CM योगी की फटकार.. सुपरटेक में हाहाकार

दिल्ली NCR

उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का डंडा जब चलता है.. फिर रुकता नहीं है.. नोएडा के सेक्टर 93A स्थित सुपरटेक के ट्विन टावर एपेक्स और सियान को 28 अगस्त 2022 को 3700 किलो विस्फोटक लगाकर जमींदोज कर दिया गया। टावर तो गिरा दिया गया लेकिन इसका भूत अभी तक उन भ्रष्ट अधिकारियों का पीछा नहीं छोड़ रहा है जिन्होंने चंद पैसों के ख़ातिर अपनी ज़मीर बेच दी। अब इस इमारत को बनवाने वाले भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ जल्द एक्शन होने जा रहा है। प्राधिकरण के ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों पर दो तरफा एक्शन होगा।  

पहली जांच एसआईटी की रिपोर्ट के आधार नोएडा प्राधिकरण ने लखनऊ विजिलेंस से शिकायत की। इसमें प्राधिकरण तत्कालीन वरिष्ठ प्रबंधक नियोजन द्वारा 26 अधिकारियों, दो आर्किटेक्चर कंपनी और चार सुपरटेक के निदेशकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। विजिलेंस जांच अधिकारी ने बताया कि अधिकांश के बयान दर्ज हो चुके है। इस मामले में अब जल्द एक्शन देखने को मिलेगा।

इन 15 प्वांइट पर था आबजेक्शन….

  • टावर-16 और टावर -17 के निर्माण के लिए 26 नवंबर को स्वीकृति दी गई। लेकिन निर्माण पांच माह पहले जुलाई 2009 में शुरू हो चुका था।
  • निर्माण शुरू होने के बाद सितंबर 2009 के बाद आईआईटी रुड़की ने स्ट्रक्चरल सेफ्टी प्रमाण पत्र जारी किया।
  • एसआईटी ने आबेजेक्शन लगाया कि यहां प्राधिकरण को अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही करनी चाहिए लेकिन उसने नहीं की।
  • सुपरटेक ने टि्वन टावर में डबलबेसमेंट का निर्माण शुरु किया। जबकि 2009 में टावर-16 ग्राउंड 11 फ्लोर एंव शापिंग ब्लाक सिंगल बेसमेंट के साथ अनुमति थी।
  • आईआईटी रूढ़की के प्रोफेसर ने एक रिपोर्ट दी जिसमे बताया कि 22 सितंबर 2009 टावर-16 और टावर-17 की फाउंडेशन 2B+G+38 तलों के स्ट्रक्चरी सेफ है। टावर-16 (G+40) और टावर-17 (G+39) प्राधिकरण में विचाराधीन है।
  • टावर-1 और टावर-17 के बीच की दूरी 36.5 होनी चाहिए यहां दूरी 9 मीटर थी और नक्शा पास कर दिया गया।
  • टावर-1 के सामने ग्रीन एरिया पास था लेकिन यहां टि्वन टावर पास किया गया।
  • सुपरटेक ने से कार्य बिना ओनरशिप ऑफ फ्लैट एक्ट 1975 का पालन नहीं करते हुए किया।
  • उच्चतम न्यायालय की ओर टिप्पणी के बाद भी प्राधिकरण ने कार्यवाही नहीं की।
  • टि्वन टावर में स्ट्रक्चार डिजाइन के संबंध में कोई प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया।
  • सुपरटेक ने 2.75 एफएआर पर्चेस किया और भवन नियमावली 2010 का उल्लघंन करते हुए टि्वन टावर की ऊचाई 73 मीटर से बढ़ाकर 121 मीटर यानी ग्राउंड प्लस-24 से ग्राउंड प्लस 40 कर दी गई। इसमें आरडब्ल्यूए से अनापत्ति प्रमाण पत्र तक नहीं लिया गया।
  • एनबीसीसी ने भी अपनी रिपोर्ट में दोनों टावरों के बीच की दूरी को गलत बताया।
  • इस मामले में डाली गई आरटीआई का जवाब नहीं दिया गया।
  • स्वीकृत मानचित्रों का डिस्प्ले साइट पर नहीं किया गया।
  • मुख्य अग्निशमन अधिकारी ने अलग अलग समय पर कई नोटिस दिए लेकिन कार्यवाही नहीं की।

4 को किया जा चुका है निलंबित...
इस मामले में नोएडा प्राधिकरण से गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण के प्लानिंग मैनेजर मुकेश गोयल, नोएडा प्राधिकरण की प्लानिंग असिस्टेंट विमला सिंह, यूपीएसआईडीसी में तैनात प्लानिंग असिस्टेंट अनीता व यमुना प्राधिकरण के प्रभारी जीएम प्लानिंग ऋतुराज हैं। इन चारों को शासन स्तर से निलंबित किया जा चुका है। अब देखना ये है कि कब भ्रष्ट अधिकारियों पर नकेल कसी जाती है।