Lok Sabha Chunav 2024: आगामी लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है जो कुल 7 चरणों में होगा। लेकिन इस बार के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) बहुत सी ऐसी सीट है। जहां परिवार के सदस्य ही एक दूसरे के दुश्मन बन बैठे है और चुनाव में उन्हीं के खिलाफ ताल ठोक रहे है। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के सबसे कद्दावर नेता रहे स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) की पुस्तैनी सीट रही मैनपुरी सीट (Mainpuri Seat) पर चुनाव काफी दिलचस्प होता दिख रहा है। जहां मुलायम सिंह की दोनों बहू आमने-सामने चुनाव लड़ती हुई दिख सकती है।
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उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीट (Lok Sabha Seat) पर 7 अलग-अलग चरणों में चुनाव होने है। जिसमें मैनपुरी सीट पर तीसरे चरण में 7 मई को मतदान होगा।लेकिन यहां का चुनाव यूपी इतिहास का सबसे रोचक चुनाव बनता हुआ दिख रहा है क्योंकि समाजवादी पार्टी ने यहां से अपना उम्मीदवार मुलायम सिंह यादव की बड़ी बहू डिंपल यादव (Dimpal Yadav) को बनाया है तो वहीं यूपी की 51 सीटों पर अपना उम्मीदवार उतार चुकी बीजेपी ने अभी तक मैनपुरी सीट पर पत्ते नहीं खोले है।
लेकिन सियासी गलियारों से जो खबर निकलकर बाहर आ रही है उसके अनुसार मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) की ही छोटी बहू और पिछले विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुई अपर्णा यादव को बीजेपी अपना उम्मीदवार बना सकती है।
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) का 10 अक्टूबर 2023 को निधन हो गया था। वो मैनपुरी (Manpuri) के सांसद थे। लेकिन मुलायम सिंह की मौत के बाद हुए उपचुनाव में डिंपल यादव ने जीत दर्ज की थी।
उत्तर प्रदेश की मैनपुरी सीट (Mainpuri Lok Sabha Seat) 1996 से समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) का गढ़ रही है। बीजेपी अभी तक इस सीट को कभी नहीं जीत पाई है।
1996 में मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) सपा की टिकट पर यहां से जीते। इसके बाद कोई और पार्टी यहां से चुनाव नहीं जीत पाई। 1998 और 1999 में एसपी के बलराम सिंह यादव इस सीट पर काबिज रहे। 2004 में एक बार मुलायम सिंह यादव जीते, लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद 2004 के उपचुनाव में धर्मेंद्र यादव मैनपुरी सांसद चुने गए। 2009 और 2014 में मुलायम फिर इस सीट से जीते। 2014 में मुलायम सिंह यादव ने मैनपुरी और आजमगढ़ दोनों सीटों से चुनाव लड़ा था। इसके बाद उन्होंने मैनपुरी लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था।
2014 में हुए उपचुनाव में मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के कुनबे के तेज प्रताप यादव सपा की टिकट पर चुनाव जीते। वह मुलायम सिंह यादव के बड़े भाई रतन सिंह यादव के बेटे रणवीर सिंह यादव के बेटे हैं। 2019 में भी यहां से मुलायम सिंह यादव चुनाव जीते। मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद हुए उपचुनाव में उनकी बहू डिंपल यादव (Dimpal Yadav) ने इस सीट पर जीत हासिल की। 1996 से यह सीट सपा की घरेलू सीट रही है। 2014 में मोदी लहर के बावजूद मुलायम सिंह यादव ने बड़ी जीत हासिल की थी।
लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में अगर बीजेपी डिंपल यादव के सामने मुलायम सिंह की बहू अपर्णा यादव (Aparna Yadav) को टिकट देती है तो फिर इतिहास बदल सकता है। यहीं नहीं डिंपल यादव इन दिनों अपने क्षेत्र मैनपुरी में सक्रिय है। इसी दौरान जब पत्रकारों ने उनसे बीजेपी नेता अपर्णा यादव की सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात को लेकर सवाल किया तो डिंपल यादव ने कहा कि, “मुझे इस बात का संज्ञान नहीं है क्योंकि मैं अभी क्षेत्र में हूं और वो पहले भी मिलीं हैं कई बार और अब भी मिल रही है तो इसमें कोई रोक टोक तो नहीं हैं। कोई भी किसी से भी मिल सकता है।”
दरअसल अपर्णा यादव (Aparna Yadav) ने इससे पहले दिल्ली में बीजेपी के महामंत्री सुनील बंसल से भी मुलाकात की थी और अब वो सीएम योगी से मिली है। ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी उन्हें मैनपुरी लोकसभा सीट से डिंपल यादव के खिलाफ मैदान में उतार सकती है। अगर ऐसा होता है तो मैनपुरी में देवरानी (अपर्णा यादव) और जेठानी (डिंपल यादव) के बीच मुकाबला हो सकता है जो पूरे लोकसभा चुनाव की 543 सीटों में सबसे रोचक बन सकता है। जहां मुलायम की एक बहू अपने ससुर की विरासत को बचाने के लिए मैदान में उतरेगी तो वहीं दूसरी बहु इस विरासत पर चोट देकर इतिहास बनाने के लिए लड़ेगी।