दिल्ली को केजरीवाल सरकार का तोहफ़ा..प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री आसान

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Delhi News: दिल्लीवालों के लिए खुश कर देने वाली खबर है। अब राजधानी में प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री (Registry of Property) का काम आसान होने वाला है। दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने सब-रजिस्ट्रार ऑफिसों में प्रॉपर्टी के रजिस्ट्रेशन व इससे जुड़े अन्य कामकाज के लिए पहुंचने वाले लोगों को राहत देने के लिए और कामकाज में पारदर्शिता लाने के लिए एक नई पॉलिसी (New Policy) को मंजूरी दे दी है।

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इस पॉलिसी को Anywhere Registration Policy नाम दिया है। नई पॉलिसी के तहत लोग अब दिल्ली के 22 सब-रजिस्ट्रार ऑफिसों में से किसी भी ऑफिस में जाकर प्रॉपर्टी संबंधी अपना कामकाज आसानी से निपटा सकेंगे। अभी तक किसी एक ऑफिस में जाकर ही यह काम कराने की पाबंदी थी, जिसके अक्सर लोगों को कई बार समस्या का सामना करना पड़ता था।

सब-रजिस्ट्रारों के ऑफिस हो जाएंगे कंबाइंड

दिल्ली सरकार (Delhi Government) की राजस्व मंत्री आतिशी (Atishi) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस पॉलिसी को मंजूरी दे दी है और फाइल को फाइनल एप्रूवल के लिए एलजी के पास भेज दिया गया है। चार पांच दिन में एलजी साहब का भी एप्रूवल मिल जाएगा, जिसके बाद नोटिफिकेशन जारी करके इस पॉलिसी को लागू कर दिया जाएगा।

इस पॉलिसी के लागू होने के बाद सभी सब-रजिस्ट्रारों के ऑफिस कंबाइंड हो जाएंगे। उन्हें जॉइंट सब-रजिस्ट्रार कहा जाएगा और पूरी दिल्ली उनके अधिकार क्षेत्र में आ जाएगी। लोग ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेकर अपनी पसंद के किसी भी सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में जाकर आसानी से अपना काम करवा सकेंगे।

अधिकारियों का एप्रेजल करने के काम आएगी पॉलिसी

मंत्री आतिशी ने बताया कि यह पॉलिसी एक तरह से अधिकारियों का एप्रेजल करने के भी काम आएगी, क्योंकि इसके लागू होने के बाद आसानी से यह पता चल जाएगा कि किन सब-रजिस्ट्रार ऑफिसों में ज्यादा प्रभावी तरीके से और पारदर्शिता के साथ काम होता है और कहां पर काम पर काम ठीक से नहीं हो रहा है, क्योंकि फिर ज्यादातर लोग उन्हीं ऑफिसों में जाकर अपना काम कराना ज्यादा पसंद करेंगे, जहां उनका काम ज्यादा आसानी से, प्रभावी तरीके से और पूरी पारदर्शिता के साथ हो सकेगा।

जिन सब-रजिस्ट्रार ऑफिसों के बाहर दलाल या बिचौलिए सक्रिय हैं और जहां लोगों को पैसे देकर काम कराना पड़ता है, वहां लोग जाना भी पसंद नहीं करते हैं। इससे भ्रष्टाचार को रोकने में मदद मिलेगी। साथ ही ऐसे ऑफिसों में कामकाज को सुधारने के लिए प्रभावी तरीके से कदम उठाए जा सकेंगे।