Modi 3.0: लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के तीसरे कार्यकाल के लिए शपथ ग्रहण समारोह (Oath taking ceremony) की तैयारियां शुरू हो गई हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री बनने से शुरू हुआ सफर में पहली बार नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) गठबंधन की सरकार चलाएंगे। लोकसभा का रिजल्ट आने के बाद एनडीए में शामिल दलों के प्रमुखों की बैठक दिल्ली (Delhi) में हुई। इस बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि ये लगातार तीसरी सरकार के लिए एक ऐतिहासिक जनादेश है जो भारत में 60 साल बाद आया है। इस बैठक में NDA के सहयोग दल के नेता चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार ने इस बात पर जोर दिया कि बिना वक्त गंवाए जल्दी से जल्दी सरकार बनाई जाए। इस बैठक में यह तय हुआ कि 7 जून को NDA की अगली बैठक होगी और नरेंद्र मोदी को NDA संसदीय दल का नेता चुना जाएगा। इसके बाद वह राष्ट्रपति के पास जाकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि 8 जून को नरेंद्र मोदी बतौर प्रधानमंत्री तीसरी बार शपथ ले सकते हैं।
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इस बीच नरेंद्र मोदी ने अपने शपथ ग्रहण के लिए भूटान नरेश, श्रीलंका के राष्ट्रपति, नेपाल, बांग्लादेश और मौरिशस के प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया है। आपको बता दें कि लोकसभा चुनावों के नतीजों के बाद लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दुनिया भर से शुभकामनाएं मिल रही हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन, रूस के राष्ट्रपति पुतिन और फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रां की ओर से प्रधानमंत्री को बधाई मिली है। वहीं बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हसीना ने भी बुधवार शाम मोदी को फोन करके चुनाव में जीत की बधाई दी हैं। मोदी ने प्रधानमंत्री हसीना को अपने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का न्योता दिया।
बैठक में शामिल हुए ये नेता
लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद NDA की बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी, जे.पी. नड्डा, राजनाथ सिंह, अमित शाह, चंद्रबाबू नायडू, नीतीश कुमार, एकनाथ शिंदे, एच.डी. कुमारस्वामी, चिराग पासवान, जीतन राम मांझी, पवन कल्याण शामिल रहे. इनके अलावा सुनील तटकरे, अनुप्रिया पटेल, जयंत चौधरी, प्रफुल्ल पटेल, प्रमोद बोरो, अतुल बोरा, इंद्र हंग सुब्बा, सुदेश महतो, राजीव रंजन सिंह और संजय झा भी शामिल हुए। बुधवार को प्रधानमंत्री के सरकारी आवास LKM पर NDA की यह बैठक हुई।
पीएम मोदी को सभी ने चुना अपना नेता
बैठक में शामिल नेताओं द्वारा हस्ताक्षर किए गए समर्थन प्रस्ताव में कहा गया कि 2024 भारत के 140 करोड़ देशवासियों ने पिछले 10 सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों से देश को हर क्षेत्र में विकसित होते देखा है। काफी समय के बाद, लगभग 6 दशक के बाद भारत की जनता ने लगातार तीसरी बार पूर्ण बहुमत से सशक्त नेतृत्व को चुना है। हम सभी को गर्व है कि 2024 का लोकसभा चुनाव एनडीए ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एकजुटता से लड़ा और जीता। हम सभी एनडीए के नेता नरेंद्र मोदी को सर्वसम्मति से अपना नेता चुनते हैं।
राष्ट्रपति ने निवर्तमान कैबिनेट के लिए रखा डिनर
बता दें कि बुधवार को एनडीए की बैठक के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली निवर्तमान केंद्रीय कैबिनेट के लिए राष्ट्रपति भवन में डिनर रखा। 17वीं लोकसभा के लिए चुनी गई सरकार की अपनी कैबिनेट के साथ प्रधानमंत्री राष्ट्रपति भवन में पहुंचे थे। अब इस कैबिनेट कितने सदस्य आगे भी मंत्रिमंडल का हिस्सा बने रहेंगे, यह तो वक्त ही बताएगा। इस डिनर कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी शामिल हुए।
पीएम मोदी ने दिया इस्तीफा
इससे पहले, दिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया, और राष्ट्रपति ने इसे स्वीकार भी कर लिया है और उनसे नई सरकार के कार्यभार संभालने तक पद पर बने रहने को कहा है। राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली कैबिनेट की सलाह पर मौजूदा लोकसभा को भंग कर दिया। 17वीं लोकसभा का कार्यकाल 16 जून को खत्म हो जाएगा और उससे पहले नई सरकार का गठन होना है।
गठबंधन की बनेगी सरकार, पीएम बनेंगे मोदी
आपको बता दें कि 543 सदस्यीय लोकसभा में एनडीए 272 के बहुमत के आंकड़े से काफी ऊपर है, लेकिन 240 सीटें जीतने वाली बीजेपी 2014 के बाद पहली बार जादुई आंकड़े से पीछे रह गई। यानी इस बार नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनने के लिए सहयोगी दलों की आवश्यकता है और इनमें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका में चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार हैं। यही वजह है कि राजनीतिक विश्लेषक इन दोनों नेताओं को किंगमेकर बता रहे हैं।
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सहयोगी दलों की ये हो सकती है मांग
मोदी सरकार 3.0 का कार्यकाल गठबंधन में पहले दो कार्यकाल से काफी अलग होने वाला है। कारण, वन नेशन वन इलेक्शन हो या फिर यूनिफॉर्म सिविल कोड, सीएए का मुद्दा या मुस्लिम आरक्षण। बीजेपी से अलग जेडीयू और टी़डीपी का स्टैंड रहा है। जब ये पार्टी गठबंधन शामिल होंगी तो इनको लागू करना शायद ही संभव हो। शपथग्रहण से पहले सहयोगियों की तरफ से सूत्र बताने लगे हैं कि मंत्री पद को लेकर दिल में अरमान क्या हैं। सूत्रों के अनुसार NDA के प्रमुख साथ टीडीपी की तरफ से लोकसभा स्पीकर से लेकर पांच से छह मंत्रियों की मांग की गई है। टीडीपी की डिमांड लिस्ट में सड़क-परिवहन, ग्रामीण विकास, हेल्थ, आवास एवं शहरी विकास, जल शक्ति और फाइनेंस (MoS) की डिमांड रखी गई है। खास बात यह है कि अहम मंत्रालय के साथ-साथ चंद्रबाबू नायडू आंध्र प्रदेश के लिए स्पेशल स्टेटस की मांग भी कर सकते हैं।
सूत्रों का यह भी कहना है JDU की ओर से 3 कैबिनेट मंत्रियों की मांग की गई है। शिवसेना के एकनाथ शिंदे भी एक कैबिनेट और 2 MoS चाहते हैं। अब बात करें चिराग पासवान की करें तो मोदी मंत्रिमंडल में कम से कम दो मंत्रीपद की उम्मीद लगाकर बैठे हैं। ठीक ऐसे ही जीतन राम मांझी और जेडीएस के कुमार स्वामी को भी मंत्रीमंडल में एक एक सीट चाहते हैं। सूत्रों के अनुसार जेडीएस कुमारस्वामी के लिए कृषि मंत्रालय पर नजर गड़ाए हुए है, क्योंकि जेडीएस की विचारधारा किसानों से जुड़ी है। जेडीएस का कहना है कि चूंकि अभी तक कैबिनेट पद की मांग नहीं की है, इसलिए फैसला प्रधानमंत्री मोदी पर छोड़ दिया गया है।