मुख्यमंत्री ने कहा, अकाली-भाजपा गठबंधन और कांग्रेसी सरकारों ने एससी भाईचारे को सिर्फ वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल किया
Punjab News: पंजाब के सीएम भगवंत सिंह मान (CM Bhagwant Singh Mann) ने एक बार फिर पिछली सरकारों (Previous Governments) पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने इन सरकारों को गरीब विरोधी और स्वार्थ की राजनीति (Politics) करने वाला करार देते हुए कहा कि जनता ने ऐसी पार्टियों को पूरी तरह नकार दिया है। एक जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम मान ने कहा कि जिन नेताओं ने पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप योजना के तहत गरीब विद्यार्थियों के लिए रखे गए धन को हड़प लिया, वे अब गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं। पढ़िए पूरी खबर….
लूट का पैसा अब इलाज में खर्च
सीएम मान (CM Mann) ने कहा कि इन नेताओं ने लूट का पैसा इकट्ठा किया, जो अब उनके इलाज पर खर्च हो रहा है, क्योंकि वे परमात्मा के रोष का सामना कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व सरकारों के नेता आम लोगों की समस्याओं के प्रति संवेदनहीन थे और उन्होंने अनुसूचित जाति समुदाय को केवल वोट बैंक के रूप में देखा।
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जनता के पैसे से बनाए महल
मुख्यमंत्री ने पिछली सरकारों के नेताओं पर सरकारी पदों का दुरुपयोग कर बेशुमार दौलत इकट्ठा करने और आलीशान महल बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इन महलों की दीवारें ऊंची थीं और आम लोगों के लिए उनके दरवाजे हमेशा बंद रहते थे। सीएम ने कहा कि ये नेता जनता की पहुंच से बाहर रहे, जिसके चलते लोगों ने उन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया।
जनता ने नकारा पुराना सिस्टम
सीएम भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) ने कहा कि पंजाब की जनता ने उन राजनीतिक दलों को पूरी तरह खारिज कर दिया, जो हर पांच साल बाद आपस में साठगांठ कर सत्ता हथियाती थीं। उन्होंने कहा कि इन नेताओं ने लंबे समय तक लोगों को मूर्ख बनाया, लेकिन अब जनता उनके दुष्प्रचार में नहीं फंसती। उन्होंने कहा कि इन अहंकारी नेताओं ने हमेशा जनता को हल्के में लिया, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
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शिक्षा पर भी साधा निशाना
मुख्यमंत्री ने पिछली सरकारों (Previous governments) पर शिक्षा के स्तर को सुधारने में विफल रहने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इन नेताओं के बच्चे पहाड़ों के महंगे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ते थे, जबकि सरकारी स्कूलों में केवल सामान्य परिवारों के बच्चे पढ़ते थे। इस कारण उन्होंने कभी सरकारी स्कूलों की स्थिति सुधारने की कोशिश नहीं की।