Jharkhand पूरी तरह तैयार है चौथी साउथ एशियन एथलेटिक्स सीनियर चैंपियनशिप 2025 की मेजबानी के लिए।
Jharkhand News: झारखंड पूरी तरह तैयार है चौथी साउथ एशियन एथलेटिक्स (SAAF) सीनियर चैंपियनशिप 2025 की मेजबानी के लिए। यह प्रतियोगिता 24 से 26 अक्टूबर तक रांची के मोरहाबादी स्टेडियम (Morabadi Stadium) में आयोजित की जाएगी। इस अवसर पर रांची में एक भव्य समारोह आयोजित किया गया, जिसमें प्रतियोगिता का लोगो, मैस्कॉट और आधिकारिक एंथम का अनावरण किया गया। पढ़िए पूरी खबर…
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सीएम हेमंत सोरेन ने किया आमंत्रण
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, ‘झारखंड एक बार फिर खेल के रणक्षेत्र का गवाह बन रहा है। 4th South Asian Athletics (SAAF) Senior Championships 2025 का आयोजन 24 से 26 अक्टूबर तक रांची के मोरहाबादी में होगा, जिसमें छह देशों के खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। आप सभी का हार्दिक स्वागत और झारखण्डी जोहार।’

लोगो:- झारखंड की आत्मा और खेल भावना का प्रतीक
SAAF चैंपियनशिप का लोगो झारखंड की प्रकृति, जनजातीय कला और खेल संस्कृति का सुंदर मिश्रण है। इसे ‘The Land of Sports, Tribes, Culture and Nature’ की अवधारणा पर आधारित किया गया है। हरे रंग की आभा राज्य की हरियाली और पारिस्थितिक समृद्धि को दर्शाती है, जबकि इसमें शामिल जनजातीय प्रतीक झारखंड की सांस्कृतिक गहराई को उजागर करते हैं। यह लोगो झारखंड की खेल, परंपरा और गर्व की धरती के रूप में पहचान प्रस्तुत करता है।

मैस्कॉट ‘डालमा’:- जंगल की आत्मा, खेल की शक्ति
राज्य के प्रतीक पशु से प्रेरित ‘डालमा’ झारखंड की शक्ति, सौम्यता और खेल भावना का जीवंत प्रतीक है। इसके शरीर पर बने सोहराय और खोवर टैटू झारखंड की जनजातीय कला की आत्मा को दर्शाते हैं। सफेद एथलेटिक परिधान में सजा यह मैस्कॉट एकता, गौरव और ऊर्जा का प्रतीक बनता है। मैदान में प्रवेश करते ही यह केवल मैस्कॉट नहीं, बल्कि झारखंड की आत्मा का प्रतिनिधि बन जाता है।
एंथम:- परंपरा और आधुनिकता का संगम
इस अवसर पर प्रतियोगिता का आधिकारिक एंथम भी लॉन्च किया गया। नागपुरी भाषा में रचित यह गीत झारखंड की लोकधारा और खेल भावना का उत्सव है। गीत में मांदर, नगाड़ा और बांसुरी जैसे पारंपरिक वाद्ययंत्रों की ध्वनियों के साथ आधुनिक संगीत का सम्मिश्रण है। यह न केवल प्रतियोगिता का उत्साह बढ़ाता है, बल्कि संदेश देता है कि नए चैंपियंस झारखंड की धरती से उठेंगे।
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खेल और संस्कृति का संगम
झारखंड सरकार के पर्यटन, कला, संस्कृति, खेल एवं युवा कार्य मंत्री ने लोगो, मैस्कॉट और एंथम का अनावरण करते हुए कहा, ‘यह झारखंड के लिए गर्व का क्षण है। सीएम हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य दक्षिण एशिया के सभी खिलाड़ियों का स्वागत करता है। यह आयोजन हमारे समृद्ध सांस्कृतिक और खेल धरोहर को विश्व पटल पर प्रस्तुत करने का सुनहरा अवसर है।’ कार्यक्रम में खेल और कार्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रतिनिधि और अन्य अतिथि उपस्थित रहे।
छह देशों के लगभग 300 एथलीट हिस्सा लेंगे
प्रतिष्ठित चैंपियनशिप में भारत सहित छह दक्षिण एशियाई देश भारत, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, मालदीव और श्रीलंका के लगभग 300 एथलीट और 150 तकनीकी अधिकारी भाग लेंगे। भारत की 81 सदस्यीय टीम 37 स्वर्ण पदक स्पर्धाओं में देश का गौरव बढ़ाने के लिए पूरी तरह तैयार है।
भारत का गौरवशाली SAAF इतिहास
वर्ष 2008 में कोच्चि में आयोजित तीसरे संस्करण में भारत ने 57 पदक (24 स्वर्ण, 19 रजत, 14 कांस्य) जीतकर समग्र चैंपियन का खिताब जीता था। इस बार भी भारतीय एथलीट उत्कृष्ट प्रदर्शन की नई मिसाल कायम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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भारत 1997 और 2008 के बाद तीसरी बार इस प्रतिष्ठित चैंपियनशिप की मेजबानी कर रहा है। इस बार आयोजन स्थल रांची का बिरसा मुंडा एथलेटिक्स स्टेडियम है, जहां दक्षिण एशिया के श्रेष्ठ एथलीट एक मंच पर आकर उत्कृष्टता, एकता और खेल भावना का उत्सव मनाएंगे।

