सूर्यांश सिंह, ख़बरीमीडिया
Delhi Liquor Policy Case: राजधानी दिल्ली में एक बार फिर अफसर बनाम सरकार की जंग तेज हो गई है। दिल्ली के मुख्य सचिव के खिलाफ CM केजरीवाल ने मोर्चा खोल दिया है। केजरीवाल ने चीफ सेक्रेटरी (Chief Secretary) को तुरंत पद से हटाने साथ उन्हें सस्पेंड करने की सिफारिश की है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) ने विजिलेंस मिनिस्टर आतिशी की रिपोर्ट एलजी वीके सक्सेना (VK Saxena) को भेजकर उन्हें तुरंत हटाने की मांग की है। सीएम ने मंत्री आतिशी (Minister Atishi) को यह रिपोर्ट सीबीआई और ईडी को भेजने को कहा है।
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दिल्ली के मुख्य सचिव और सीनियर आईएएस अफसर नरेश कुमार (Naresh Kumar) भ्रष्टाचार के मामले में घिर गए हैं। आरोप है कि द्वारका एक्सप्रेसवे (Dwarka Expressway) में भूमि अधिग्रहण में हेरफेर कर सीएस के बेटे की कंपनी को 315 करोड़ का फायदा पहुंचाया गया है। एक शिकायत के आधार पर दिल्ली के सतर्कता विभाग ने जांच की और सीएस की संलिप्तता पाए जाने का दावा किया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को जांच रिपोर्ट के आधार पर सीएस को तत्काल पद से हटाने और सस्पेंड करने की सिफारिश की है।
दिल्ली की सतर्कता मंत्री आतिशी ने बामनोली भूमि अधिग्रहण (Land acquisition) मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 650 पत्रों की प्राथमिक रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट में चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार पर बेटे की कंपनी को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में करीब 850 करोड़ रुपये का अनुचित लाभ कमाया गया। यह जमीन 2015 में द्वारका एक्सप्रेसवे के पास केवल 75 लाख रुपये में खरीदी गई थी।
बता दें कि न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक मुख्यमंत्री केजरीवाल ने सतर्कता मंत्री आतिशी से 11 नवंबर को रिपोर्ट मांगी थी। वहीं 4 दिन में करीब 650 पेज की रिपोर्ट तैयार कर मुख्यमंत्री को सौंपी गई है। गौरतलब है कि दिल्ली सरकार के मंडलायुक्त अश्विनी कुमार ने बीते सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि मुख्य सचिव नरेश कुमार पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं और गंदी राजनीति का हिस्सा है।
जानिए पूरे विवाद की वजह
एनएचएआई के द्वारका एक्सप्रेसवे (Dwarka Expressway) के लिए भूमि अधिग्रहण 2017 में शुरू हुआ। दो भूस्वामियों सुभाष चंद कथूरिया और विनोद कुमार कथूरिया को 19 एकड़ जमीन के लिए 41.52 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया। दोनों ने मुआवजे की राशि को चुनौती दी। 2019 में दोनों ने निष्पक्षता पर सवाल उठाए और दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। लेकिन कथूरिया को कोई कानूनी राहत नहीं मिली। 2019 में जिला मजिस्ट्रेट दक्षिण-पश्चिम दिल्ली ने मध्यस्थ के रूप में काम करना शुरू किया। 2019 और 2022 के बीच 3 डीएम ने इस मामले को देखा। लेकिन कयूरिया की मुआवजा राशि नहीं बदली।
करीब 850 करोड़ का गलत फायदा पहुंचाया
केजरीवाल सरकार में विजिलेंस मंत्री आतिशी का कहना है कि द्वारका एक्सप्रेसवे के लिए बामनोली गांव में भूमि अधिग्रहण के संबंध में सीएम को एक शिकायत मिली थी। कंपनी ने द्वारका एक्सप्रेसवे के पास 2015 में ये जमीन मात्र 75 लाख में खरीदी थी। अब महंगे रेट पर भूमि अधिग्रहण हुआ। कंपनी को करीब 850 करोड़ का गलत फायदा पहुंचाया गया। चीफ सेक्रेटरी ने बेटे की कई अन्य कंपनियों को भी सरकारी ठेके दिए हैं। इन कंपनियों की भी जांच होगी।
