Uttarakhand में लागू हुआ UCC, इस पोर्टल का सीएम धामी ने किया उद्घाटन
Uttarakhand News: उत्तराखंड के लोगों के लिए बड़ी और जरूरी खबर है। आपको बता दें कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिया यानी UCC लागू हो गई है। उत्तराखंड (Uttarakhand) के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) की अगुवाई वाली सरकार ने 27 जनवरी को दोपहर 12.30 बजे समान नागरिक संहिता लागू कर दिया। एक समारोह में मुख्यमंत्री ने यूसीसी (UCC) के पोर्टल का उद्घाटन किया। देहरादून स्थित मुख्य सेवक सदन में सीएम धामी ने मंत्रियों, सांसदों और अधिकारियों की मौजूदगी में यूसीसी पोर्टल (UCC Portal) का उद्घाटन किया। इस विषय में सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है।
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सीएम पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने जिस पोर्टल का उद्घाटन किया है वो- ucc.uk.gov.in है। उत्तराखंड में इस पोर्टल के जरिए लिव इन रिलेशनशिप के रजिस्ट्रेशन और उसे तोड़ने की जानकारी दे सकेंगे। इस पोर्टल पर यूसीसी का पूरा कानून हिन्दी और अंग्रेजी में मौजूद है। कानून लागू होने और पोर्टल का उद्घाटन करने के बाद सीएम धामी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि समानता और समरसता के नए युग का आरंभ !”माँ गंगा की उद्गम स्थली देवभूमि उत्तराखण्ड से समानता की अविरल धारा प्रवाहित हो चुकी है। उत्तराखण्ड समान नागरिक संहिता कानून लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन चुका है।
इस पोर्टल के जरिए सर्टिफिकेट को डाउनलोड और वेरिफाई भी किया जा सकता है। प्रदेश के निवासी के तौर पर अपना रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आपको पोर्टल पर apply Now पर क्लिक करना होगा।
यूसीसी को लेकर सीएम धामी (CM Dhami) ने कहा कि उत्तराखंड में यूसीसी लागू करके बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर समेत संविधान सभा के सभी सदस्यों को अपनी भावांजलि दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूसीसी लागू होने के साथ ही उत्तराखंड के सभी निवासियों के अधिकार एक बराबर हो गए हैं। सभी धर्म की महिलाओं के लिए अब एक पूरा कानून है। उन्होंने कहा कि यह क्षण आज मेरे लिए बहुत ही भावनात्मक है। यह कानून लागू होने से हलाला, इद्दत, बहुविवाह, तीन तलाक पर पूरी तरह से रोक लगेगी।
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UCC किसी धर्म या पंथ के खिलाफ नहीं- CM धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता किसी भी धर्म या पंथ के खिलाफ नहीं है। इसमें किसी को टार्गेट करने का कोई वजह नहीं है। यह समाज में समानता लाने का कानूनी प्रयास है। इसमें किसी प्रथा को नहीं बदला गया है बल्कि कुप्रथा को खत्म किया गया है।
आपको बता दें कि उत्तराखंड में यूसीसी को लागू करना प्रदेश में 2022 में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान सत्ताधारी पार्टी बीजेपी द्वारा किए गए प्रमुख वादों में से एक था। मार्च 2022 में फिर से सत्ता संभालते ही सीएम पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में मंत्रिमंडल की पहली ही बैठक में यूसीसी प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए उसका मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन पर मुहर लगा दी गयी थी।
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न्यायमूर्ति देसाई की अध्यक्षता में 27 मई 2022 को विशेषज्ञ समिति बनाई गई। जिस समिति ने करीब डेढ़ साल की मेहनत से राज्य में विभिन्न वर्गों से बातचीत के आधार पर चार संस्करण में तैयार अपनी विस्तृत रिपोर्ट दो फरवरी 2024 को राज्य सरकार को सौंपी। इस रिपोर्ट के आधार पर 7 फरवरी 2024 को राज्य विधानसभा के विशेष सत्र में यूसीसी विधेयक पारित कर दिया गया। उसके एक माह बाद 12 मार्च 2024 को राष्ट्रपति ने भी उसे अपनी मंजूरी प्रदान की। यूसीसी अधिनियम बनने के बाद पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में गठित समिति ने उसके क्रियान्वयन के लिए नियमावली तैयार की जिसे हाल ही में राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी।