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MP News: CM मोहन ने किसानों के हित में रद्द किया विवादित बिजली सर्कुलर, चीफ इंजीनियर को हटाया

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MP News: मध्य प्रदेश में किसानों को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सीएम मोहन यादव ने सख्त तेवर दिखाए।

MP News: मध्य प्रदेश में सीएम मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि किसानों (Farmers) का हित उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। हाल ही में बिजली विभाग (Electricity Department) की ओर से जारी एक विवादित आदेश ने प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी थी, जिसमें कहा गया था कि अगर किसानों को 10 घंटे से अधिक बिजली दी गई, तो फीडर ऑपरेटरों और इंजीनियरों का वेतन काटा जाएगा। इस पर मुख्यमंत्री ने तुरंत संज्ञान लेते हुए आदेश रद्द कर दिया और संबंधित चीफ इंजीनियर को पद से हटा दिया। पढ़िए पूरी खबर…

अन्नदाताओं के प्रति सरकार की अटूट प्रतिबद्धता

सीएम मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने इस मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा, ‘अन्नदाता का हित हमारे लिए सर्वोपरि है। किसानों के कल्याण के लिए हमारी सरकार पूरी निष्ठा और प्रतिबद्धता से काम कर रही है। किसानों को हर हाल में 10 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।’ उन्होंने साफ किया कि जिस सर्कुलर से भ्रम की स्थिति पैदा हुई थी, उसे तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है। साथ ही, इस तरह की किसी भी लापरवाही पर आगे सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी।

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विवादित आदेश को लेकर सख्त कार्रवाई

बता दें कि, 3 नवंबर को बिजली विभाग के महाप्रबंधक ए.के. जैन के हस्ताक्षर से एक पत्र जारी किया गया था, जिसमें कहा गया था कि कृषि फीडरों पर अगर किसी दिन 10 घंटे से अधिक बिजली दी गई तो फीडर ऑपरेटर की एक दिन की सैलरी काटी जाएगी। लगातार दो दिन ऐसा होने पर जेई, पांच दिन पर डीजीएम और सात दिन तक जारी रहने पर जीएम पर कार्रवाई की बात कही गई थी।

इस आदेश ने किसान संगठनों और विपक्षी दलों में तीखी प्रतिक्रिया पैदा कर दी। लेकिन सीएम मोहन यादव ने बिना देरी किए जनभावनाओं का सम्मान करते हुए विवादित आदेश रद्द कर दिया और विभागीय जिम्मेदार अधिकारी को तुरंत पदमुक्त करने का निर्णय लिया।

Pic Social Media

किसान हितैषी सरकार का उदाहरण

सीएम ने कहा कि प्रदेश में एक संवेदनशील और किसान-हितैषी सरकार कार्यरत है। राज्य सरकार किसानों के समग्र उत्थान और ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि ‘हमारे किसान प्रदेश की रीढ़ हैं। उनके लिए पर्याप्त बिजली, सिंचाई, और आर्थिक सहायता सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है।’

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विभागीय सुधार और जवाबदेही पर जोर

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि भविष्य में किसी भी स्तर पर इस तरह की गलत नीतिगत कार्रवाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने ऊर्जा विभाग को आदेश दिया है कि सभी नीतिगत निर्णय किसान हित को केंद्र में रखकर लिए जाएं।

सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद ऊर्जा विभाग में जवाबदेही तय करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। आने वाले दिनों में इस मामले से जुड़े कुछ और अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है।

किसानों को राहत और विश्वास का संदेश

सीएम मोहन यादव (CM Mohan Yadav) के इस निर्णय से किसानों में राहत और विश्वास का माहौल देखा जा रहा है। सरकार ने यह स्पष्ट संकेत दिया है कि किसानों के साथ अन्याय या असंवेदनशीलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

मुख्यमंत्री के इस त्वरित निर्णय ने एक बार फिर यह साबित किया है कि मध्य प्रदेश सरकार किसानों के साथ है, उनके हितों की रक्षा के लिए तत्पर है, और किसी भी परिस्थिति में अन्नदाताओं के अधिकारों से समझौता नहीं किया जाएगा।

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प्रदेश में खुशहाली की नई मिसाल

यह घटना दर्शाती है कि सीएम मोहन यादव (CM Mohan Yadav) की सरकार कितनी संवेदनशील और निर्णायक है। किसानों को रबी फसल के लिए भरपूर बिजली मिलेगी, जिससे उनकी उपज बढ़ेगी और मध्य प्रदेश समृद्धि की नई ऊंचाइयों को छुएगा। डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में किसान न सिर्फ सुरक्षित हैं, बल्कि सशक्त भी हो रहे हैं।