कब सामने आया था जमीन में गड़बड़ी का मामला
द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए 2018 में एनएचएआई (NHAI) द्वारा भूमि का अधिग्रहण किया गया था। इसी साल मई में तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट हेमंत कुमार ने बामनोली में अधिग्रहित 19 एकड़ भूमि के लिए दो व्यक्तियों को 18.54 करोड़ रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजे के रूप में 353 करोड़ रुपये दिए। आरोप है कि साउथ वेस्ट के डीएम ने निर्णायक प्राधिकारी, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट के 2018 के फैसले को पलट दिया। जिसमें जमीन के उसी टुकड़े के लिए 53 लाख रुपये प्रति एकड़ के मूल्यांकन के आधार पर 41.52 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया था।
सीबीआई कर रही है मामले में जांच
आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) की सरकार ने दावा किया है कि द्वारका एक्सप्रेस वे से संबंधित भूमि मुआवजा मामले से संबंधित अनियमितताओं में दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार भी शामिल हैं। इस मामले में डीएम के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू हो चुकी है। सीबीआई जांच भी चल रही है। अब मुख्य सचिव के खिलाफ भी जांच के लिए सीएम ने शिकायत को आगे भेज दिया है।
नरेश ने जांच रिपोर्ट पर उठाए सवाल
नरेश कुमार ने कहा कि क्या किसी ने मंत्री की 650 पन्नों की रिपोर्ट पढ़ी है? ऐसे आरोप किस आधार पर लगाए गए हैं? रिपोर्ट की प्रति साझा नहीं की गई है। तो कोई किस आधार पर रिपोर्ट कर सकता है। इस प्रकार के अपुष्ट तथ्यों को प्रकाशित करना अनुचित एवं सच्ची भावना से परे है। यदि भूमि मालिकों ने 2015 में बाजार दर के मात्र 7% पर जमीन खरीदी थी तो 2015 से मुख्यमंत्री, मंत्री (राजस्व), मंत्री (सतर्कता) और संबंधित अधिकारियों द्वारा क्या किया गया आज तक? क्या ऐसी कथित कम मूल्य वाली बिक्री/खरीद में इन व्यक्तियों के कोई हित थे?
बेटे को लेकर विवादों में आए नरेश कुमार
बता दें कि जून 2022 में हेमंत कुमार (Hemant Kumar) ने दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के डीएम के रूप में कार्यभार संभाला और मध्यस्थता का काम भी संभाला। इसी बीच अप्रैल 2022 में सीनियर आईएएस नरेश कुमार दिल्ली के मुख्य सचिव बने। लगभग एक साल बाद हेमंत कुमार ने कथूरिया के लिए भूमि अधिग्रहण मुआवजा 41.52 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 353.7 करोड़ रुपये कर दिया। सुभाष चंद कथूरिया व्यवसायी अमन सरीन के ससुर हैं। सरीन अनंत राज लिमिटेड के एमडी और सीईओ हैं। इसी कंपनी में दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार के बेटे करण चौहान राजनीतिक सलाहकार हैं।
नरेश कुमार के बारे में जानिए
आपको बता दें कि नरेश कुमार इसी महीने सेवानिवृत्त होने वाले हैं। ऐसी अटकलें हैं कि नरेश को सेवा विस्तार मिल सकता है। कहा जा रहा है कि दिल्ली में आप सरकार इनके खिलाफ है। 1987 बैच के आईएएस नरेश कुमार एजीएमयूटी अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश कैडर के अधिकारी हैं। इससे पहले वो अरुणाचल प्रदेश के मुख्य सचिव थे। उन्होंने पिछले साल अप्रैल में विजय देव की जगह बतौर दिल्ली मुख्य सचिव ली थी। नरेश कुमार नई दिल्ली नगरपालिका परिषद में चेयरमैन भी रहे हैं।