सुपरेट के सेक्टर- 93 स्थित एमराल्ड कोर्ट सोसायटी के दोनों टावर एपेक्स और सियान का गिरना तय है। लेकिन इन टावरों के पास की सच्चाई जानकर आप हैरान रह जाएंगे। जांच में पता चला है कि सोसायटी के अन्य 15 टावरों के पिलर में इस्तेमाल की गई कंक्रीट की गुणवत्ता है।
मार्च से मई तक तीन महीने तक सोसायटी की आरडब्ल्यूए की तरफ से बेसमेंट में कराई गई स्ट्रक्चरल आडिट में बिल्डिंग में इस्तेमाल किया गया कंक्रीट मानक से कमजोर मिला है। जानकारी के मुताबिक सोसायटी निर्माण के समय मेगापैसक्ल (एमपीए) मानक के मुताबिक सिर्फ 60-70 प्रतिशत मिला है।
ब्यूरो आफ इंडियन स्टैंडर्ड के मुताबिक सोसायटी के निर्माण के समय भवन की स्थिति 20 एमपीए होनी चाहिए थी। वहीं मौजूदा समय में भवन निर्माण करने पर 25 एमपीए गुणवत्ता की जरूरत है। जबकि सोसायटी की रिपोर्ट में एमपीए करीब 12-14 है। डीएनआर कंस्लटेंट्स की तरफ से सोसायटी के बेसमेंट का तकनीकी निरीक्षण के साथ वीडियो व फोटोग्राफी की गई है।
इसमें बेसमेंट के खंभों को मानकों के हिसाब से 25 प्रतिशत से कम मजबूती, 25-50 प्रतिशत मजबूती व 50 प्रतिशत से अधिक मजबूती में बांटा गया है।
एपेक्स व सियान के नजदीक स्थित टावर एस्टर- 2, एस्पायर – 3, एस्पायर – 1 सहित अन्य दो टावर के बेसमेंट का क्षेत्र करीब साढ़े सात हजार वर्ग फीट है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि बिल्डर की तरफ से बेसमेंट में अवैध तरीके से दीवार बनाकर सोसायटी के अन्य हिस्से से इस बेसमेंट को अलग कर दिया गया।
इस दौरान सोसायटी निवासियों की पार्किंग को अवैध तरीके से एपेक्स व सियान टावर को देने की योजना थी। अलग हुए हिस्से में सीवरेज का पानी करीब 10 वर्ष तक रिसाव होता रहा है। इससे सोसायटी की नींव, सरिया सहित अन्य चीजें कमजोर हुई हैं। जिससे स्थानीय लोग दहशत में हैं।
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