Noida-Greater Noida: नोएडा-ग्रेटर नोएडा की इन सोसायटी में स्ट्रक्चरल ऑडिट (Structural Audit) होगा। नोएडा में स्ट्रक्चरल ऑडिट पॉलिसी को लागू हुए 1 साल से अधिक का समय हो चुका है। लेकिन अब तक एक भी सोसाइटी (Society) में ऑडिट की जरूरत है या नहीं, इसको लेकर प्राधिकरण सर्वेक्षण (Authority Survey) नहीं कर सका है। 7 सोसाइटी की तरफ से ऑडिट कराने की मांग प्राधिकरण में लंबित है। बिल्डरों में हड़कंप…
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प्राधिकरण (Authority) के अधिकारियों का कहना है कि प्रक्रिया चल रही है। ऑडिट का काम जल्द शुरू कराएंगे। स्ट्रक्चरल ऑडिट की पॉलिसी तैयार कर बोर्ड से मंजूरी लेकर 15 मार्च 2023 को नोएडा प्राधिकरण में इसको लागू कर दिया गया था। पॉलिसी के अनुसार 1 अप्रैल 2023 से व्यवस्था लागू की गई थी कि अधिभोग प्रमाणपत्र पाने के लिए, जो भी बिल्डर की तरफ से आवेदन आएगा, उसको पैनल में शामिल किसी एक सरकारी संस्थान से स्ट्रक्चरल ऑडिट का सर्टिफिकेट लाना होगा।
प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि 1 अप्रैल 2023 से अब तक 5 ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी (Group Housing Society) के लिए प्राधिकरण ने स्ट्रक्चरल ऑडिट रिपोर्ट लेने के बाद ही अधिभोग प्रमाणपत्र जारी किया है। वहीं, 7 पुरानी सोसाइटी की तरफ से ऑडिट कराने की मांग प्राधिकरण से की गई है।
इनमें सेक्टर-93ए सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट और यूटोपिया रेजिडेंट, सेक्टर-121 होम्स, सेक्टर-107 ग्रेट वैल्यू शरणम, सेक्टर-78 सिक्का कार्मिक, सेक्टर-52 अंतरिक्ष नेचर आदि सोसाइटी शामिल हैं। इनमें कमेटी से निरीक्षण करवाकर प्राधिकरण को तय करना है कि स्ट्रक्चरल ऑडिट की जरूरत है या नहीं। यह निरीक्षण अभी नहीं करवाया गया है। इनमें से एक भी सोसाइटी में जाकर प्राधिकरण ने सर्वे नहीं किया।
मरम्मत की समय-सीमा तय
अधिकारियों (Officials) ने बताया कि समिति द्वारा संस्तुति की जाती है कि शिकायत छोटे डिफेक्ट से संबंधित है तो प्राधिकरण द्वारा बिल्डर को तत्काल शिकायत का निस्तारण करने के लिए नोटिस जारी किया जाएगा। बिल्डर का यह दायित्व होगा कि 3 महीने में शिकायत का निस्तारण कर दे। इसके साथ ही बड़ी कमी या रिट्रो फिटिंग की जरूरत है तो 1 महीने में मौके पर काम शुरू कराना कराकर 6 महीने में पूरा कराना होगा। आवश्यकतानुसार केस-टू-केस के आधार पर समय-सीमा गठित समिति द्वारा बढ़ाई जा सकती है।
सोसाइटियों में प्लास्टर गिरने की सर्वाधिक शिकायतें
नोएडा में बिल्डरों (Builders) की पुरानी बनी हुईं सोसाइटियों में प्लास्टर गिरने के अधिक मामले सामने आ रहे हैं। खरीदार लगातार आरोप लगा रहे हैं कि बिल्डरों ने घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल किया, जिससे हर सप्ताह किसी न किसी सोसाइटी में प्लास्टर गिरता है। प्लास्टर का बड़ा हिस्सा कमरे में गिरने पर लोगों की जान भी मुश्किल से बची। कई कारों को नुकसान हो चुका है। गौरतलब है कि एक अप्रैल 2023 से पहले तक बिल्डर किसी भी एजेंसी के जरिए स्ट्रक्चरल वैटिंग का प्रमाणपत्र लेकर प्राधिकरण मैं जमा कराता था। इसी आधार पर प्राधिकरण अधिभोग प्रमाणपत्र जारी करता था।
पुरानी सोसाइटी के लिए ये नियम
शहर में पहले से बनी ग्रुप हाउसिंग (Group Housing) के लिए भी नियम और जिम्मेदारी स्ट्रक्चरल ऑडिट (Structural Audit) के लिए तय कर दिए गए थे। नियम बनाया गया कि ग्रुप हाउसिंग या कोई भी 15 मीटर से ऊंची इमारत का अधिभोग प्रमाणपत्र लेने से पहले स्ट्रक्चरल ऑडिट का सर्टिफिकेट लगाना होगा। अगर बिल्डर यह रिपोर्ट नहीं लगाता है और आवेदन करता है तो वह आवेदन निरस्त हो जाएगा।
इसलिए जरूरी सर्वे के बाद ही तय होगा कि ऑडिट (Audit) की जरूरत है या नहीं। सर्वे कराने के लिए उपमहाप्रबंधक जल-सीवर, सिविल और जनस्वास्थ्य की टीम बनाई गई थी। इससे पहले एसीईओ की अध्यक्षता में भी एक समिति बनी थी, लेकिन वह समाप्त कर दी गई थी।