PCOD Kya Hota Hai: PCOD Kya Hota Hai: पीसीओडी क्या हैं? कारण और उपचार
PCOD Kya Hota Hai: आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में क्या आपने कभी अनियमित पीरियड्स (Irregular Periods) या अचानक वेट बढ़ना आदि महसूस किए है, जो किसी भी तरह से ठीक नहीं हो रहे? ऐसे में ये पीसीओडी (PCOD) नामक स्थिति के संकेत हो सकते हैं। बता दें कि यह एक ऐसी बीमारी है जो महिलाओं (Women) के शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। आज हम आपको बताएंगे पीसीओडी, कारण और उपचार क्या होता है? पढ़िए पूरी खबर…
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क्या होता है PCOD?
आपको बता दें कि PCOD को पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के नाम से जानते है, यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें ओवरी में पानी की गांठे होती हैं। ये सिस्ट ओवरी द्वारा अधिक मात्रा में एन्ड्रोजन का उत्पादन करने के कारण होते हैं। और हार्मोनल असंतुलन नियमित मासिक चक्र को बाधित करता है, जिससे कई प्रकार के लक्षण और हेल्थ समस्याएं पैदा होती हैं।

जानिए PCOD के लक्षण क्या है?
महिलाओं में अनियमित पीरियड्स- पीसीओडी वाली महिलाएं अधिकतर असामान्य, अनियमित या लंबे मासिक चक्रों का अनुभव होता है।
बालों का अत्यधिक विकास- इसे हिर्सुटिज़्म कहा जाता है, इसमें महिलाओं के चेहरे, सीने और पीठ पर अतिरिक्त बालों का विकास होता है।
मुंहासे- हार्मोनल परिवर्तन गंभीर मुंहासों का कारण बन सकते है, विशेष रूप से चेहरे, सीने और ऊपरी पीठ पर हो सकते है।
वेट बढ़ना- कई पीसीओडी महिलाओं का वजन बढ़ता है और वजन कम होने लगता है।
बालों का पतला होना- महिलाओं के सिर के बाल पतले हो सकते हैं नहीं तो सर से बाल तेजी से झड़ने लगते है।
त्वचा का गहरा ब्लैक होना- महिलाओं के गर्दन, कमर और छाती के नीचे के क्षेत्र में त्वचा का रंग ब्लैक हो सकता है।
बांझपन की समस्या- महिलाओं में एंडोत्सर्ग की अनुपस्थिति का कारण PCOD महिलाओं में बांझपन का प्रमुख कारण है।
क्या होते हैं PCOD के कारण?
पीसीओडी का सही कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन इसमें कई कारण भूमिका निभा सकते हैं।
जेनेटिक्स (Genetics)
पीसीओडी प्रत्येक परिवार में पाया जाता है, जिससे यह संकेत मिलता है कि इसका एक आनुवंशिक (जेनेटिक) संबंध हो सकता है। अगर आपकी मां या बहन को पीसीओडी है तो आपको इसके होने की आशंका अधिक हो जाती है।
इंसुलिन प्रतिरोध (Insulin Resistance)
बहुत सी महिलाएं पीसीओडी के साथ इंसुलिन प्रतिरोध (Insulin Resistance) का अनुभव करती हैं, जिसका अर्थ है कि उनका शरीर इंसुलिन का प्रभावशाली उपयोग नहीं कर पाता है। इससे इंसुलिन के स्तर में वृद्धि हो सकती है, जो एंड्रोजन के उत्पाद को बढ़ाया जा सकता है और ऑक्यूलेशन में बाधा डाली जा सकती है।
हार्मोनल असंतुलन (Hormonal Imbalance)
महिलाओं में हार्मोन की मात्रा बहुत ज़्यादा या बहुत कम हो जाती है, जैसे ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (LH) या प्रो-लैक्टिन की अधिकता, पीसीओडी में योगदान कर सकते हैं।
जानिए कैसे मिलेगा PCOD का चिकित्सा निदान
सबसे पहले डॉक्टर आपसे मासिक चक्र, वेट में बदलाव और कई लक्षणों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। और वे ज्यादा बालों के विकास, इंसुलिन प्रतिरोध और मुंहासे के संकेतों की भी जांच करेंगे।
