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MP News: CM मोहन यादव ने MSME को बताया अर्थव्यवस्था की रीढ़, 5084 युवाओं को बिना गारंटी दिए लोन

मध्यप्रदेश राजनीति
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MP News: सीएम मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य प्रदेश के युवाओं को उद्यमिता के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाना है।

MP News: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य प्रदेश के युवाओं को उद्यमिता के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाना है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 को ‘निवेश और रोजगार वर्ष’ के रूप में मनाया जा रहा है, ताकि युवाओं को रोजगार मांगने वाला नहीं, बल्कि रोजगार देने वाला बनाया जा सके।

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उद्यम क्रांति योजना से मिला हौसला

सीएम डॉ. यादव ने कहा कि उद्यम क्रांति योजना ने प्रदेश के हजारों युवाओं को बैंकिंग सहायता देकर उद्योग शुरू करने का हौसला दिया है। इस योजना के तहत अब तक 5084 युवाओं को 347 करोड़ रुपये से अधिक का बैंक ऋण बिना गारंटी के प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि दीपावली से पहले यह सम्मेलन एक औद्योगिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि ‘नए भारत के दीपोत्सव’ की शुरुआत है। यह विश्वास और स्वाभिमान का उत्सव है।

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एमएसएमई को बताया भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़

मुख्यमंत्री ने कहा कि एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग) भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। ये न केवल देश के कोष को भरते हैं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की नींव को भी मजबूत करते हैं। उन्होंने बताया कि सम्मेलन में 700 एमएसएमई इकाइयों को 197 करोड़ रुपये की सहायता राशि सिंगल क्लिक के जरिए उनके खातों में भेजी गई है।

स्टार्टअप्स को मिल रहा है सहयोग

सरकार नवाचार और स्टार्टअप संस्कृति को भी बढ़ावा दे रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 63 स्टार्टअप्स को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है। प्रत्येक स्टार्टअप को एक वर्ष तक हर महीने 10 हजार की मदद प्रदान की जा रही है। इसके साथ ही 237 उद्यमियों को उद्योग हेतु जमीन के आवंटन पत्र दिए गए हैं। अब तक 800 से अधिक भूखंड आवंटित किए जा चुके हैं, जिससे प्रक्रिया और अधिक सरल एवं पारदर्शी बनी है।

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उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश के 6000 से अधिक स्टार्टअप्स में 47% महिलाओं की भागीदारी है, जो दर्शाता है कि महिलाएं अब उद्योग जगत में तेजी से आगे बढ़ रही हैं।

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गांवों तक पहुंचा रोजगार का जाल

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों में लघु उद्योगों के माध्यम से रोजगार के नए अवसर बन रहे हैं। ये उद्योग स्थानीय लोगों को आत्मनिर्भर बना रहे हैं। सरकार का लक्ष्य माहेश्वरी साड़ी, शरबती गेहूं और रायसेन के बासमती चावल जैसे स्थानीय उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना है।

नए औद्योगिक क्षेत्र होंगे तैयार

प्रदेश में औद्योगिक विकास को नई दिशा देने के लिए 19 नए औद्योगिक क्षेत्र बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा 10 और औद्योगिक क्षेत्रों के विकास की योजना तैयार की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को साकार करने में एमएसएमई अहम भूमिका निभा रहे हैं।

सरकारी योजनाओं से बढ़ रहा आत्मविश्वास

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अब तक 2500 यूनिट्स को 2162 करोड़ रुपये की सहायता दी जा चुकी है। लैंड लॉक सब्सिडी जैसी नई योजनाओं से छोटे उद्यमियों को लाभ मिल रहा है। साथ ही मध्यप्रदेश स्टार्टअप पॉलिसी 2025 के तहत युवाओं को शुरुआती सहयोग और मार्गदर्शन उपलब्ध कराया जा रहा है। वर्तमान में 102 इंक्यूबेशन सेंटर युवाओं के नवीन विचारों को आकार देने में मदद कर रहे हैं।

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उद्यमियों से संवाद और प्रोत्साहन

सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री ने बालाघाट और टीकमगढ़ के उद्यमियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत की और उन्हें प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर उद्यमी और युवा के साथ खड़ी है और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगी।