Greater Noida West: ग्रेटर नोएडा की इस सोसाइटी में गंदे पानी से 150 लोग बीमार
Greater Noida West: नोएडा-ग्रेटर नोएडा की सोसाइटियों में रहने वाले लोगों को आए दिन किसी न किसी समस्या का सामना करना ही पड़ता है। कभी डॉग अटैक (Dog Attack) तो कभी लिफ्ट निवासियों को परेशान करती है। गर्मी का मौसम आते ही इन सोसाइटियों में पानी की भी समस्या होने लगती है। जहां गंदे पानी के कारण लोगों को न सिर्फ परेशानी होती है बल्कि बहुत से लोग गंदा पानी (Dirty Water) पीने से बीमार होने लगते हैं। ताजा मामला सामने आया है ग्रेटर नोएडा वेस्ट की आस्था ग्रीन सोसाइटी (Aastha Green Society) से, जहां गंदा पानी पीने के कारण लगातार लोग बीमार पड़ रहे हैं। शनिवार तक 150 लोगों की तबीयत खराब हो चुकी है। सोसाइटी के लोगों ने बिल्डर प्रबंधन पर अंडरग्राउंड टैंकों (Underground Tanks) की साफ-सफाई में लापरवाही का आरोप लगाया है।

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सेक्टर-4 स्थित आस्था ग्रीन सोसाइटी (Aastha Green Society) के 4 टावर में 200 के आस पास परिवार रहते हैं। बीते कुछ दिनों से सोसाइटी के लोग लगातार बीमार हो रहे हैं। सोसाइटी में रहने वाले बिपिन सिंह के मुताबिक लोगों को पेट दर्द, उल्टी और दस्त की समस्या हो रही है। पीड़ितों में बच्चों की संख्या ज्यादा है। लोगों का आरोप है कि टैंक की सफाई का काम ठीक से नहीं किया गया, जिसकी वजह से घरों में गंदा पानी आने से लोग बीमार हो रहे हैं।
बिपिन सिंह के अनुसार, हर महीने समय पर मेंटिनेंस फीस देने के बाद भी बिल्डर प्रबंधन लापरवाही कर रहा है, जिसका खामियाजा निवासियों को भुगतना पड़ रहा है। वहीं, सोसाइटी में रहने वाले प्रणव शेखर का कहना है कि लगभग 10 दिन पहले उनके बेटे को पेट दर्द की समस्या हुई। धीरे-धीरे उनके घर के सभी सदस्य बीमार हो गए। अस्पताल में इलाज कराने के बाद सभी अब स्वस्थ हैं। उन्होंने बताया कि कई लोग इलाज के लिए प्राइवेट अस्पतालों में जा रहे हैं।
जांच के लिए भेजा गया पानी का सैंपल
सोसाइटी के निवासी ने बताया कि बिल्डर प्रबंधन (Builder Management) द्वारा पानी के सैंपल लेने के लिए शनिवार को एक प्राइवेट लैब से एक टीम को बुलाया गया। टीम ने बोतलों में सैंपल इकट्ठे कर लिए, लेकिन बिल्डर प्रबंधन की तरफ से उन्हें पैसा नहीं दिया गया। टीम बोतलों में भरे सैंपलों को छोड़कर वापस चली गई, जिसका लोगों द्वारा विरोध जताया गया, तब जाकर बिल्डर ने दोबारा से टीम को बुलाया और सैंपल जांच के लिए दिए।
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प्रणव शेखर, पीड़ित का कहना है कि परिजन बीमार होने लगे तो हमने आरओ का फिल्टर बदलवा दिया, उसके बाद भी समस्या नहीं कम हुई। पेयजल में बदबू आ रही है। हम पानी को उबालकर पी रहे हैं। कई लोग बाजार से पानी खरीद रहे हैं।”
एक दूसरे निवासी बताते हैं कि मेरे दोनों बच्चे और घर के सभी लोगों को उल्टी, पेट दर्द और दस्त हो रही है। सोसाइटी में पानी की सप्लाई से डर लगने लगा है। इलाज के लिए अस्पताल जाना पड़ रहा है। सोसाइटी के कई लोग इसी समस्या से जूझ रहे हैं।
दिनेश, मेंटिनेंस प्रमुख बताते हैं कि बिल्डर प्रबंधन पर लगाए गए आरोप गलत हैं। दूषित पानी की कोई समस्या है ही नहीं। बारिश या किसी अन्य कारण से लोग बीमार पड़ रहे हैं। निजी लैब में सैंपल जांच के लिए भेज दिए गए हैं। रुपये का भुगतान कर दिया जाएगा।”
इस वर्ष कई सोसाइटी में लोग बीमार हो चुके
आपको बता दें कि इससे पहले भी कई सोसाइटी में इसी तरह की समस्या सामने आ चुकी है। 05 फरवरी को ईको विलेज एक में 400 से अधिक लोगों के बीमार होने का मामला सामने आया था। पेयजल की जांच में बीमार करने वाले बैक्टीरिया मिले।
7 फरवरी
पंचशील हाईनिस में लगभग 100 लोग बीमार हुए। जांच रिपोर्ट में कुछ नहीं मिला, जिसके बाद टैंक की साफ-सफाई कराई गई।
7 फरवरी
अरिहंत गार्डन सोसाइटी में 150 लोगों को पेट दर्द, दस्त जैसी शिकायतें हुईं। निजी लैब की जांच में पेयजल में ई कोलाई बैक्टीरिया मिला।
7 अप्रैल
अजनारा होम सोसाइटी में 600 से अधिक लोग कुछ दिनों में बीमार हुए। निजी जांच रिपोर्ट में पेयजल में बीमार करने वाले बैक्टीरिया मिले।
19 अप्रैल
गौर सौंदर्यम सोसाइटी में करीब 200 लोग बीमार हुए। एओए की जांच रिपोर्ट में यहां भी पेयजल में भी बैक्टीरिया पाए गए।