Rajasthan में टला पंचायत चुनाव, CM भजनलाल ने लिया बड़ा फैसला
Rajasthan News: राजस्थान की भजनलाल सरकार (Bhajanlal Sarkar) ने पंचायत चुनाव को लेकर बड़ा फैसला ले ली है। आपको बता दें कि राजस्थान में वन स्टेट, वन इलेक्शन (One State, One Election) की राह प्रशस्त कर दी है। इसके तहत राजस्थान (Rajasthan) के वर्तमान सरपंचों का कार्यकाल बढ़ा दिया गया है। सरपंचों को प्रशासक बनाकर पंचायतों का संचालन करने का आदेश भजनलाल सरकार ने जारी किया है। राज्य सरकार का यह कदम मध्य प्रदेश मॉडल पर आधारित है, जिसमें पंचायतों का कार्यकाल खत्म होने के बाद भी प्रशासनिक जिम्मेदारी निवर्तमान सरपंचों को दी गई है।
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भजनलाल सरकार का बड़ा फैसला
आपको बता दें कि राजस्थान (Rajasthan) में 6759 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 17 जनवरी, 2024 को खत्म हो रहा है। लेकिन अपरिहार्य कारणों से पंचायत चुनाव समय पर कराना संभव नहीं हो पाया। इसके देखते हुए भजनलाल सरकार (Bhajanlal Sarkar) ने राजस्थान पंचायती राज अधिनियम, 1994 के तहत विशेष शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह निर्णय लिया है।
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प्रशासकीय समिति का हुआ गठन
राजस्थान की भजनलाल सरकार (Bhajanlal Sarkar) ने आदेश जारी करते हुए निवर्तमान सरपंचों (Sarpanch) को ग्राम पंचायतों का प्रशासक नियुक्त कर दिया है। पंचायतों के सुचारू संचालन के लिए प्रशासकीय समिति का गठन भी किया गया है। प्रशासकीय समिति में निवर्तमान उप सरपंच और वार्ड पंचों को भी शामिल किया गया है। भजनलाल सरकार के इस फैसले में प्रशासकीय समिति की भूमिका भी तय की गई है।
प्रदेश सरकार के इस फैसले के बाद प्रशासकीय समिति का काम पंचायत के सभी काम और नीतिगत निर्णय प्रशासक के साथ मिलकर करना और पंचायत की बैठकों में फैसलों पर परामर्श देने का रहेगा। वहीं, ग्राम पंचायतों के बैंक खातों का संचालन निवर्तमान सरपंच और संबंधित ग्राम विकास अधिकारी के द्वारा किया जाएगा। साथ ही प्रशासकीय समिति की कार्यावधि नवगठित ग्राम पंचायत की पहली बैठक से एक दिन पहले तक रहेगी।
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वन स्टेट, वन इलेक्शन
एक खबर के अनुसार भजनलाल सरकार (Bhajanlal Sarkar) ने फैसले का उद्देश्य राज्य में वन स्टेट, वन इलेक्शन लागू कर एक साथ चुनाव कराना है। क्योंकि वन स्टेट, वन इलेक्शन प्रणाली से पंचायत चुनावों को विधानसभा और लोकसभा चुनावों के साथ कराने से वित्तीय संसाधनों और मानव संसाधनों दोनों की बचत होगी। वहीं, एक साथ चुनाव कराने से प्रशासनिक समन्वय भी अच्छा और बेहतर होगा। राजस्थान सरकार का यह निर्णय पंचायतों के सुचारू संचालन और चुनावी प्रक्रियाओं में सुधार के लिए उठाया गया है। राजस्थान पंचायती राज अधिनियम, 1994 के प्रावधानों का पालन करते हुए यह फैसला लिया गया है।
इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि नई पंचायतों के गठन तक पंचायतों का कार्य सामान्य रूप से चलता रहेगा। यह फैसला ग्रामीण विकास और स्थानीय प्रशासन में किसी भी प्रकार के काम न रुकें, इसलिए लिया गया है।
जानिए इस निर्णय के पीछे का कारण
आपको बता दें कि राजस्थान में इस समय कुल 11 हजार से ज्यादा ग्राम पंचायते हैं। अगले कुछ माह में इनका कार्यकाल पूरा हो जाएगा। जनवरी में 6759 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल पूरा हो रहा है। मार्च में 704 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल पूरा होगा, वहीं, सितंबर-अक्टूबर 3847 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल पूरा हो जाएगा। ऐसे में वन स्टेट वन इलेक्शन के तहत सभी पंचायतों में एक साथ चुनाव करवाने के लिए प्रशासक लगाने जरूरी थे। इस गैप को समाप्त करने के लिए प्रशासक लगाने का फैसला लिया गया है।

