Manoj Tiwary On MS Dhoni: भारतीय टीम के लिए 12 वनडे और 3 टी20 मैच खेलने वाले मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) ने बिहार के खिलाफ अपना आखिरी रणजी (Ranji) मैच खेलकर संन्यास ले लिया है। लेकिन संन्यास लेते ही मनोज तिवारी ने भारतीय टीम ने चयन न होना का जिम्मेदार महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) को बताकर खेल जगत में तहलका मचा दिया है।
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मनोज तिवारी ने बंगाल के लिए अपना आखिरी रणजी ट्रॉफी मैच (Ranji Trophy Match) के बाद क्रिकेट से संन्यास लिया, तो उन्होंने अपने करियर का सबसे बड़ा अफसोस साझा किया। इसके साथ ही उन्होंने पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के रवैये प्रति अपनी निराशा जाहिर की।
एक इंटरव्यू में कहा कि वह किसी दिन पूर्व कप्तान धोनी (Dhoni) से यह जानना चाहते हैं कि शतक लगाने और प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार जीतने के बाद भी उन्हें लगातार 14 मैचों तक क्यों बाहर रखा गया। उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें 2012 में ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए नजरअंदाज कर दिया गया था, जबकि उस सीरीज में विराट कोहली, रोहित शर्मा और सुरेश रैना जैसे कुछ शीर्ष खिलाड़ी रन बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे।
एक न्यूज चैनल से इंटरव्यू के दौरान मनोज (Manoj) ने कहा- जब मैंने 65 प्रथम श्रेणी मैच खेले थे, तब मेरा बल्लेबाजी औसत 65 के आसपास था। तब ऑस्ट्रेलिया टीम ने भारत का दौरा किया था, और मैंने चेन्नई में एक दोस्ताना मैच में 130 रन बनाए थे। फिर मैंने इंग्लैंड के खिलाफ एक दोस्ताना मैच में 93 रन बनाए थे।
मैं टेस्ट कैप हासिल करने के काफी करीब था, लेकिन उन्होंने मेरी जगह युवराज सिंह (Yuvraj Singh) को चुना। इसलिए टेस्ट कैप नहीं मिल सकी। इतना ही नहीं वनडे में शतक बनाने के लिए प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार मिलने के बाद मुझे नजरअंदाज कर दिया गया था। जब आत्मविश्वास अपने चरम पर होता है और कोई उसे नष्ट कर देता है, तो वह खिलाड़ी खत्म हो जाता है। किसी भी पेशे में एक खिलाड़ी के लिए आत्मविश्वास ही सब कुछ होता है।
रिपोर्टर ने मनोज तिवारी से पूछा- उस टीम के कप्तान एमएस धोनी (MS Dhoni) थे। मैं आपसे सीधा सवाल पूछ रहा हूं? मनोज ने जवाब देते हुए कहा ‘हां, एमएस धोनी कप्तान थे। अगर मुझे यह सवाल पूछने का मौका मिलता है तो मैं उनसे जरूर पूछेंगे कि शतक बनाने के बाद मुझे टीम से बाहर क्यों कर दिया गया।
मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) ने साल 2008 में भारत के लिए अपना डेब्यू किया था और 7 साल और आठ अलग-अलग सीरीज में वह 12 वनडे और तीन टी20 मैच खेले। दिसंबर 2011 में, उन्होंने चेन्नई में वेस्टइंडीज के खिलाफ नाबाद 104 रन बनाकर अपना पहला अंतरराष्ट्रीय शतक लगाया था। तिवारी ने 12 वनडे में 23.92 की औसत से 287 रन बनाए थे तो वहीं 3 टी20 ने सिर्फ 15 रन ही बना सके। इसके अलावा मनोज ने 98 आईपीएल में कुल 1695 रन बनाए है।