Noida News: लूट और अपराध के लिए अपराधी किसी भी हद तक जा सकते हैं चाहे उसके लिए किसी की जान ही क्यों ना लेनी पड़े। 13 अप्रैल 2015, 27 वर्षीय अंकित चौहान (Ankit Chauhan), टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे। घटना वाली रात अंकित चौहान अपने मित्र गगन दुधोरिया के साथ नोएडा सेक्टर-135 से अपनी नई फॉर्च्यूनर कार में घर लौट रहे थे। कार पर अस्थायी नंबर प्लेट लगी थी। रास्ते में एक होंडा एकॉर्ड कार ने उनकी गाड़ी को ओवरटेक कर रोक लिया। होंडा से उतरे दो लोगों ने अंकित पर फायरिंग कर दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें कैलाश अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
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10 साल बाद कोर्ट का बड़ा फैसला आया और कोर्ट ने शशांक जादौन और मनोज कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इस फैसले के बाद मृतक के परिवार ने कहा, न्याय में भले देरी हुई, लेकिन हमें भरोसा था कि सच सामने आएगा.
एक इंजीनियर ने ही दूसरे इंजीनियर की जान ले ली
क्या आप सोच सकते हैं कि महज गाड़ी चुराकर बेचना मकसद हो और उसके लिए आरोपी जो कि पेशे से इंजीनियर हो, किसी निर्दोष की जान ले ले। इस केस में भी यही हुआ। आरोपी शंशाक जादौन ने जल्दी रुपये कमाने के लिए जुर्म का रास्ता चुना, और सलाखों के पीछे पहुंच गया।
जादौन के बारहवीं में 90 प्रतिशत से ज्यादा अंक आए थे। उसने दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से बीटेक की डिग्री भी हासिल की। इसके बाद वह रियल एस्टेट में लग गया, जहां उसे भारी नुकसान हुआ। उसने कथित तौर पर अपने दोस्त पवन कुमार, जो एक सह-आरोपी था और जिसकी अब मृत्यु हो चुकी है, से कर्ज लिया था, लेकिन वह उसे चुका नहीं पाया।मनोज ने ही नुकसान की भरपाई के लिए एक एसयूवी गाड़ी चुराकर बेचने की सलाह दी और निशाने पर अंकित चौहान आ गए।
ऐसे पकड़ा गया मुख्य आरोपी शशांक जादौन
वारदात की जांच शुरू में उत्तर प्रदेश पुलिस के पास थी, लेकिन बाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर इसे सीबीआई को सौंपा गया। जांच में सीबीआई को UP-14AB-2200 नंबर की होंडा एकॉर्ड कार मिली, जो घटना में इस्तेमाल कार UP-14AB-2300 से बेहद मिलती-जुलती थी। इस सुराग के आधार पर सीबीआई शशांक जादौन तक पहुंची और उसे 1 जून 2017 को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने साथी मनोज कुमार उर्फ ठेकेदार का नाम बताया, जिसे 2 जून 2017 को गिरफ्तार किया गया।
गौरव चंदेल हत्याकांड, लूट के लिए कर दिया मर्डर

6 जनवरी 2020, मल्टीनेशनल कंपनी के रीजनल मैनेजर गौरव चंदेल गुरुग्राम अपने दफ्तर से नोएडा एक्सटेंशन, गौड़ सिटी अपने घर लौट रहे थे. रास्ते में रात 10 बजे के करीब चंदेल अपनी पत्नी को फोन करके कहते हैं, रास्ते में हूं जल्दी घर आ रहा हूं, तभी उनके पत्नी उनके फोन पर किसी को कहती हुई सुनती हैं, चल जल्दी से गाड़ी साइड में लगा। रात करीब 10:30 बजे उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई. उनकी कार, मोबाइल ,लैपटॉप और पर्स लूट लिया गया. कार एक हफ्ते बाद ग़ाज़ियाबाद से बरामद हुई थी.
इस मामले पुलिस ने मिर्ची गैंग से जुड़े उमेश और मिर्ची गैंग के सरगना आशु जाट की पत्नी पूनम को हापुड़ के पास धौलाना से गिरफ्तार किया है. पुलिस का दावा है कि वारदात को आशु ,उमेश और इनके गैंग ने ही अंजाम दिया था.
वारदात करने का तरीका
आशु जाट और अन्य सदस्य पहले लूट की घटना का अंजाम देने के लिए मिर्च पाउडर का इस्तेमाल करते थे. इसको लेकर कई मामले मे भी दर्ज हैं. लेकिन 2018 में उनकी गिरफ्तारी के बाद इन लोगों ने अपना काम करने का तरीका बदल दिया. वह छह महीने तक यूपी जेल में रहे और जमानत मिलने के बाद उन्होंने कार जैकिंग करना शुरू कर दिया और इन वाहनों का उपयोग वह अन्य व्यक्तियों/ दुकानों/ पेट्रोल पंपों को लूटने के लिए करता है.
मिर्ची गैंग / आशु जाट गैंग क्या है?
वाहनों की लूट और लुटेरों का एक समूह, जो ज्यादातर पश्चिमी यूपी के नोएडा, गाजियाबाद और हापुड़ में सक्रिय है. गाजियाबाद के काजीपुरा का रहने वाला 27 वर्षीय आशू जाट उर्फ प्रवीण उर्फ धर्मेंद्र इस गिरोह का मुखिया है. वर्तमान में, गिरोह में सक्रिय 20 से अधिक सदस्य हैं. इनमें कुछ कम उम्र के लड़के भी हैं. आशु जाट पर हत्या, लूट और कार चोरी करने के 40 से अधिक मामले दर्ज हैं. उसकी पत्नी पूनम गैंग को मदद करने और साजो-सामान मुहैया करने का काम करती है. पुलिस ने आशु जाट की गिरफ्तारी के लिए 1 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की है. वह वारदात के वक्त कभी भी मोबाइल फोन नहीं ले जाता और केवल अपने सहयोगियों के मोबाइल फोन से ही बात करता था। दोनों मर्डर जिस मकसद से किया गया हो लेकिन दोनों परिवारों में एक साथ कई जिंदगियां उजाड़ दी।

