Plot in Noida: नोएडा-ग्रेटर नोएडा में अब आसान नहीं होगा प्लॉट खरीदना, जानिए क्या है कारण
Plot in Noida: अगर आप भी नोएडा-ग्रेटर नोएडा में प्लॉट खरीदना चाहते हैं तो यह खबर आपको हैरान कर देगी। आपको बता दें कि ग्रेटर नोएडा-नोएडा (Greater Noida-Noida) में जमीन खरीदना महंगा होने जा रहा है। गौतमबुद्ध नगर में अप्रैल से नए सर्किल रेट (New circle rate) पर संपत्ति की रजिस्ट्री (Property Registry) शुरू हो जाएगी। अगले सप्ताह प्रस्तावित सर्किल रेट की लिस्ट पर लोगों से आपत्तियां मांगनी शुरू कर दी जाएगी। नोएडा-ग्रेटर नोएडा (Greater Noida-Noida) में 10 से 70 प्रतिशत तक सर्किल रेट बढ़ना प्रस्तावित हैं। सबसे ज्यादा कृषि की दरों में 70 प्रतिशत बढ़ोतरी होना संभव है।
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निबंधन विभाग (Registration Department) के अधिकारियों ने जानकारी दी कि लोगों को आपत्तियां दर्ज कराने के लिए लगभग 15 दिन का समय दिया जाएगा। इसके बाद आपत्तियों का निस्तारण कर नए सर्किल रेट लागू होंगे। प्रस्तावित सूची के मुताबिक नोएडा में आवासीय संपत्ति में 10 से 25 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हो सकती है। इनमें शहरी क्षेत्र में 10 से 15 और ग्रामीण क्षेत्र में 25 प्रतिशत सर्किल रेट बढ़ाए जाएंगे। इसके साथ ही कृषि संपत्ति के रेट में 40 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की जा सकती है। वहीं, ग्रेटर नोएडा के जेवर एरिया में कृषि भूमि के रेट 70 प्रतिशत तक बढ़ाए जाएंगे। इसका कारण है कि सीएम ने जेवर के लिए मुआवजा दर बढ़ाने की मंजूरी दे दी है।
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लगभग एक सप्ताह पहले कैबिनेट से भी इसे मंजूरी मिली है। जेवर में अब 4300 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से मुआवजा मिलता है। इसी को देखते हुए इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा कृषि भूमि के रेट बढ़ाने का फैसला लिया गया है। इस बारे में निबंधन विभाग के एआईजी भोला शंकर वर्मा का कहना है कि विभाग की ओर से प्रस्तावित लिस्ट तैयार कर ली गई है। जिलाधिकारी के साथ बैठक होने के बाद लोगों से आपत्तियां मांगी जाएंगी।
साढ़े पांच साल से दरें नहीं बढ़ीं
अधिकारियों का कहना है कि गौतमबुद्ध नगर जिले में साल 2016 में सर्किल रेट में बड़ा बदलाव हुआ था। इसके बाद वर्ष 2019 में अक्टूबर-नंबवर में कुछ श्रेणी में सर्किल रेट में बढ़ोतरी हुई थी। लेकिन उसके बाद से कोई बदलाव नहीं हुआ। ऐसे में जिले में करीब साढ़े पांच साल से सर्किल रेट में बढ़ोतरी नहीं की गई।
आवंटन दरें बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू
नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) ने बीते साल 12 जुलाई को बैठक कर आवंटन दरें बढ़ाने पर मंजूरी दी थी। इन नई दरों को अगस्त से लागू कर दिया गया था। बैठक में आवासीय, औद्योगिक, ग्रुप हाउसिंग और संस्थागत संपत्ति की आवंटन दरों में 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। आवासीय में श्रेणी ए प्लस के सेक्टरों की आवंटन दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की थी। आवंटन रेट बढ़ने के कारण संपत्ति के ट्रांसफर और प्राधिकरण से नई संपत्ति पर खरीदने पर पड़ता है। बड़ी बात यह है कि साल 2023 में भी प्राधिकरण ने आवंटन दरों में 6 से 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। अब एक बार प्राधिकरण ने आवंटन दरें बढ़ाने के लिए प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है। सभी विभागों से रेट मांगे गए हैं। उम्मीद है कि अगले कुछ महीनों में एक बार फिर आवंटन रेट बढ़ सकते हैं।
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मेरठ-आगरा का भी हाल जानिए
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में बीते 7 सालों से सर्किल रेट में किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं की गई है। वहीं, आगरा में साल 2017 में आखिरी बार सर्किल रेट में बदलाव किया गया था। यह बढ़ोतरी 10 से 15 प्रतिशत तक हुई थी। हालांकि, आठ साल बाद अब फिर से आगरा में सर्किल रेट बढ़ाने की योजना है। दूसरी ओर, गाजियाबाद जिले मे कई साल बाद पिछले वर्ष सितंबर महीने में नए सर्किल रेट लागू की गई थी। दरों में दस से 50 फीसदी तक वृद्धि की गई थी।
जो रेट ज्यादा उसी पर होती है रजिस्ट्री
संपत्ति की रजिस्ट्री में सिर्फ सर्किल रेट के कोई मायने जिले में नहीं रह गए हैं। कुछ साल पहले तक सर्किल रेट के आधार पर ही संपत्ति की रजिस्ट्री होती थी, लेकिन लगभग साढ़े तीन साल से ऐसा नहीं हो रहा। अब तीनों प्राधिकरण के अपने-अपने क्षेत्र के आवंटन दर, सर्किल रेट या वह दर जिस पर संपत्ति बेची गई है, जिसका भी रेट ज्यादा होगा उसी पर संपत्ति की रजिस्ट्री होती है।
निबंधन विभाग के पास हैं गांवों का जिम्मा
प्राधिकरण की तरफ से सिर्फ सेक्टरों में स्थित उसकी लीज होल्ड संपत्ति के आवंटन की दर तय की जाती है, गांवों के संपत्ति का दर तय करने में इसकी कोई भूमिका नहीं होती है। गांवों में जो भी संपत्ति की खरीद-फरोख्त होती है, उसका सर्किल रेट के हिसाब से चार्ज देना होता है। निबंधन विभाग के जिम्मे यह काम होता है। कई साल से गांवों में स्थित आवासीय और व्यावासयिक संपत्ति के सर्किल रेट में बढ़ोतरी नहीं हुई है। इस बार 10 से 25 प्रतिशत सर्किल रेट बढ़ाने की योजना है। सड़क की चौड़ाई और मेन रोड पर जिन गांवों में आवासीय और व्यावसायिक संपत्ति होगी, उसके सर्किल रेट अधिक तय किए जाएंगे।

