Noida News: नोएडा के पर्थला चौक (Parthala Chowk) के पास से होकर गुजरने वालों के लिए बड़ी और जरूरी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि नोएडा की एक महिला को उस समय खौफनाक अनुभव का सामना करना पड़ा, जब वह ऑफिस जा रही थीं और रास्ते में दो अज्ञात ने उनकी कार को रोक लिया। एक कंपनी में (HR) मैनेजर के पद पर तैनात वांछा गर्ग पिछले हफ्ते ग्रेटर नोएडा से अपने फिल्म सिटी (Film City) ऑफिस के लिए निकली थीं। वांछा पर्थला चौक के पास सुबह 10 बजे के आसपास ट्रैफिक जाम में फंस गईं और इसी समय अचानक दो लोग आये और वांछा की कार की खिड़कियों को पीटने लगे और दावा किया कि एक बच्चा उसकी कार के पिछले पहिये के नीचे फंस गया है।
ये भी पढ़ेंः Noida की पॉश सोसायटी विश टाउन से जुड़े कुणाल हत्याकाण्ड के तार
इस दौरान दोनों लोगों ने उनसे अपनी कार की खिड़की नीचे करने के लिए। वांछा आगे बताती हैं कि मैंने उसे नज़रअंदाज़ करने की कोशिश की क्योंकि मुझे पूरा यकीन था कि मेरी कार से किसी को कोई टक्कर नहीं लगी है, लेकिन एक आरोपी लगातार चिल्लाते रहा कि बच्चा फंसा हुआ है। वो मुझसे लगातार गाड़ी रोकने के लिए कह रहा था। मैं हैरान थी कि कैसे कोई मेरी कार के पहिए के नीचे फंसे बच्चे होने का दावा कैसे कर सकता है?
ख़बरीमीडिया के Youtube चैनल को फौलो करें।
ये भी पढ़ेंः मेरठ ही नहीं दिल्ली में भी दौड़ेगी नमो भारत..ये रही डिटेल
पीड़िता की ने बताई आपबीती
इस दौरान दो लोगों में से एक ने उनकी कार को सुरक्षित रूप से ले जाने और फँसे बच्चे को निकालने में सहायता करने की कोशिश की। वांछा ने आगे बताया कि मैं बहुत डर गई कि कैसे कोई बच्चा मेरी कार के नीचे आ गया। डर के मारे मैंने कार की खिड़की का सीसा थोड़ा नीचे किया और उसने तुरंत हाथ अंदर डाल दिया। मैं हैरान रह गई, मैंने उन्हें हाथ हटाने के लिए बोला और खिड़की बंद करने लगी इसी दौरान आरोपी ने हाथ में दर्द होने का नाटक किया तो मैंने तुरंत सीसा नीचे किया और इसी दौरान उसने तेजी से कार के दरवाजे का लॉक खोल दिया।
कार के दरवाजे का लॉक खोलने के बाद दूसरा आरोपी कार का दरवाजा पीटने लगा। वांछा बताती हैं कि यह सब उसके साथी से मेरा ध्यान भटकाने के लिए किया गया था। जब मैं अभी भी घबराहट से कांप रहाी थी तभी मैंने देखा कि दोनों अपोजिट साइट में भाग रहे हैं और फिर गायब हो गए। तभी मुझे एहसास हुआ कि उन्होंने मेरा फोन, एक गोल्डन आईफोन 14 प्रो (Golden iPhone 14 Pro) चुरा लिया है, जो मेरी बगल वाली सीट पर मेरे लंच बास्केट के अंदर था। यह पूरी घटना मात्र पांच मिनट के अंदर हुई।
बंद थे आस-पास के सीसीटीवी
सबसे हैरान कर देने वाली बात यह है कि जब पीड़िता ने पुलिस से संपर्क किया तो पता चला कि जिस जगह यह घटना हुई वहां लगे सीसीटीवी काम नहीं कर रहे थे। घटना के एक दिन बाद, गर्ग ने अपने आईफोन का पता लगाने के लिए फाइंडमाई फीचर का इस्तेमाल किया तो पता चला कि यह मेरठ में था और मैं इस बारे में पुलिस को बताया तो उन्होंने उसे दोबारा चालू होने तक इंतजार करने के लिए बोला।
वांछा ने कहा कि सिर्फ मेरा फोन चुराने के बजाय, वे मेरा अपहरण करने या यहां तक कि मुझे मार भी सकते थे क्योंकि उन्हें कानून व्यवस्था का कोई खौफ नहीं था।