Mahakumbh 2025: समरसता कार्यक्रम में शामिल हुए CM धामी, संतों का लिया आशीर्वाद
Mahakumbh 2025: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) सोमवार को प्रयागराज पहुंचे। महाकुंभ 2025 में सीएम पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) सपरिवार डुबकी लगाए। इस दौरान सीएम धामी महाकुंभ में आयोजित समानता के साथ समरसता कार्यक्रम में भी शामिल हुए। इस मौके पर सभी संतों ने उत्तराखंड (Uttarakhand) में सर्वप्रथम समान नागरिक संहिता लागू करने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का स्वागत और सम्मान किया।
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सीएम धामी (CM Dhami) ने कार्यक्रम में मौजूद सभी संतो को धन्यवाद करते हुए कहा कि त्रिवेणी (Triveni) की पवित्र भूमि और महाकुंभ (Mahakumbh) के शुभ मौके पर पूज्य संतों का आशीर्वाद मिलना बड़े ही सौभाग्य की बात है। उन्होंने आगे कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी की विकसित भारत की कल्पना में पूज्य संतों का आशीर्वाद बहुत ही जरूरी है। सीएम ने कहा कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करना, विकसित भारत की ओर कदम बढ़ाना है। उन्होंने कहा संतों ने मेरा जो सम्मान किया है, वो उत्तराखंड के सभी नागरिकों का सम्मान है।
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मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड में साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव से पहले हमने उत्तराखंड (Uttarakhand) की जनता के सामने समान नागरिक संहिता लागू करने का संकल्प रखा था, जनता ने हमें आशीर्वाद प्रदान किया। सरकार बनने के बाद सबसे पहले मंत्रिमंडल की बैठक में समान नागरिक संहिता के लिए कमेटी बनाई गई और देशभर में सबसे पहले उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) लागू कर दिया गया।
इस मौके पर महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी जी महाराज, महंत रविंद्रपुरी जी महाराज, महामंडलेश्वर नारायण गिरी जी महाराज, महामंडलेश्वर साध्वी निरंजन ज्योति, महंत हरि गिरी जी महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी आशुतोषानंद गिरी महाराज एवं अन्य संतगण मौजूद रहे।
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सीएम धामी ने त्रिवेणी संगम में मां को कराया स्नान
सीएम पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने कहा कि आज त्रिवेणी संगम के पुण्य सलिल में माता जी को स्नान कराने का सौभाग्य मिला। यह मेरे जीवन के उन अमूल्य और भावुक क्षणों में से एक है, जिन्हें शब्दों में पिरोना संभव नहीं। वेदों, शास्त्रों और पुराणों में बताया गया है कि कोई भी जीव माता के ऋण से कभी मुक्त नहीं हो सकता है क्योंकि माता ही वह प्रथम स्रोत हैं, जिनसे हमारा अस्तित्व जुड़ा हुआ है। माता का स्नेह अनंत, उनकी ममता अपरिमेय और उनका आशीर्वाद अक्षुण्ण होता है।
सीएम धामी ने कहा कि इस दिव्य क्षण में अनुभव हुआ कि मां केवल जन्मदात्री ही नहीं अपितु सजीव तीर्थ हैं जिनकी सेवा और सम्मान से जीवन के समस्त पुण्य फलीभूत होते हैं। यह भावपूर्ण क्षण मेरे लिए सनातन संस्कृति, परंपरा और मातृभक्ति का सजीव स्वरूप बनकर हृदय पटल पर सदैव अंकित रहेगा।