ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सोसायटी सुपरटेक में अब तक हजारों लोग निवेश कर चुके हैं। खासकर सबसे ज्यादा लोगों ने सुपरटेक इकोविलजे-1,2 और 3 में निवेश किया है। कुछ लोगों को फ्लैट मिल गया और कई लोग अभी तक फ्लैट की राह देख रहे हैं। सुपरटेक बिल्डर ने ऐसी ही एक स्कीम निकाली सुपरटेक इकोविलेज-2 में। नाम दिया रेंटल स्कीम।
आखिर क्या था ये रेंटल स्कीम जिसमें हजारों की संख्या में लोग फंसे? चलिए जानते हैं
रेंटल स्कीम में बुकिंग के दौरान 10 प्रतिशत फ्लैट का दाम देना था, उसके बाद एक-एक प्रतिशत का 25 चेक देना था. इतना देने के लिए बाद बाकी का बचा हुआ पैसा आप बैंक से लोन लेकर या और किसी भी तरह से दे सकते थे. बिल्डर ने रेंटल स्कीम के तहत कहा था कि जब तक हम आपका घर नहीं देते तब तक आपके फ्लैट का रेंट हम देंगे…लोगों के ये स्कीम पसंद आई। लेकिन अब उसी स्कीम को लेकर अपना सिर पीट रहे हैं।
पिछले साल अब यह प्रोजेक्ट इंसोल्वेंसी में चला गया है. अब आईआरपी कोई जवाब नहीं देता. वहीं आईआरपी (Corporate Insolvency resolution process) हितेश गोयल फ्लैट ग्राहकों के मुद्दे पर खामोश हैं। और फ्लैट खरीदार अपने ही घर के लिए दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो रहे हैं।