बिहार में मची खलबली, नीतीश के प्रस्ताव का स्वागत करेंगे अमित शाह!

बिहार राजनीति

Bihar News: बिहार में नए साल पर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है जहां नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को लेकर एक बार फिर से सियासी गलियारों में हलचल मच गई है कि वो बहुत जल्द अपने पुराने सहयोग एनडीए (NDA) में शामिल हो जाएंगे। ये हलचल तब और बढ़ गई जब खुद लालू यादव बेटे और बिहार के डिप्टी सीएम के साथ नीतीश कुमार के आवास पर मिलने पहुँच गए तो एक तरफ गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) के एक बयान ऐसा बयान दे दिया जिसके बाद से ये खबर आग की तरह काफी तेजी से पूरे देश मे फैल गई।
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नीतीश कुमार को लेकर पिछले कुछ दिनों से बीजेपी के नेता काफी नर्मी बरत रहे हैं और इसी का नतीजा है कि जो अमित शाह 6 महीने पहले तक अपनी रैली में ये कहते हुए नज़र आते थे कि नीतीश कुमार के लिए सारे रास्ते बंद हो चुके है वो अब उनको लेकर काफी नर्मी बरत रहे हैं।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ऐसी बात कह दी है, जिससे इंडिया ब्लॉक को बड़ा झटका लग सकता है। एक इंटरव्यू में जब अमित शाह से सवाल पूछा गया कि नीतीश कुमार क्या एनडीए में शामिल हो सकते हैं तो उन्होंने ने कहा कि जो और तो से राजनीति में बात नहीं होती है। उन्होंने जवाब दिया कि ऐसा कोई प्रस्ताव आता है तो इस पर विचार किया जाएगा।

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अमित शाह का यह कहना था कि बिहार में जैसे उथल पुथल मच गई। लालू प्रसाद अपने बेटे तेजस्वी यादव को साथ लेकर मुख्यमंत्री निवास पहुंच गए और नीतीश कुमार से करीब 45 मिनट तक मुलाकात की। भाजपा ने अपने विधानमंडल दल की बैठक बुला ली। जेडीयू ने अपने विधायकों को पटना में ही रुकने का निर्देश जारी कर दिया। यही निर्देश जीतनराम मांझी ने अपने विधायकों के लिए जारी कर दिया। दिल्ली में उपेंद्र कुशवाहा, चिराग पासवान और जीतनराम मांझी की बैठक हुई। यह सब अनायास हुआ होगा, यह कहना अतिश्योक्ति हो सकती है।

बता दें कि अभी चार दिन पहले ही मकर संक्रांति के मौके पर नीतीश कुमार ने राबड़ी आवास पहुंचकर लालू यादव-तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी। इस दौरान जो तस्वीरें सामने आईं, उनके भी अलग-अलग मायने निकाले गए थे। इसके बाद राजद नेता भाई वीरेंद्र और नीतीश कुमार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी के बयानों ने सियासी पारा बढ़ाया है। भाई वीरेंद्र ने कहा था कि लालू यादव के आशीर्वाद से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं। इस पर चौधरी ने जमकर पलटवार किया। ऐसे में सियासी गलियारों में इसे राजद-जदयू के बीच छिड़ी जुबानी जंग के तौर पर देखा गया।

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यहीं नहीं एनडीए के सहयोग दल में शामिल जीतन राम मांझी ने बिहार में चल रही सियासी अटकलों पर एनडीए में नीतीश कुमार की वापसी पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि यदि नीतीश राजग में आते हैं तो हम विरोध नहीं करेंगे।

हालांकि जिस तरह लालू और तेजस्वी सीएम हाउस से मुस्कुराते हुए बाहर निकले, उससे कई अटकलों पर विराम लग गया। राजनीतिक पंडितों को कहना है कि राजद सुप्रीमो की मुस्कुराहट बता रही है कि महागठबंधन में सब कुछ “ऑल इज वेल” है। कहीं कोई नाराजगी अब नहीं रही। लेकिन नीतीश कुमार के राजनीतिक अनुभव को देखते हुए ये कहना मुश्किल है कि उनके मन में क्या चल रहा है और वो आगे कौन सी चाल चलने वाले ये सिर्फ वहीं जानते है। लेकिन इन सब अटकलों के बीच एक बात तय है कि नीतीश कुमार बिहार के लिए लालू यादव और एनडीए के लिए मजबूरी नहीं मजबूती जरूर है।