MP News:अध्यात्मिकता की यात्रा ही भारत की विकास यात्रा-CM मोहन यादव

मध्यप्रदेश राजनीति

MP News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Dr. Mohan Yadav) ने माधव सेवा न्यास में विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी मध्य प्रान्त (Vivekananda Center Kanyakumari Central Province) के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान सीएम डॉ. यादव ने कहा कि हे भारत आध्यात्मिकता से विश्व विजयी बनो। यह विमर्श हमारा मूल दृष्टिकोण है। हम मूलत: आध्यात्मिक हैं। हमारा मूल दृष्टिकोण आध्यात्मिक है। सम्पूर्ण प्रकृति में परमेश्वर निहित है। उसे बस आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने की आवश्यकता है।
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मध्य प्रदेश के सीएम डॉ. यादव (Dr. Mohan Yadav) ने कहा कि हमारे इतिहास में हमारा प्राचीन ज्ञान-विज्ञान निहित है। कुंभ मेले का आयोजन मेला नक्षत्र के आधार पर होता है। प्रत्येक 12 सालों में उज्जैन में सिंहस्थ का आयोजन होता है। बाकी जगह आयोजित होने वाले मेले को कुंभ कहा जाता है, लेकिन उज्जैन में आयोजित होने वाले कुंभ मेले को सिंहस्थ कहा जाता है। सिंहस्थ में विवेकानन्द एवं रामकृष्ण मिशन के अनुयायी भी हिस्सा लेते हैं। परमेश्वर पूरी सृष्टि में मौजूद है।
डॉ. यादव ने कहा कि आध्यात्मिकता की यात्रा ही भारत की वास्तविक यात्रा है। उज्जैन में स्थित डोंगला में स्टैंडर्ड टाइम की गणना होती है। विमर्श कार्यक्रम में सीएम डॉ.यादव (CM Dr.Yadav) ने एकनाथ रनाडे के विचारों पर विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमार के विद्यार्थियों द्वारा लिखित पुस्तक ध्येयनिष्ठ जीवन का विमोचन किया। इस मौके पर स्मिता दीदी ने तीन ओंकार प्रार्थना की प्रस्तुति दी। नन्दन जोशी ने सभी अतिथियों का परिचय करवाया। मानस भट्टाचार्य ने एकल गीत प्रस्तुत की।

आध्यात्मिकता केवल उपासना तंत्र नहीं

विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी (Vivekananda Kendra Kanyakumari) की उपाध्यक्ष पद्मश्री डॉ.निवेदिता भिड़े ने इस दौरान कहा कि अध्यात्मिकता केवल एक उपासना तंत्र ही नहीं है, अपितु आध्यात्मिकता के सम्बन्ध में भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में बताया है कि स्वभाव ही अध्यात्मिकता है। अपनेपन के दायरे में जो आ जाता है, वह अध्यात्मिकता है। जो व्यक्ति परिवार, समाज और देश के बारे में विचार करता है, वही अध्यात्मिकता है। व्यक्ति का विस्तृत स्वरूप परिवार होता है। परिवार का विस्तृत स्वरूप समाज होता है। और समाज का विस्तृत स्वरूप राष्ट्र होता है, राष्ट्र का विस्तृत स्वरूप ही सम्पूर्ण विश्व होता है। व्यक्ति अपना स्वाभाविक जीवन जीते हुए नि:स्वार्थ भाव से लोगों की सेवा करता है, वह सब अध्यात्मिकता के ही दायरे में आता है। इस दौरान प्रबंध निदेशक इंजीनियरिंग प्रा.लि. के प्रतीक पटेल ने कहा कि उज्जैन में जब से महाकाल लोक बना है, तब से उज्जैन का आर्थिक विकास उत्तरोत्तर प्रगति कर रहा है।