IT Engineer: भारत के आईटी इंजीनियर्स के लिए एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है।
IT Engineer: भारत के आईटी क्षेत्र (IT Sector) में बड़े स्तर पर छंटनी की खबरें सामने आ रही हैं, जो लाखों इंजीनियर्स (Engineers) के लिए चिंता का विषय बन गई हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 2025 के अंत तक करकरीब 50 हजार कर्मचारियों की नौकरियां जा सकती हैं। यह संख्या 2023-24 की तुलना में दोगुनी हो सकती है, जब लगभग 25 हजार लोगों को नौकरी से निकाला गया था। पढ़िए पूरी खबर…

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आपको बता दें कि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) सहित कई आईटी कंपनियां अपने कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा रही हैं। टीसीएस ने इसकी औपचारिक घोषणा की है, जबकि कुछ कंपनियां बिना किसी ऐलान के कर्मचारियों से इस्तीफा देने या नई नौकरी तलाशने को कह रही हैं।
टीसीएस ने जारी किए आधिकारिक आंकड़े
हाल ही में टीसीएस ने सितंबर तिमाही के नतीजे घोषित करते हुए खुलासा किया कि पुनर्गठन प्रक्रिया के तहत कंपनी ने अपने कुल कार्यबल का एक प्रतिशत, यानी 6 हजार लोगों को नौकरी से हटा दिया है। टीसीएस के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी सुदीप कुन्नुमल ने कहा कि इन आंकड़ों को काफी बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है और ऐसे दावों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। जब उनसे पूछा गया कि 50 हजार से 80 हजार लोगों की छंटनी की आशंका जताई जा रही है, तो कुन्नुमल ने इसे तथ्यात्मक रूप से गलत बताया।
सीएचआरओ सुदीप ने स्पष्ट किया, ‘आज हम जिस समय बात कर रहे हैं, उस समय हमने मध्य और वरिष्ठ स्तर पर लगभग एक प्रतिशत लोगों को हटाया है। उन्हें हम सही भूमिका में दोबारा नियुक्त नहीं कर पाए।’ एक प्रतिशत के मतलब पर सवाल उठने पर उन्होंने कहा, ‘हां, मध्यम और वरिष्ठ स्तर पर यह सही है।’ टीसीएस ने इस साल जुलाई में घोषणा की थी कि वह इस वर्ष अपने वैश्विक कार्यबल के लगभग दो प्रतिशत, यानी 12,261 कर्मचारियों की छंटनी करने की योजना बना रही है, जिनमें अधिकांश मध्यम और वरिष्ठ स्तर के होंगे।
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गुपचुप तरीके से हो रही छंटनी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ आईटी कंपनियां चुपचाप छंटनी कर रही हैं। HFS रिसर्च के सीईओ फिल फर्शथ ने बताया कि इस साल बड़ी कंपनियों में हजारों पदों को गुपचुप तरीके से खत्म कर दिया गया है। भर्ती प्रक्रिया कम हो रही है, प्रमोशन टाले जा रहे हैं और परफॉर्मेंस के नाम पर कर्मचारियों को बाहर किया जा रहा है।
Teamlease डिजिटल की सीईओ नीति शर्मा ने अनुमान जताया कि केवल 2025 में ही यह संख्या 55 हजार से 60 हजार तक पहुंच सकती है। वहीं, एक्सेंचर ने जून से अगस्त के बीच वैश्विक स्तर पर 11 हजार कर्मचारियों की छंटनी की है।
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एक्सपर्ट्स का मानना है कि कंपनियां अब एआई आधारित डीजिटल लेबर पर ज्यादा निर्भर हो रही हैं, जिससे परंपरागत कर्मचारियों की जरूरत घटती जा रही है।

