क्वांट का यह फोकस्ड म्यूचुअल फंड एक ओपन एंडेड इक्विटी स्कीम है।
SIP Invest: क्वांट फोकस्ड फंड एक ऐसी स्कीम है, जिसने लॉन्च से अब तक अपने निवेशकों को SIP इन्वेस्टमेंट पर करीब 5 गुना रिटर्न दिया है। 16 साल पहले लॉन्च इस स्कीम (Scheme) में अगर किसी ने शुरुआत से अब तक हर महीने 10 हजार रुपये इनवेस्ट किए होंगे, तो उसके पास अब तक 1 करोड़ रुपये से ज्यादा का कॉर्पस (Corpus) जमा हो गया होगा। क्वांट का यह फोकस्ड म्यूचुअल फंड (Focused Mutual Funds) एक ओपन एंडेड इक्विटी स्कीम है, जिसने साल दर साल अच्छा-खासा रिटर्न दिया है।
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SIP Invest: फोकस्ड फंड दरअसल इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Funds) की एक ऐसी कैटेगरी है, जिसके जरिये कुछ चुनिंदा शेयरों में ही निवेश किया जाता है। भारत के मार्केट रेगुलेटर सेबी के नियमों के तहत किसी भी फोकस्ड फंड को अधिकतम 30 स्टॉक्स में ही निवेश करने की इजाजत है। इसके अलावा इक्विटी म्यूचुअल फंड होने की वजह से किसी भी फोकस्ड फंड का कम से कम 65 फीसदी हिस्सा इक्विटी और इक्विटी से जुड़े इंस्ट्रूमेंट्स में इन्वेस्ट करना जरूरी है।
क्वांट फोकस्ड फंड SIP ने कैसे बनाया करोड़पति?
- मंथली SIP : 10,000 रुपये
- निवेश की अवधि : 16 साल
- 16 साल में कुल निवेश : 20.20 लाख रुपये
- 16 साल बाद कुल फंड वैल्यू : 1,08,93,074 रुपये (1.09 करोड़ रुपये)
- एन्युलाइज्ड रिटर्न : 17.91 प्रतिशत
क्वांट फोकस्ड फंड ने सिर्फ पिछले 16 साल में ही नहीं, बल्कि 1, 3, 5 और 10 साल की अवधि के दौरान भी लगातार बढ़िया रिटर्न दिए हैं।
क्वांट फोकस्ड फंड का पिछला प्रदर्शन
- 1 साल का रिटर्न (डायरेक्ट स्कीम) : 48.97 प्रतिशत
- 3 साल का रिटर्न (डायरेक्ट स्कीम) : 24.65 प्रतिशत
- 5 साल का रिटर्न (डायरेक्ट स्कीम) : 25.74 प्रतिशत
- 10 साल का रिटर्न (डायरेक्ट स्कीम) : 20.15 प्रतिशत
- बेंचमार्क : NIFTY 500 Total Return Index
- एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) : 1,061.88 करोड़ रुपये
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कमाई पर कितना लगेगा इनकम टैक्स?
इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Funds) की कैटेगरी में आने के कारण फोकस्ड फंड से हुई कमाई पर भी वो सारे टैक्स बेनिफिट मिलते हैं, जो बाकी इक्विटी इन्वेस्टमेंट पर लागू हैं। मिसाल के तौर पर अगर आप इस स्कीम की यूनिट्स को 1 साल तक होल्ड करने के बाद बेचते हैं, तो एक वित्त वर्ष के दौरान होने वाले 1 लाख रुपये तक के मुनाफे पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगता। इससे ज्यादा मुनाफा होने पर 10 फीसदी की दर से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) टैक्स देना पड़ता है। 1 साल से पहले एग्जिट करने पर 15 फीसदी शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स (STCG) टैक्स देना होता है।
रिस्क फैक्टर को समझने के बाद करें फैसला
म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) का पिछला परफॉर्मेंस भविष्य में वैसा ही रिटर्न मिलने की गारंटी नहीं होता। इसके अलावा इक्विटी स्कीम में बाजार से जुड़ा रिस्क भी रहता है। इसीलिए निवेश का कोई भी फैसला करने से पहले निवेशकों को अपनी रिस्क उठाने की क्षमता को ध्यान में रखना चाहिए और इन्वेस्टमें एडवाइजर से सलाह-मशविरा करने के बाद ही आगे बढ़ना चाहिए।
यहां बताई गई बातों का मकसद सिर्फ जानकारी देना है, निवेश की सलाह देना नहीं।