खून की जांच- यह जांच हार्मोन स्तरों को मापते हैं, जिसमें एंड्रोजन, इंसुलिन और अन्य रिप्रोडक्टिव हार्मोन शामिल होते हैं।
अल्ट्रासाउंड- महिलाओं में एक पेल्विक अल्ट्रासाउंड के माध्यम से ओवरीज में कई सिस्ट की पहचान की जाती है, और गर्भाशय की परत की मोटाई का आकलन करता है।
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PCOD का इलाज
पीसीओडी का कोई इलाज नहीं है, लेकिन कई उपचारों से इसे रोका जा सकता है और स्वास्थ्य समस्याओं के खतरों को कम करने में मदद मिल सकती है, इसके लिए हमें यह पता होना चाहिए कि पीसीओडी क्या होता है।
आपको जीवनशैली में बदलाव लाना होगा- स्वस्थ आहार और नियमित योग के माध्यम से वेट घटाने में काफी सुधार किया जा सकता है और सामान्य मासिक चक्र को नियमित रूप से किया जा सकता है।
दवाएं (Medicines)- लक्षणों के आधार पर आपको मासिक चक्र को नियमित करने, एंड्रोजन स्तर को कम करने और इंसुलिन प्रतिरोध को सुनिश्चित करने के लिए कई प्रकार की दवाएं दी जा सकती हैं।
हार्मोनल थेरेपी (Hormonal Therapy) का उपाय- जन्म नियंत्रण की गोलियां या हार्मोनल पैच मासिक चक्र को रोज करने और एंड्रोजन स्तर को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं।
प्रजनन उपचार (Fertility Treatments)– अगर गर्भधारण करना उद्देश्य है, तब ओव्यूलेशन प्रेरण दवाओं या सहायक फर्टिलिटी तकनीक के माध्यम से यह संभव किया जा सकता है। इसके लिए फर्टिलिटी इलाज की रिकमेन्डेशन की जा सकती है।
PCOD में कैसा आहार लेना चाहिए
आपको उन खाद्य पदार्थों का चयन करें जिनका लो ग्लाइसेमिक इलेक्ट्रोड (Low Glycemic Electrode) कम है, क्योंकि वे रक्त शर्करा के स्तर में धीरे-धीरे वृद्धि करते हैं। साबुत अनाज, दाल, फल और बिना स्टार्च वाली सब्जियां आदि खा सकते हैं।
संतुलित आहार- अपने आहार में कई प्रकार के पोषक तत्व शामिल करें, जैसे- लीन प्रोटीन, स्वस्थ वसा और जटिल कार्बोहाइड्रेट आदि।
फूड प्रोसेसिंग से बचें- आपको पैकेटबंद और मीठे खाद्य पदार्थ का सेवन कम करें जो इंसुलिन स्तर को काफी तेजी से बढ़ा सकते हैं।
हेल्दी फैट्स: एवोकाडो, अखरोट, बीज और जैतून के तेल जैसे स्वस्थ वसा के संसाधनों को शामिल करें।
भोजन- डेली संतुलित भोजन करने से रक्त शर्करा के स्तर को नुकसान पहुंचाने और प्रतिरोध प्रतिरोध को कम करने में मदद करता है।
पीसीओडी और बांझपन
बता दें कि पीसीओडी महिलाओं में बांझपन के प्रमुख कारणों में से एक माना जाता है। यह हार्मोनल असंतुलन ओवरीज (Hormonal Imbalance Ovarian) से अंडाणु के विकास और रिलीज में बाधा उत्पन्न कर सकता है, जो गर्भधारण के लिए बहुत जरूरी होता है। लेकिन, कई महिलाएं पीसीओडी के साथ जीवनशैली में कॉफी अन्तर, दवाओं और प्रजनन के इलाज की मदद से गर्भ धारण कर सकती हैं। महिलाओं में स्वस्थ वेट बनाए रखना, संतुलित भोजन का पालन करना और तनाव को प्रबंधित करना गर्भधारण की संभावनाओं में कॉफी सुधार करता है।
हेल्थ एक्सपर्ट्स (Health Experts) के मुताबिक ये छोटे-छोटे बदलाव न सिर्फ पीसीओडी को नियंत्रित करने में मदद करते हैं, बल्कि आपके हेल्थ को भी सुधारने में मदद करते हैं। अगर इन टिप्स से आपको राहत न मिले, तो डॉक्टर से सलाह लेना न भूलें।