Vastu: सनातन धर्म में पूजा-पाठ के समय स्वास्तिक का चिन्ह बनाना बेहद शुभ माना जाता है. मान्यता अनुसार इससे घर में सुख-समृद्धि और जीवन में खुशहाली आती है. वहीं, स्वास्तिक को सनातन धर्म के प्रथम पूज्यनीय देवता श्री गणेश ( Lord Ganesha) का भी प्रतीक माना जाता है. इसलिए सभी शुभ कार्यों एवम समारोह में स्वास्तिक का बनाया जाता है. स्वास्तिक की कुल आठ भुजाएं होती हैं. जिसे अग्नि, पृथ्वी, आकाश, जल, वायु, का प्रतीक माना जाता है. इसलिए तो सबहि मंगल कामों के शुभारम्भ में स्वास्तिक बनाया जाता है. वास्तु( Vastu) के अनुसार यदि मानें तो घर में नकारात्मक ऊर्जा के संचार को खत्म करने के लिए और चारों और पॉजिटिविटी का संचार करने के लिए स्वास्तिक बनाते समय इन खास बातों का ध्यान जरूर रखें.
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जानिए स्वास्तिक से जुड़े कुछ टिप्स
घर के सामने यदि कोई पेड़ या खंभा हो तो उसमें स्वास्तिक बनाना बेहद शुभ माना जाता है.
घर के आँगन के बीचों-बीच स्वास्तिक बनाने से हर तरह की नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है.
घर अथवा ऑफिस में पूर्व, उत्तर पूर्व और उत्तर की दिशा में स्वास्तिक बनाना चाहिए.
मान्यता है कि तिजोरी पर सिन्दूर से स्वास्तिक बनाने से धन-संपत्ति में वृद्धि होती है.
घर में ताम्बे का स्वास्तिक लगाना बेहह शुभ माना गया है, इससे हर तरह की बुरी नजर दूर रहती है.
वास्तु दोषों से मुक्ति पाने के लिए नौ ऊँगली लम्बा और चौड़ा स्वास्तिक बनाना चाहिए.
बच्चों के स्टडी रूम में भी वास्तु बना सकते हैं, लेकिन इस बात का खासतौर पर ध्यान रखना है कि स्वास्तिक के पास कभी चप्पल-जूते न उतारें.