Noida News: नोएडा के एटीएस ग्रुप को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि नोएडा में ईडी लगातार कार्रवाई कर रही है। आम्रपाली, सुपरटेक, यूनिटेक के बाद अब ED ने नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) से एटीएस ग्रुप (ATS Group) और उससे जुड़े 63 प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए कहा है। इनमें खुद एटीएस के नाम से 26 कंपनियां हैं, इन सब के बारे में ED द्वारा जमीन आवंटन से लेकर बकाया तक के बारे में पूरी जानकारी मांगी गई है।
ये भी पढ़ेंः अजनारा होम्स पर प्राधिकरण का डंडा..पढ़िए पूरा मामला
![](https://khabrimedia.com/wp-content/uploads/2024/06/3812479-untitled-12-copy.jpg)
सूचना मांगने का आधार मनी लॉन्ड्रिंग
प्राप्त जानकारी के अनुसार, ईडी (ED) ने प्राधिकरण को एक लेटर भेजा है। जिसमें 28 जून तक जानकारी देने के लिए कहा गया है। शक है कि ED को एटीएस ग्रुप और दूसरे कंपनियों के बीच लेनदेन में गड़बड़ी को लेकर शिकायत हुई है। इसके बाद जानकारी मांगी गई है। ED के लखनऊ स्थित जोनल मुख्यालय के उपनिदेशक ज्वलिन तेजपाल की तरफ से नोएडा प्राधिकरण के सीईओ को परियोजनाओं से संबंधित जानकारी के लिए पत्र भेजा गया है। पत्र में 63 प्रोजेक्ट के नाम है और बता दें कि सूचना मांगने का आधार मनी लॉन्ड्रिंग बताया गया है।
आम्रपाली, सुपरटेक, यूनिटेक के बाद अब एटीएस
ईडी के इस लेटर को लेकर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि अभी यह पत्र सामने नहीं आया है। हो सकता है कि ऑफिस में डाक के माध्यम से आया हो। पत्र में, जो जानकारी मांगी गई है, उसको तय समय में दिया जाएगा। इस बारे में एटीएस के निदेशक गीतांबर आनंद के मोबाइल पर कॉल और मैसेज कर जानकारी मांगी गई, लेकिन उन्होंने इसका कोई जवाब नहीं दिया है। ईडी नोएडा से जुड़े दूसरे बिल्डरों की परियोजनाओं को लेकर भी जांच में लगी है। आम्रपाली, सुपरटेक, यूनिटेक के साथ ही थ्रीसी बिल्डर की परियोजनाएं जांच के दायरे में हैं। पिछले महीने ही ईडी ने थ्रीसी की लोटस 300 और लोटस बुलेवर्ड को लेकर जानकारी मांगी थी।
ये भी पढ़ेंः Greater Noida West: नैनीताल जा रहा परिवार हादसा का शिकार..मासूम ने दम तोड़ा
बिल्डर पर लगे हैं ये आरोप
शहर में लगभग 70-80 हजार फ्लैट बायर्स फ्लैट मिलने और 30 हजार से अधिक खरीदार रजिस्ट्री के लिए इंतजार ही कर रहे हैं। समय पर परियोजनाएं पूरी न करने और रजिस्ट्री न कराने के कारण खरीदार आए दिन प्रदर्शन कर रहे हैं। खरीदार लगातार आरोप लगा रहे हैं कि बिल्डरों ने उनसे लिए पैसे को दूसरी परियोजनाओं या अन्य व्यवसाय में लगा दिया। बिल्डर ने पैसों की हेराफेरी कर उनके साथ धोखा कर दिया है।
इन बिंदुओं पर मांगी गई जानकारी
समूह की किसी भी कंपनी को जमीन आवंटन का पूरा ब्योरा। यह आवंटन बोलीदाता के रूप में एकमात्र क्षमता से हुआ या कंसोर्टियम के हिस्से के रूप में हुआ है।
यदि कोई एफआईआर पंजीकृत हुई है तो उसकी पूरी रिपोर्ट
समूह कंपनी द्वारा किए गए भुगतान, बकाया और उसमें देरी का विवरण
क्या कंपनी का आवंटन रद्द किया गया है
आवंटन की शर्तों के तहत परियोजना के काम में यदि कोई लापरवाही पाई गई हो तो उसकी जानकारी
यदि कंपनी के खिलाफ कोई और एक्शन लिया गया हैतो उसकी जानकारी