‘ट्विन टावर’ बना सुपरटेक के गले की फांस, गिराने के बाद भी मुसीबत कम नहीं

दिल्ली NCR
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नोएडा के सेक्टर 93ए स्थित सुपरटेक ट्विन टावर के जमींदोज होने के बाद भी सुपरटेक की मुश्किलें कम नहीं हो रही है। मलबा निपटारा के काम को लेकर बढ़ते ध्वनि प्रदूषण पर UPCB ने इसकी रिपोर्ट तैयार की। जिसके आधार पर प्राधिकरण सुरटेक को एक नोटिस भेजने की तैयारी कर रहा है। जिसमें टावर के मलबा निपटारे , 320 मीटर पाथ बनाने के लिए 15 मार्च तक का समय दिया जाएगा। प्राधिकरण इस बात से भी इनकार नहीं कर रहा कि यदि और देरी हुई थी ये मामला अदालत तक भी जा सकता है।

सौ. सोशल मीडिया


इसलिए रूकवा दिया गया था मलबा निपटारा का काम
वर्तमान में टि्वन टावर के मलबा निपटारा का काम रुका हुआ है। ये काम 30 नवंबर तक पूरा होना था। पहले ग्रेप फिर ध्वनि प्रदूषण के चलते इसे रोक दिया गया। पहले किए गए एक सर्वे में बताया था कि यहां पांच ड्रिल मशीनों से करीब 83 से 85 डेसिबल का ध्वनि प्रदूषण हो रहा है। ये वहां रहने वाले लोगों के लिए खतरनाक है। जबकि मैक्सिमम ध्वनि की आवाज 75 डेसिबल होनी चाहिए। अब दोबारा से सर्वे किया गया है। जिसकी रिपोर्ट आज या कल में प्राधिकरण को मिल जाएगी। इसके बाद 15 दिनों का समय सुपर टेक को दिया जाएगा। प्राधिकरण की ओर से नोटिस में निर्देश देते हुए कहा जाएगा कि आगामी 15 मार्च तक मलबे का निस्तारण किया जाए। इसके अलावा 320 मीटर का पाथ-वे का भी निर्माण किया जाए ताकि लोगों को सहूलियत हो। 

मलबा बेचकर लेना है 13 करोड़ , तीन करोड़ फंसा
टि्वन टावर को गिराने में 17 करोड़ रुपए का खर्च हुआ था। एग्रीमेंट के तहत मलबा से निकलने वाली सरिया और स्टील बेचकर 13 करोड़ रुपए वसूल किए जाने है। जिसमें नौ करोड़ रुपए का सरिया निकाला जा चुका है। जबकि 3 करोड़ का सरिया बेसमैंट में है। जिसको तोड़ने के लिए ड्रिल करनी है। इससे ध्वनि प्रदूषण हो रहा है।