्दुल मलिक पर सबसे ज्यादा शक है।
वीडियोग्राफी से की जा रही आरोपियों की पहचान
पांच लोगों की गिरफ्तारी के साथ ही पुलिस उपद्रवियों को चिह्नित कर उन्हें हिरासत में ले रही है। इसके लिए पुलिस ने 12 टीमों लगी हुई हैं। वनभूलपुरा में हुए उपद्रव की वीडियोग्राफी और मोबाइल वीडियो रिकॉर्डिंग से उपद्रवियों को पहचाना जा रहा है। पहचान के आधार पर पुलिस ने 50 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है।
हिंसा मामले में पुलिस के पास पहुंची चौथी तहरीर
वनभूलपुरा में हुई हिंसा के मामले में पुलिस के पास चौथी तहरीर पहुंची है। इस बार लिखित शिकायत नगर निगम के वाहन चालक संजू कुमार ने की है। जिसमें उन्होंने बताया है कि गुरुवार को मलिक का बगीचा से अतिक्रमण तोड़ने के बाद लौटते समय कुछ लोगों ने उन्हें रास्ते में रोककर मारपीट की और रुपये व मोबाइल छीन लिए। आरोपियों ने सरकारी वाहन को भी नुकसान पहुंचाया। एसओ वनभूलपुरा नीरज भाकुनी ने कहा कि मामला पूर्व में निगम की ओर से दर्ज एफआईआर में शामिल है। दोबारा पीड़ित से मिली शिकायत की जांच की जा रही है।
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5000 अज्ञात दर्ज केस
हिंसा मामले में 19 लोगों को नामजद करते हुए 5000 अज्ञात के खिलाफ पुलिस ने तीन अलग-अलग रिपोर्ट दर्ज की हैं। इनमें दंगा, आगजनी, लूटपाट, सरकारी व निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना और हत्या के प्रयास के साथ ही कई अन्य धाराएं लगाई गई हैं। सभी धाराएं गंभीर हैं। इन सभी में 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है। पुलिस जांच रिपोर्ट के बाद चार्जशीट दाखिल करेगी। वहीं कोर्ट में सुनवाई के बाद जो भी आरोपी पर दोष साबित होगा, उन्हें अपनी उम्र सलाखों के पीछे काटनी पड़ सकती है।