Noida-ग्रेटर नोएडा..रजिस्ट्री शुरू लेकिन फ़्लैट ख़रीदार ग़ायब!

ग्रेटर नोएडा- वेस्ट दिल्ली NCR नोएडा

Noida News: नोएडा-ग्रेटर नोएडा में फ्लैटों की रजिस्ट्री से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि अमिताभ कांत समिति (Amitabh Kant Committee) की सिफारिशें लागू होने के बाद भी नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) ने 19 बिल्डरों से छूट के पैकेज पर हस्ताक्षर कराकर 180 करोड़ रुपये जमा कराए और फ्लैटों की रजिस्ट्री का रास्ता साफ कर दिया। लेकिन इसके बाद भी बहुत से फ्लैट खरीदार (Flat Buyer) रजिस्ट्री को लेकर गंभीर नहीं दिख रहे हैं। बिल्डरों का कहना है कि उन्होंने कई खरीदारों से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन ज्यादातर में से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली। कुछ खरीदार ऐसे भी हैं जो अभी तक संपर्क में आए ही नहीं। इस स्थिति में प्राधिकरण की चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं।

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केवल 425 फ्लैटों की हुई रजिस्ट्री

अमिताभ कांत समिति (Amitabh Kant Committee) की ससिफारिशों के बाद नोएडा प्राधिकरण पर शासन का प्रेशर है। शासन की तरफ से लगातार अपडेट लिया जा रहा है। प्राधिकरण ने चरणबद्ध तरीके से 45 बिल्डरों से संपर्क किया और उनमें से 19 बिल्डरों ने छूट के बाद 25% राशि जमा कर दी, लेकिन कुछ ने किस्तों में भुगतान किया। बिल्डरों द्वारा धनराशि जमा कराए जाने के बाद अभी 1,300 फ्लैट खरीदारों के फ्लैटों की रजिस्ट्री का रास्ता साफ हो गया है, लेकिन अब तक केवल 425 फ्लैटों की रजिस्ट्री ही हुई है।

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बिल्डरों ने बताई यह वजह

नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम. ने बिल्डरों के साथ मीटिंग की। उन्होंने यह जानने का प्रयास किया कि पैसे जमा कराने के बाद रजिस्ट्री क्यों नहीं हो पा रही है। बिल्डरों का कहना है कि कई खरीदारों ने अपने फ्लैट किराए पर दिए हैं और रजिस्ट्री के लिए उन्हें अंतिम बकाया भी जमा कराना होगा, जो 5 से 20 लाख रुपये के आस पास हो सकता है। संभव है कि उनके पास फंड की कमी हो और वे बाद में रजिस्ट्री कराना चाह रहे हों, इसलिए टालमटोल कर रहे हों। इस तरह की दिक्कत आईटीएस निंबस, एक्सप्रेस जेनिथ, ग्रेट वैल्यू सहित कई बिल्डरों के साथ आ रही है।

जानिए अमिताभ कांत समिति को

नोएडा समेत पूरे दिल्ली-एनसीआर और देशभर में रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स की समस्याओं का समाधान करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के आदेश पर नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत की अध्यक्षता में एक समिति का गठन 31 मार्च 2023 को किया गया था। समिति में यूपी में, दिल्ली और हरियाणा के टॉप ब्यूरोक्रेट्स शामिल थे। इस कमेटी को दिल्ली-एनसीआर में अटके प्रोजेक्ट्स को पूरा करने का रास्ता बताने का जिम्मा दिया गया था। इस कमेटी ने बिल्डर्स से लेकर बायर्स तक की समस्याओं और हर पहलुओं का बारीकी से जाना। तब जाके 24 जुलाई 2023 को अपनी रिपोर्ट सबमिट की। यूपी सरकार ने उस रिपोर्ट को गौतमबुद्ध नगर के तीनों विकास प्राधिकरणों को भेजा था। अधिकारियों के अनुसार, सरकार ने समिति की करीब आधी सिफारिशों को कुछ बदलाव के साथ लागू करने का फैसला लिया गया है।