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Haryana: IMA हरियाणा इकाई की सरकार के साथ हुई बैठक, CM और सरकार का व्यक्त किया आभार

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आयुष्मान योजना के तहत इलाज रहेगा जारी – आईएमए

अगले वर्ष के लिए आयुष्मान योजना के तहत 2500 करोड़ रुपये के बजट का किया जाएगा प्रावधान

हरियाणा सरकार द्वारा अविलंब किया जाएगा आयुष्मान योजना के तहत लंबित क्लेम का भुगतान

Haryana News: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ आज यहां हुई बैठक में आईएमए द्वारा रखी गई कई मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया गया। इसके तहत, आयुष्मान योजना के तहत 10 मार्च तक क्लेम के लिए जितने भी आवेदन आएंगे, उन सभी का 31 मार्च, 2025 तक भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा। इसके लिए विभाग को संशोधित बजट में पर्याप्त राशि अनुमोदित की जाएगी। इसके अलावा, अगले वर्ष के लिए आयुष्मान योजना के तहत क्लेम के निपटान व समयबद्ध भुगतान के लिए 2500 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया जाएगा।
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आईएमए की हरियाणा इकाई के प्रतिधिनियों ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का आभार जताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर त्वरित कार्रवाई की है। आईएमए की ओर से आयुष्मान योजना के तहत पहले की तरह ही इलाज जारी रहेगा और मरीजों को किसी प्रकार की कोई कठिनाई नहीं आएगी।

आयुष्मान भारत हरियाणा स्वास्थ्य संरक्षण प्राधिकरण की मुख्य कार्यकारी अधिकारी संगीता तेतरवाल ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि 1 जनवरी से अब तक आयुष्मान योजना के तहत प्राप्त क्लेम आवेदनों के लिए 195 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। शेष लंबित क्लेम का भुगतान फरवरी माह में कर दिया जाएगा। इसके अलावा, 10 मार्च तक प्राप्त क्लेम आवेदनों का निपटान 31 मार्च, 2025 तक कर दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि आज की बैठक में क्लेम की प्रक्रिया को विस्तार से समझाया गया। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि मेडिसन व बाल चिकित्सा संबंधी क्लेमों को स्पेशलाइज्ड डॉक्टरों की स्पेशल टीम द्वारा प्रोसेस किया जाएगा। इसके अलावा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से जो संदिग्ध मामले सामने आते हैं, उनकी सूचना जल्द से जल्द अस्पतालों के साथ सांझा की जाएगी।

उन्होंने बताया कि यदि किसी कारणवश क्लेम राशि में कटौती की गई है, तो अस्पताल द्वारा उस कटौती के कारणों के बारे विस्तृत जानकारी दी जाएगी। क्लेम के निरीक्षण हेतु डॉक्टरों को पुनः प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, ताकि समयबद्ध तरीके से क्लेम का भुगतान सुनिश्चित किया जा सके और अनावश्यक कटौती न हो। बैठक में यह भी चर्चा की गई कि यदि मरीज आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज करवाने का इच्छुक नहीं है तो उसे स्वयं के खर्चे से इलाज करवाने का विकल्प दिया जाएगा।

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बैठक में यह भी निर्णय हुआ कि क्लेम के लिए अपील की प्रक्रिया को और सुदृढ़ बनाया जाएगा। अस्पतालों को दूसरी अपील दायर करने का विकल्प भी दिया जाएगा। संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं क्लेम राशि का तय समय सीमा में भुगतान किया जाए।

बैठक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी और आईएमए की हरियाणा इकाई के प्रतिनिधि मौजूद रहे।