Jharkhand की हेमंत सरकार लगातार आदिवासी और वंचित वर्ग के छात्रों के भविष्य को संवारने के लिए ठोस कदम उठा रही है।
Jharkhand News: झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) ने एक बार फिर यह साबित किया है कि उनकी सरकार शिक्षा को सामाजिक न्याय का सबसे मजबूत आधार मानती है। अनुसूचित जनजाति के मेधावी छात्रों को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 600 होनहार आदिवासी विद्यार्थियों को मेडिकल और इंजीनियरिंग की निशुल्क कोचिंग देने का निर्णय लिया है। इस पहल का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि आर्थिक तंगी किसी भी प्रतिभाशाली छात्र के सपनों के आड़े न आए।
600 विद्यार्थियों को मिलेगा फ्री मेडिकल-इंजीनियरिंग कोचिंग का लाभ
अनुसूचित जनजाति शिक्षण उत्थान कार्यक्रम के तहत यह योजना लागू की गई है। पहले चरण में 300 छात्रों का चयन किया गया था, लेकिन सीएम हेमंत सोरेन के निर्देश पर एक और बैच शुरू करने का फैसला लिया गया। इसके बाद कुल 600 छात्र-छात्राओं को इस योजना का लाभ मिलेगा। पहले बैच में 168 छात्राएं और 132 छात्र शामिल हैं। इन सभी विद्यार्थियों को कोचिंग के साथ-साथ रहने, खाने और अध्ययन सामग्री की पूरी सुविधा पूरी तरह निःशुल्क दी जा रही है।

कोटा के प्रसिद्ध ‘मोशन’ संस्थान के साथ साझेदारी
छात्रों को देश के सर्वश्रेष्ठ स्तर की तैयारी उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने कोटा के प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान ‘मोशन’ का चयन किया है। संस्थान के वाइस प्रेसिडेंट शिव प्रसाद विजय ने कहा कि यहां विद्यार्थियों को वही सुविधाएं दी जा रही हैं, जो कोटा में उपलब्ध कराई जाती हैं। इससे झारखंड के आदिवासी छात्रों को राष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार किया जा सकेगा।
सीएम हेमंत सोरेन ने किया कोचिंग संस्थान का उद्घाटन
रांची के हिंदपीढ़ी क्षेत्र में स्थापित ‘दिशोम गुरु शिबू सोरेन इंजीनियरिंग एवं मेडिकल कोचिंग संस्थान’ का उद्घाटन सीएम हेमंत सोरेन ने किया। इस अवसर पर उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि सरकार उनकी हर चिंता में उनके साथ खड़ी है। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि वे केवल आरक्षित नहीं, बल्कि अनारक्षित श्रेणी में चयन का लक्ष्य रखें और पूरी मेहनत के साथ आगे बढ़ें।

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11वीं-12वीं की पढ़ाई के साथ होगी कोचिंग
कार्यक्रम में विभागीय मंत्री चमरा लिंडा ने कहा कि सरकार और संस्थान बेहतर तैयारी की व्यवस्था कर रहे हैं, लेकिन सफलता की कुंजी छात्रों की मेहनत है। वहीं विभागीय सचिव कृपानंद झा ने जानकारी दी कि इस कोचिंग संस्थान को इंटरमीडिएट कॉलेज के रूप में जैक या सीबीएसई से जोड़ने की प्रक्रिया चल रही है, जिससे छात्र 11वीं-12वीं की पढ़ाई के साथ-साथ कोचिंग कर सकें। इसके अलावा फूलो-झानो बालिका छात्रावास को 15 जनवरी तक शुरू करने की तैयारी है।
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हर जिले में लाइब्रेरी और फ्री प्रतियोगी कोचिंग
सीएम हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) ने इस अवसर पर सभी जिलों में आधुनिक लाइब्रेरी और ई-लाइब्रेरी खोलने की घोषणा भी की। साथ ही उन्होंने भविष्य में यूपीएससी, जेपीएससी, बैंकिंग और रेलवे जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी मुफ्त कोचिंग शुरू करने की बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस परिसर का पहले राजनीतिक कार्यक्रमों के लिए उपयोग होता था, अब वहीं बच्चे अपने उज्ज्वल भविष्य की नींव रखेंगे।
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आदिवासी छात्रों के लिए नई उम्मीद
यह पहल झारखंड के गरीब और प्रतिभाशाली आदिवासी छात्रों के लिए एक नई उम्मीद बनकर सामने आई है। शिक्षा के माध्यम से समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों को आगे बढ़ाने की यह सोच सीएम हेमंत सोरेन की संवेदनशील और दूरदर्शी नेतृत्व क्षमता को दर्शाती है।

