Vastu Shastra: हिंदू धर्म को मानने वाले वास्तु के हिसाब से ही चलने की कोशिश करते हैं। उनका मानना है कि अगर वास्तु (Vastu) के हिसाब से सभी चीजें व्यवस्थित होतो किसी भी काम में समस्या नहीं आती है। इसके लिए वास्तु शास्त्र भी है। वास्तु शास्त्र में हर दिशा और हर कोण का अपना महत्व बताया गया है। अगर आप दिशा की विशेषता के मुताबिक उस दिशा में काम करते हैं तो आपको उसका अच्छा रिजल्ट भी मिलता है। वास्तु शास्त्र में आठ दिशाएं बताई गई हैं और इन दिशाओं में से एक है ईशान कोण (Northeast)। ज्यादातर ज्योतिषाचार्य और पंडित जी हमको इस दिशा में पूजा करने या मंत्र जप करने को कहते हैं। इसका वजह भी है, क्यों इस दिशा को बेहद शुभ माना जाता है ? आइए इस खबर में हम विस्तार से जानते हैं।
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किस दिशा को कहते हैं ईशान कोण
वास्तु शास्त्र (Vaastu Shaastra) के मुताबिक घर, दफ्तर या फिर किसी भी भवन की उत्तर-पूर्व दिशा को ईशान कोण कहते हैं। इस दिशा को पवित्र दिशाओं में से एक माना जाता है। इस दिशा में बैठकर अक्सर धार्मिक और मांगलिक कार्यक्रम किये जाते हैं। वास्तु के मुताबिक, इस दिशा में बैठकर अगर मंत्र जप किये जाएं तो व्यक्ति को जल्दी सिद्धियां प्राप्त हो सकती हैं।
ईशान कोण का क्या है धार्मिक महत्व
धार्मिक दृष्टि से ईशान कोण को देवताओं का निवास स्थल होता है। इसीलिए ईशान कोण में घर या ऑफिस का पूजा स्थल बनाने की सलाह ज्योतिषाचार्यों द्वारा दी जाती है, और इस दिशा में बैठकर पूजा करने के लिए कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिशा में हमेशा सकारात्मक ऊर्जा का संचार बना रहता है। इसलिए वास्तु शास्त्र में भी और धर्म शास्त्रों में भी इस दिशा को बेहद शुभ और मंगलकारी माना है। अगर आप इस दिशा में साफ-सफाई बनाकर रखते हैं, घर का पूजा स्थल यहां बनाते हैं तो आपके जीवन में भी सकारात्मकता बनी रहती है और किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है।
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ईशान कोण से जुड़ी कुछ खास बातें
ईशान कोण जितना खुली और साफ रहेगा उतना ही लाभ पहुंचाएगा।
ईशान कोण देवताओं का निवास स्थल होता है इसलिए बाथरूम, जुते-चप्पल रखने की जगह, स्टोर रूप इस जगह नहीं बनाना चाहिए।
इस दिशा भारी चीजें रखने से भी आपको बचना चाहिए।
ईशान कोण में देवी-देवताओं की तस्वरी रखने से लाभ मिलता है।
पूजा स्थल के साथ ही इस दिशा में आप पौधे लगा सकते हैं।