Uttarakhand: उत्तराखंड में भीख मांगने वाले बच्चों को मिलेगा नया जीवन, CM धामी ने शुरू किया अभियान
Uttarakhand News: उत्तराखंड में बच्चों के भविष्य को संवारने की दिशा में धामी सरकार ने बड़ा कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) के नेतृत्व वाली सरकार ने बच्चों के अधिकारों और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए भीख मांगने की समस्या को खत्म करने का संकल्प लिया है। इसी क्रम में धामी मंत्रीमंडल (Dhami Cabinet) की मंजूरी के बाद उत्तराखंड (Uttarakhand) में स्ट्रीट चिल्ड्रन पुनर्वास पॉलिसी (Street Children Rehabilitation Policy) को जमीन पर उतारने की कार्रवाई तेजी के साथ शुरू हो गई है। गरीब बच्चों के जीवन में बदलाव लाने के लिए जिस तरह से पॉलिसी प्रावधान किए गए हैं, उसे लागू होने के बाद उत्तराखंड में एक भी बच्चा सड़क पर भीख मांगता हुआ नहीं दिखाई देगा।

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उत्तराखंड में शुरू हुआ धामी सरकार का पुनर्वास अभियान
स्ट्रीट चिल्ड्रन पुनर्वास पॉलिसी (Street Children Rehabilitation Policy) में सरकारी विभागों के साथ ही समाज के सभी हितधारकों की जिम्मेदारी निर्धारित की गई है। मसलन यदि कोई कारोबारी या दुकानदार है तो वह अपने प्रतिष्ठान के आसपास भीख मांगने वाले बच्चों की जानकारी टीम को देगा। इसके साथ ही जिलाधिकारी को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से तैयार एसओपी के अनुसार ऐसे बच्चों के संरक्षण और पुनर्वास के लिए कार्य करना होगा।
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पोर्टल पर देनी होगी सूचना
धामी सरकार (Dhami Government) की इस पॉलिसी के मुताबिक, सड़क जैसी परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों को तत्काल रेस्क्यू किया जाएगा और इनकी सूचना बाल स्वराज-चिल्ड्रेन इन स्ट्रीट सिच्युएशन (CISS) पोर्टल पर देनी होगी। इसके बाद इन बच्चों की स्वास्थ्य जांच, चिकित्सा उपचार, परामर्श, कपड़े, भोजन आदि की व्यवस्था की जाएगी। इसके बाद यह बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हुए कैसे मुख्य धारा में शामिल हो सकते हैं, इसके भी धामी सरकार ने नियम कायदे बनाई है।
चंद्रेश कुमार, सचिव, महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास ने कहा कि स्ट्रीट चिल्ड्रन पुनर्वास पॉलिसी के ड्राफ्ट को मंत्रीमंडल से स्वीकृति मिल गई है। अब इसे जमीन पर उतारने के लिए आगे की कार्यवाही की जाएगी।

