Punjab News: पंजाब में स्कूल बसों को लेकर फरमान जारी किया है। हरियाणा के महेंद्रगढ़ में 3 दिन पहले हुए रोंगटे खड़े कर देने वाले स्कूली बस (School Bus) हादसे के बाद जहां पंजाब के चीफ सेक्रेटरी (Chief Secretary) ने स्कूली बसों की जांच के आदेश दिए हैं। वहीं जिला प्रशासन (District Administration) भी आपके बच्चों को घर से स्कूल पहुंचाने व सुरक्षित वापस लाने के लिए फिक्रमंद दिखाई दे रहा है। पढ़िए पूरी खबर…
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यही वजह है कि लुधियाना के स्कूलों के लिए चल रही बसों में सेफ स्कूल वाहन पॉलिसी (Safe School Vehicle Policy) का रिव्यू करने के लिए प्रशासन पूरी तरह से सतर्क हो गया है। इस शृंखला में डीसी साक्षी साहनी ने 16 अप्रैल को लुधियाना के सभी प्राइवेट व एडेड स्कूलों के प्रिंसिपल की मीटिंग बुलाई है। गुरु नानक पब्लिक स्कूल सराभा नगर में सुबह 10 बजे से होने वाली इस मीटिंग में डीसी साक्षी खुद स्कूल प्रिंसीपलों को सेफ स्कूल वाहन पॉलिसी को सख्ती से लागू करने का पाठ पढ़ाएंगी।
आपको बता दें कि राज्य के मुख्य सचिव अनुराग वर्मा (Anurag Verma) ने गत दिवस सभी डिप्टी कमिश्नरों व जिलों के पुलिस प्रमुखों को स्कूली बसों को विद्यार्थियों के लिए सुरक्षित बनाने के लिए चेकिंग के निर्देश जारी किए थे। चीफ सेक्रेटरी ने स्कूली बसों की चेकिंग के दौरान सामने आने वाली रिपोर्ट सरकार को भेजने के लिए कहा है।
दो दिन पहले जारी आदेशों में साफ कहा गया है कि अगर किसी स्कूली बस में सेफ स्कूल वाहन स्कीम (Safe School Vehicle Scheme) के नियमों का उल्लंघन होता पाया जाए तो उस स्कूल के साथ बस मालिक के खिलाफ भी सख्त एक्शन लेने से गुरेज न किया जाए। सभी जिलों को चेकिंग की रिपोर्ट 30 अप्रैल तक भेजने के आदेश दिए गए हैं। उक्त आदेशों पर अमल करते हुए डीसी ने आरटीओ व जिला शिक्षा विभाग को मीटिंग के लिए उचित प्रबंध करने को कहा है।
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लापरवाही के लिए होगा एक्शन
जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा उक्त संबंधी स्कूलों को भेजी गई सूचना के मुताबिक सभी प्राइवेट व एडेड स्कूल के प्रमुख को मीटिंग में आवश्यक तौर पर शामिल होने के आदेश जारी किए गए हैं। डीईओ (DEO) ने कहा कि इस मीटिंग में किसी किस्म की अनुपस्थिति व लापरवाही के लिए स्कूल प्रमुख स्वयं जिम्मेदार होंगे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आरटीओ द्वारा तैयार किया गया प्रोफार्मा व स्व-घोषणा पत्र (Self-Declaration Form) भी डीईओ ने सभी निजी स्कूलों को जारी किया है। जिसे मीटिंग वाले दिन प्रिंसिपल को अपने साथ भरकर लाना होगा। इस स्व-घोषणा पत्र में प्रिंसिपल द्वारा स्कूल के लिए चलने वाली बसों में विद्यार्थियों की सुरक्षा को यकीनी बनाने के लिए लागू किए प्रबंधों बारे जानकारी देनी होगी। इसके साथ ही स्कूलों को जारी एक प्रोफार्मा में प्रिंसिपल को स्कूल के लिए चलने वाले सभी बसों के नंबर, ड्राइवर का नाम और उसका लाइसेंस नंबर भी बताना होगा।
इस प्रोफार्मा में स्कूल ट्रांसपोर्ट इंचार्ज (School Transport Incharge) के साथ प्रिंसिपल के साइन भी किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि इसी दिन शिक्षा विभाग ने प्रिंसीपलों की एक अलग मीटिंग भी रखी है जिसमें स्कूलों को मुख्य बोर्ड पर स्कूल का नाम पंजाबी में बड़े अक्षरों में लिखे जाने के निर्देश भी दिए जाएंगे।
इन प्वाइंट्स पर बसों की होगी चैकिंग
- सभी स्कूली बस के पास फिटनैस सर्टीफिकेट हो।
- बस में सीटिंग कैपेसिटी से ज्यादा बच्चे न बैठे हों।
- स्पीड गवर्नर चालू हालात में लगा हो।
- ड्राइवर के पास वैल्ड लाइसैंस हो।
- सेफ स्कूल वाहन स्कीम के सभी पहलूओं की चैकिंग होगी।