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Noida-ग्रेटर नोएडा को बिजली संकट से मुक्ति बस मिलने ही वाली है

ग्रेटर नोएडा- वेस्ट दिल्ली NCR नोएडा
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Noida-ग्रेटर नोएडा में पॉवरकट से मिलेगा छुटकारा, मिलेगी पर्याप्त बिजली

Noida News: नोएडा- ग्रेटर नोएडा के लोगों को यह खबर खुश कर देगी। आपको बता दें कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा में बहुत जल्द लोगों को पॉवरकट (Powercut) जैसी समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा मिल जाएगा। घरों से निकलने वाले मिश्रित कचरे से अब बिजली बनाई जाएगी। इसके लिए अस्तौली में हरा कोयला संयंत्र (Torrefied Charcoal) स्थापित किया जा रहा है। इस संयंत्र में कचरे से हरा कोयला (Green Coal) तैयार किया जाएगा, फिर उससे बिजली पैदा की जाएगी। संयंत्र का काम तेजी से हो रहा है। 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर यह संयंत्र चालू हो जाएगा। इससे कूड़े का पहाड़ नहीं बनेगा और पर्यावरण संरक्षित होगा।
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नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का संयुक्त परियोजना

नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण (Greater Noida Authority) अपने – अपने क्षेत्रों में घर-घर से कूड़ा एकत्रित करता है। उसके निस्तारण में काफी समस्या का सामना करना पड़ता है। इस समस्या का समाप्त करने के लिए दोनों प्राधिकरण संयुक्त रूप से हरा कोयला संयंत्र परियोजना लाई।

इसके लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र के अस्तौली में 20 एकड़ जमीन चिह्नित की गई। नोएडा प्राधिकरण ने अपने हिस्से की जमीन की कीमत चुकाई है। एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड ने संयंत्र लगाने का समझौता किया और काम शुरू कर दिया है। नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने जानकारी दी कि काम तेजी से चल रहा है। छह माह में संयंत्र बनकर तैयार हो जाएगा। 15 अगस्त को इसे शुरू कर दिया जाएगा।

गीला और सूखा दोनों तरह के कचरे का होगा निस्तारण

नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी के मुताबिक इस संयंत्र में गीला व सूखा दोनों तरह के कूड़े का निस्तारण होगा। संयंत्र में हरदिन 9 सौ टन कूड़े का निस्तारण होगा। उसमें 6 सौ टन नोएडा और 3 सौ टन ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र के घरों से निकले वाला कूड़ा रहेगा।

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165 करोड़ की लागत से होगा तैयार

आपको बता दें कि 20 एकड़ जमीन में लग रहे इस संयंत्र को लगाने में लगभग 165 करोड़ रुपये की लागत आएगी। उसे एनटीपीसी देगा। नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने सिर्फ जमीन दी है। इसका कार्यकाल 25 साल रहेगा।
इस संयंत्र में एनटीपीसी कचरे से हरा कोयला तैयार करेगी। उससे बिजली पैदा करेगी। उस बिजली से उसका खर्च निकलेगा। जन स्वास्थ्य, नोएडा प्राधिकरण के महाप्रबंधक एसपी सिंह के मुताबिक संयंत्र को छह माह में चालू कराने का लक्ष्य है। इसके चालू होने से शहर कूड़ा मुक्त हो जाएगा।

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