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Senior Citizen: सीनियर सिटीज़न को नहीं भरना होगा इनकम टैक्स

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Senior Citizen: वित्त वर्ष 2025-26 से सीनियर सिटीजन के लिए ITR भरने के नियमों में अहम बदलाव किए गए हैं।

Senior Citizen: वित्त वर्ष 2025-26 से सीनियर सिटीजन के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) भरने के नियमों में अहम बदलाव किए गए हैं। इन नए नियमों का उद्देश्य बुजुर्गों के लिए टैक्स प्रक्रिया (Tax Process) को सरल बनाना है। लेकिन, यह नियम सभी सीनियर सिटीजन (Senior Citizen) पर लागू नहीं होंगे और इसके लिए कुछ विशेष शर्तों को पूरा करना होगा। पढ़िए पूरी खबर…
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एक नजर में देखिए सीनियर सिटीजन के लिए नए इनकम टैक्स नियम

नए नियमों के तहत क्या हैं बदलाव?

वित्त वर्ष 2025-26 से, 75 वर्ष या उससे अधिक आयु के सीनियर सिटीजन (Senior Citizen) को ITR भरने से छूट दी गई है, लेकिन यह छूट कुछ शर्तों के अधीन है। इन शर्तों के तहत:

आय का स्रोत: केवल पेंशन और बैंक ब्याज होना चाहिए।

आय सीमा: कुल आय ₹5 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए।

बैंक खाता: सीनियर सिटीजन का बैंक खाता केवल एक ही बैंक में होना चाहिए।

अगर सीनियर सिटीजन (Senior Citizen) इन शर्तों को पूरा करते हैं, तो उन्हें ITR फाइल करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उनके बैंक द्वारा ही आवश्यक TDS कटौती और Form 12BA जमा किया जाएगा।

नए नियमों का उद्देश्य

इन नए नियमों का मुख्य उद्देश्य सीनियर सिटीजन (Senior Citizen) के लिए टैक्स प्रक्रिया को सरल बनाना है। बुजुर्गों को ऑनलाइन ITR फाइलिंग में कठिनाई होती है, और यह बदलाव उनके लिए टैक्स से जुड़े मानसिक तनाव को कम करने, समय और प्रयास की बचत करने, और डिजिटल चुनौतियों से बचाव का काम करेगा।

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पात्रता मानदंड

आयु: 75 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।

आय का स्रोत: केवल पेंशन और एक ही बैंक से प्राप्त ब्याज।

आय सीमा: कुल वार्षिक आय ₹5 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए।

बैंक खाता: केवल एक ही बैंक में खाता होना चाहिए।

अन्य आय: किसी अन्य स्रोत से आय नहीं होनी चाहिए।

बैंक की भूमिका

Form 12BA: बैंक को प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए Form 12BA जमा करना होगा।

TDS कटौती: बैंक को आवश्यक TDS की कटौती करनी होगी।

जानकारी का सत्यापन: बैंक को यह सुनिश्चित करना होगा कि ग्राहक की जानकारी सही है।

रिपोर्टिंग: बैंक को आयकर विभाग को आवश्यक जानकारी प्रदान करनी होगी।

सीनियर सिटीजन के लिए लाभ

नए नियमों से सीनियर सिटीजन (Senior Citizen) को कई फायदे होंगे।

समय की बचत: ITR फाइलिंग की जटिल प्रक्रिया से मुक्ति।

तनाव में कमी: टैक्स से जुड़ी चिंताओं में कमी।

डिजिटल चुनौतियों से बचाव: ऑनलाइन प्रक्रियाओं में समस्या से निजात।

सरलीकरण: टैक्स प्रक्रिया का सरल बनना।

आर्थिक बोझ कम: टैक्स सलाहकारों पर निर्भरता कम होगी।

ध्यान देने योग्य बातें

नए नियमों के लाभों के बावजूद, सीनियर सिटीजन को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।

पात्रता की जांच: सुनिश्चित करें कि आप सभी मानदंडों को पूरा करते हैं।

बैंक से संपर्क: नए नियमों के बारे में अपने बैंक से जानकारी लें।

दस्तावेज़ों का रखरखाव: पेंशन और आय से संबंधित सभी दस्तावेज़ सुरक्षित रखें।

नियमित अपडेट: आयकर नियमों में बदलाव की जानकारी रखें।

सलाह लें: किसी भी संदेह की स्थिति में टैक्स विशेषज्ञ से मार्गदर्शन प्राप्त करें।

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अन्य आय वाले सीनियर सिटीजन के लिए नियम

जो सीनियर सिटीजन (Senior Citizen) नए नियमों के तहत पात्र नहीं हैं, उन्हें निम्नलिखित नियमों का पालन करना होगा।

ITR फाइलिंग: यदि आय कर योग्य सीमा से अधिक है, तो ITR फाइल करना अनिवार्य है।

छूट सीमा: 60-80 वर्ष के लिए ₹3 लाख और 80 वर्ष से अधिक के लिए ₹5 लाख की छूट सीमा।

टैक्स स्लैब: आय के अनुसार निर्धारित टैक्स स्लैब का पालन करना होगा।

डिडक्शन और छूट: उपलब्ध डिडक्शन और छूट का लाभ उठाया जा सकता है।

इन नए नियमों से सीनियर सिटीजन (Senior Citizen) के लिए टैक्स प्रक्रिया को सरल और सुविधाजनक बनाने का प्रयास किया गया है, जिससे उन्हें टैक्स से जुड़े झंझटों से राहत मिल सके।