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Punjab: मुख्य न्यायाधीश गवई पर हमले की AAP ने की कड़ी निंदा

पंजाब राजनीति
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Punjab News: पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई पर हुए हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर देश में खतरनाक दलित-विरोधी माहौल पैदा करने का सीधा आरोप लगाते हुए इस घटना को सुप्रीम कोर्ट, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर द्वारा रचित संविधान और देशभर के लाखों दलितों पर हमला करार दिया।

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आज यहां पंजाब भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने इस घटना पर बनी चुप्पी पर गहरी निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि न केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, बल्कि वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी मौन साध रखा है, जिसे उन्होंने भाजपा के प्रति समर्थन के रूप में देखा। वित्त मंत्री ने जोर देकर कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति, जहां देश की सर्वोच्च न्यायिक संस्था को निशाना बनाया गया है, भाजपा द्वारा अपने अनधिकृत सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से फैलाए जा रहे दलित-विरोधी ज़हर का सीधा नतीजा है।

वित्त मंत्री ने मौजूदा राजनीतिक माहौल में देशभर में अनुसूचित जनजातियों और अनुसूचित जातियों के खिलाफ अपराधों में हुई भयावह वृद्धि का उल्लेख करते हुए राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट “क्राइम इन इंडिया 2023” का हवाला दिया। उन्होंने बताया कि देशभर में अनुसूचित जनजातियों के खिलाफ अपराधों में 28.8% की चौंकाने वाली वृद्धि दर्ज की गई है। भाजपा-शासित मणिपुर में अनुसूचित जनजातियों के खिलाफ सबसे अधिक 3,399 मामले दर्ज हुए, जबकि भाजपा-शासित उत्तर प्रदेश अनुसूचित जातियों के खिलाफ 15,130 मामलों के साथ देश में शीर्ष पर रहा, इसके बाद राजस्थान में 8,449 और मध्य प्रदेश में 8,232 मामले दर्ज हुए। चीमा ने कहा कि ये आंकड़े भाजपा की प्राथमिकताओं के भयावह स्वरूप को उजागर करते हैं।

भाजपा को कड़ी चेतावनी देते हुए कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने स्पष्ट किया कि आम आदमी पार्टी भाजपा की दलित-विरोधी नीतियों और रणनीतियों को कभी सफल नहीं होने देगी। उन्होंने घोषणा की कि ‘आप’ मुख्य न्यायाधीश पर हुए हमले के जवाब में एक व्यापक कानूनी और सामाजिक रणनीति तैयार कर रही है। उन्होंने कहा कि पार्टी इस मुद्दे पर एक देशव्यापी अभियान शुरू करने और सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करने की योजना बना रही है।

दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए वित्त मंत्री चीमा ने कहा कि न केवल प्रत्यक्ष रूप से शामिल लोग, बल्कि सोशल मीडिया पर दलित समुदाय के खिलाफ जहर फैलाने वाले सभी व्यक्तियों की पहचान कर उन पर मुकदमे चलाए जाएं। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में हुई एक घटना का हवाला देते हुए, जहां बार काउंसिल ने एक वकील के खिलाफ कार्रवाई की थी, चीमा ने कहा कि यह अत्यंत अफसोसजनक है कि बार काउंसिल ने इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं करवाई और न ही संबंधित वकील का लाइसेंस रद्द किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि बार काउंसिल को तुरंत कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए थी।

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बाद में जारी एक प्रेस बयान में कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश को निशाना बनाने वाली अवैध और आपत्तिजनक सोशल मीडिया सामग्री पर कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बताया कि पंजाब पुलिस ने आज राज्य के विभिन्न जिलों में सौ से अधिक सोशल मीडिया हैंडल्स के खिलाफ शिकायतें मिलने के बाद कई एफआईआर दर्ज की हैं। उन्होंने कहा कि जिन पोस्टों में उच्च संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों पर हमले, जातीय आधार पर अपमान और नफरत फैलाने वाली सामग्री पाई गई है, उन्हें फ़्लैग कर कानूनी कार्रवाई की गई है। इन पोस्टों और वीडियोज़ में जातिवादी और नफरत भरे बयान हैं जिनका उद्देश्य सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ना, जन व्यवस्था को बाधित करना और न्यायपालिका जैसी संस्थाओं के प्रति सम्मान को कमजोर करना था।