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Rajasthan: भजनलाल सरकार ने पेश किया धर्मांतरण..10 साल तक की सजा का प्रावधान

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Rajasthan: भजनलाल सरकार के मंत्री गजेंद्र खींवसार ने राज्य विधानसभा में धर्मांतरण विरोधी विधेयक पेश किया है।

Rajasthan News: राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने “लव जिहाद” और जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ सख्त कानून लाने का वादा किया था। इसी वादे के तहत भजनलाल सरकार (Bhajanlal Sarkar) के मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसार (Minister Gajendra Singh Khinvsar) ने राज्य विधानसभा में धर्मांतरण विरोधी विधेयक पेश किया है, जिस पर अब सदन में चर्चा की जाएगी। पढ़िए पूरी खबर…
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कानून का उद्देश्य और सजा का प्रावधान

इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य जबरन, प्रलोभन या धोखाधड़ी से धर्म परिवर्तन (Religion Change) कराने वालों को सजा देना है। इस कानून के तहत दोषियों को 10 साल तक की सजा हो सकती है। खास बात यह है कि इस कानून में जमानत की कोई व्यवस्था नहीं होगी। इसके अलावा, यदि कोई व्यक्ति स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करना चाहता है, तो उसे एक लंबी प्रक्रिया से गुजरना होगा। इस प्रक्रिया में जिला प्रशासन द्वारा आपत्तियां आमंत्रित करने के लिए व्यक्ति का विवरण नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित करना भी शामिल होगा।

कानून मंत्री की टिप्पणी

राज्य के कानून मंत्री जोगाराम पटेल (Minister Jogaram Patel) ने बताया था कि यह विधेयक विशेष रूप से आदिवासी समुदायों के धर्मांतरण को रोकने के लिए और “लव जिहाद” पर निगरानी रखने के लिए लाया जा रहा है।

बीजेपी शासित राज्यों में लागू हो चुका है यह कानून

बीजेपी शासित कई राज्यों में यह कानून पहले ही पारित हो चुका है। अगर राजस्थान का यह विधेयक पास होता है, तो यह राज्य उन 11 अन्य राज्यों में शामिल हो जाएगा, जहाँ धर्मांतरण विरोधी कानून पहले से लागू हैं, जैसे कि ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, झारखंड, हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश।

धर्मांतरण के अधिकार और इसके प्रावधान

भजनलाल सरकार (Bhajanlal Sarkar) ने विधेयक में कहा है कि संविधान प्रत्येक व्यक्ति को धर्म को मानने और उसका पालन करने का अधिकार देता है, लेकिन इसे धर्मांतरण के सामूहिक अधिकार के रूप में नहीं समझा जा सकता। इसके साथ ही, यह भी कहा गया कि धर्मांतरण करने वाले और धर्मांतरित होने वाले दोनों को समान रूप से धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार है।

राजस्थान में नहीं था धर्मांतरण विरोधी कानून

राज्य में कोई धर्मांतरण विरोधी कानून नहीं था, जबकि देश के अन्य राज्यों में ऐसे कानून पहले से मौजूद थे। यही कारण था कि इस विधेयक को पेश किया गया है।

सजा और जुर्माने का प्रावधान

विधेयक में उल्लंघन करने वालों को 1 से 5 साल तक की सजा और 15 हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। वहीं, अगर नाबालिग, महिला, या अनुसूचित जाति/जनजाति से संबंधित व्यक्ति धर्म परिवर्तन करता है, तो सजा 2 से 10 साल तक होगी और जुर्माना 25 हजार रुपये होगा। सामूहिक धर्म परिवर्तन के मामले में 3 से 10 साल तक की सजा और न्यूनतम 50 हजार रुपये का जुर्माना हो सकता है।

धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया

धर्म परिवर्तन (Religion Change) के इच्छुक व्यक्तियों के लिए भी कड़े प्रावधान हैं। उन्हें धर्म परिवर्तन से 60 दिन पहले एक घोषणा पत्र जमा करना होगा। इसके उल्लंघन पर 3 साल तक की सजा और 10 हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। इसके बाद धर्म परिवर्तन का आयोजन करने वाले व्यक्ति को एक महीने पहले जिला मजिस्ट्रेट को सूचना देना होगी, इसके उल्लंघन पर 5 साल तक की सजा और 25 हजार रुपये का जुर्माना हो सकता है।

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पुलिस जांच और जिला प्रशासन की भूमिका

यह विधेयक धर्म परिवर्तन के इरादे, उद्देश्य और कारण की जांच के लिए पुलिस (Police) से भी रिपोर्ट लेगा। धर्मांतरण के बाद धर्मांतरणकर्ता को 60 दिनों के भीतर जिला मजिस्ट्रेट को एक घोषणा पत्र भेजना होगा, जिसे कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित किया जाएगा।