Haryana Cabinet Expansion: हरियाणा में बनी नयी सरकार का कैबिनेट विस्तार हो गया है। नायब सैनी कैबिनेट (Nayab Saini Cabinet) का यह पहला विस्तार है। शपथ ग्रहण समारोह आठ घंटे तक चला। खास बात यह है कि नाराज चल रहे पूर्व मंत्री अनिल विज (Anil Vij) को मंत्री नहीं बनाया गया है। सबसे पहले विधायक कमल गुप्ता (Kamal Gupta) को मंत्री बनाया गया है और उन्होंने मंत्री पद की शपथ संस्कृत में ली। मंगलवार शाम साढ़े चार बजे शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन हुआ। सीएम नायब सैनी, राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय (Governor Bandaru Dattatreya) समारोह में पहुंचे और उन्होंने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
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मंत्री कमल गुप्ता हिसार से दूसरी बार लगातार विधायक चुने गए हैं। वह पूर्व सीएम मनोहर लाल सरकार (Former CM Manohar Lal Government) में भी मंत्री रह चुके हैं। कमल गुप्ता (Kamal Gupta) वैश्य समुदाय से आते हैं और पेशे से डॉक्टर हैं। इसके बाद सीमा त्रिखा को मंत्रिमंडल में जगह मिली है। उन्हें राज्यमंत्री की शपथ दिलाई गई। सीमा बड़खल विधानसभा से लगातार दूसरी बार विधायक बनी हैं और खुद ब्राह्मण परिवार से आती हैं। लेकिन, पंजाबी परिवार में उनकी शादी हुई है। सीमा बड़खल भी मनोहर सरकार पार्ट-1 सरकार में सीपीएस भी रह चुकी हैं।
तीसरे नंबर पर महिपाल ढांडा को मंत्रीपद की शपथ दिलाई गई। ढांडा पानीपत ग्रामीण से लगातार दूसरी बार विधायक चुने गए हैं। बीजेपी किसान मोर्चा के प्रदेश के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। छात्र संगठन एबीवीपी में भी काफी समय तक काम करते हुए छात्र नेता रहे हैं। महिपाल ढांडा (Mahipal Dhanda) जाट समाज का प्रमुख चेहरा हैं। साल 2019 में जब सभी बड़े जाट नेता और मंत्री चुनाव हार गए थे, उस समय भी दोबारा महिपाल ढांडा चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे।
आईएएस, इस्तीफा और अब बन गए मंत्री
इसके बाद, अंबाला शहस से विधायक चुने गए असीम गोयल को मंत्रीपद की शपथ दिलाई गई और उन्होंने राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार के रूप में शपथ लिया। सैनी सरकार में पांचवें मंत्री के तौर पर डॉ. अभय सिंह यादव ने भी शपथ ली है। उन्हें राज्य मंत्री का स्वतंत्र प्रभार के रूप में शपथ दिलाया गया है। डॉ. अभय यादव नांगल चौधरी से दूसरी बार विधायक बने हैं। साल 2014 में आईएएस से इस्तीफा देकर विधानसभा चुनाव चुनाव लड़े थे। बता दें कि वह पहली बार कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं।
अंत में संजय सिंह ने पद और गोपनीयता की शपथ ली है। संजय सिंह सोहना विधानसभा में पहली बार चुनाव लड़कर जीते हैं। संजय सिंह के पिता कंवर सूरज पाल बंसीलाल सरकार में मंत्री रह चुके है। संजय राजपूत समाज से आते हैं।
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कैबिनेट में शामिल किया दलित चेहरा
आपको बता दें कि हरियाणा के कुरुक्षेत्र के थानेसर विधानसभा से लगातार दूसरी बार विधायक चुने गए सुभाष सुधा को भी सैनी कैबिनेट में जगह मिली है। उन्हें स्वतंत्र प्रभार के तहत मंत्री बनाया गया है। सुधा ने साल 2014 में उन्होंने बीजेपी पार्टी ज्वाइन की थी और विधायक बने थे। इससे पहले, कांग्रेस पार्टी में शामिल थे। साल 2003 से पहले इनेलो में रहे हैं। साल 2009 का विधानसभा चुनाव बतौर निर्दलीय लड़ा था। सुभाष सुधा पंजाबी समुदाय से आते हैं। इसी तरह, विशंभर वाल्मीकि को मंत्री बनाया गया है और स्वतंत्र प्रभार का कार्यभार सौंपा गया है। वह बवानी खेड़ा विधानसभा से लगातार दूसरी बार विधायक बने हैं। कैबिनेट में बतौर दलित चेहरा शामिल किए गए हैं। बता दें कि सुभाष सुधा बहुत ही गरीब परिवार से उठकर यहां तक पहुंचे हैं।
हरियाणा की नायब सरकार का नया मंत्रिमंडल
कैबिनेट मंत्री
कंवरपाल गुर्जर
मूलचंद शर्मा
रणजीत सिंह चौटाला
जेपी दलाल
डा. बनवारी लाल
डा. कमल गुप्ता
राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार
सीमा त्रिखा
महिपाल ढांडा
असीम गोयल
डा. अभय सिंह यादव
सुभाष सुधा
बिशंबर वाल्मीकि
संजय सिंह
क्या बोले अनिल विज
मंत्रिमंडल विस्तार से पहले मंगलवार सुबह चंडीगढ़ पहुंचे अनिल विज ने कहा कि उन्हें कैबिनेट विस्तार की सूचना नहीं है। वह विधानसभा की कमेटियों के गठन को लेकर चंडीगढ़ पहुंचे थे और स्पीकर से मुलाकात की थी।
जानिए कौन हैं अनिल विज?
अनिल विज का जन्म 15 मार्च 1953 को हुआ था। कॉलेज में पढ़ने के ही दौरान वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल हो गए थे। 1970 में वे एबीवीपी के महासचिव बनाए गए। 1990 में पहली बार उप-चुनाव जीतकर वे विधायक बने। साल 1996 और 2000 में उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव जीता। इसके बाद उन्हें साल 2005 में हुए चुनाव में हार का सामना करना पड़।
इसके बाद साल 2009 में उन्होंने बीजेपी की टिकट पर अंबाला कैंट से चुनाव लड़ा औऱ जीत हासिल किए। फिर उन्होंने साल 2014 के चुनावों में भी जीत दर्ज की। वहीं 2019 में फिर उन्होंने अंबाला कैंट से जीता और मनोहर लाल खट्टर सरकार में गृह मंत्री बने। इसके साथ ही उनके पास स्वास्थ्य विभाग भी था। बता दें कि अनिल विज अभी तक 6 बार विधायक बने हैं।
सीएम की रेस में था विज का नाम
आपको बता दें कि साल 2014 में जब हरियाणा में पहली बार बीजेपी पूर्ण बहुमत में आई तो अनिल विज का नाम सीएम की रेस में सबसे आगे था, लेकिन मनोहर लाल खट्टर को विधायक दल का नेता चुना गया।