ख़बरीमीडिया पर ‘द केरल स्टोरी’ के रियल कैरेक्टर्स..देखिए वीडियो

एंटरटेनमेंट

फिल्म डायरेक्टर सुदिप्तो सेन के निर्देशन में बनी ‘द केरल स्टोरी’ शालिनी, नीमा और गीतांजलि, नाम की लड़कियों पर आधारित है, जो नर्स बनने का सपना लिए घर से दूर एक कॉलेज में आती हैं और फिर उनकी मुलाकात सोनिया (आसिफा) से होती है। 

फिल्म की कहानी केरल की चार लड़कियों के धर्मांतरण पर आधारित है, जिसके चलते बहुत से लोग इसको रिलीज करने के विरोध में थे, लेकिन आखिरकार फिल्म  सिनेमाघरों तक पहुंच गई है, हालांकि अभी भी इसको लेकर चल रहा विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। अगर आप भी यह फिल्म देखने की सोच रहे है तो उससे पहले यह जान लीजिए की फिल्म की कहानी क्या है?

https://www.youtube.com/watch?v=MqE9Dz3v1B0

यह है फिल्म की कहानी
फिल्म डायरेक्टर सुदिप्तो सेन के निर्देशन में बनी ‘द केरल स्टोरी’ फिल्म जैसे-जैसे आगे बढ़ती है, वैसे-वैसे दुनिया में ISIS के बिछे जाल के बारे में पता चलता है। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे आसिफा अपने साथियों की मदद से उन तीन लड़कियों का ब्रेनवॉश करके उन्हें अपना धर्म बदलने के लिए उकसाती है। 

केरल में रहने वाली श्रुति के साथ भी ना भूलने वाली कहानी हुई। उनका भी ब्रेनवॉश किया गया। उन्हें भी धर्म परिवर्तन के लिए मज़बूर किया गया। श्नुति के मुताबिक उन्हें इस हद तक कट्टरपंथी बना दिया गया था कि अगर कोई उनकी विचारधारा नहीं मानता और इस्लाम में कन्वर्ट करने से मना करता तो वह उसकी हत्या भी कर सकती थीं।

उनका कथिततौर पर केरल के मल्लापुरम के सेंटर में ब्रेनवॉश किया गया था। उनके भीतर न सिर्फ हिंदू धर्म के बारे में उल-जुलूल भरा गया था बल्कि देश को लेकर भी गलत सिखाया जाता था। उन्हें कहा जाता था – “भारत तुम्हारा मुल्क नहीं है। ये काफिरों का देश है। तुम्हारा देश वो है जहाँ से पैगंबर थे।”

श्रुति के अनुसार, उन्हें समझाया जाता था कि कैसे पूरे देश में इस्लाम का प्रसार करना चाहिए और देश को दारुल इस्लाम बनाना चाहिए। वे इतने सफाई से ऐसा करते हैं कि जो उनको सुनता है वे उनकी बातों पर विश्वास करने लगता है। आप यह मानने लगते हैं कि काफिरों के साथ जीना असंभव है।

श्रुति हैरान करने वाला खुलासा करते हुए कहती हैं, “मैं इतना कट्टरपंथी बन गई थी कि मैं हर उस व्यक्ति को इस्लाम में परिवर्तित करना चाहती थी जिसे मैं जानती था। मैं वास्तव में उन लोगों को मारने के लिए भी तैयार थी, जिन्होंने इस्लाम में परिवर्तित होने से इनकार कर दिया था।”

फिल्म में ये दिखाया गया है कि कैसे लड़कियों को निशाना बनाकर इस्लाम कबूल करवाया जाता है फिर ISIS में शामिल होने भेज दिया जाता है। ये फिल्म सत्य घटनाओं पर आधारित है।

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