Greater Noida West में फ्लैट खरीदार का फूटा गुस्सा, NBCC के खिलाफ किया प्रदर्शन
Greater Noida West: ग्रेटर नोएडा वेस्ट से बड़ी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट के फ्लैट खरीदारों ने एनबीसीसी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट (Greater Noida West:) में शनिवार को एनबीसीसी (NBCC) ने एक बिल्डर प्रोजेक्ट के 4 टावरों का काम रोक दिया। इससे नाराज फ्लैट खरीदारों ने साइट का घेराव कर जोरदार धरना प्रदर्शन किया। खरीदारों ने NBCC पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेशों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए खूब नारेबाजी भी की। फ्लैट बायर्स ने आरोप लगाया है कि NBCC पर बार-बार निर्माण कार्य रोक रहा है जो सरासर गलत है।

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इन टावरों का बंद है काम
आपको बता दें कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट में आम्रपाली लेजर वैली (Amrapali Leisure Valley) के सैकड़ों फ्लैट मालिकों ने निर्माणाधीन साइट पर प्रदर्शन किया। फ्लैट मालिकों का कहना है कि एनबीसीसी अपने वादों को पूरा नहीं कर रही है। कंस्ट्रक्शन की डेडलाइन मार्च 2025 से आगे बढ़ गई है। प्रदर्शन के बाद एनबीसीसी अधिकारियों (NBCC Officials) के साथ मीटिंग हुई। अधिकारियों ने बताया कि तीन टावर A1, G1, H1 अक्टूबर 2025 तक पूरे होंगे। F1 टावर नवंबर 2025 में पूरा होगा। बाकी चार टावर B1, C1, D1, E1 का काम वाईएफसी प्रोजेक्ट से वापस लेकर नया टेंडर जारी किया जाएगा।

टेंडर प्रक्रिया में अभी लगेगा इतना समय
एक खबर के अनुसार नए टेंडर की प्रक्रिया में एक महीने का समय लगेगा। इसके बाद एक साल में चारों टावरों के काम पूरे कर लिए जाएंगे। आम्रपाली लेजर वैली में कुल 32 टावर हैं। इनमें वेरोना हाइट्स के तहत 4,964 फ्लैट और आदर्श आवास योजना के तहत 1,906 फ्लैट बनाए जा रहे हैं। घर खरीदारों का कहना है कि आदर्श आवास योजना के 8 टावरों का निर्माण वाईएफसी प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ने साल 2020 के अगस्त महीने में शुरू किया था। 5 साल बीत जाने के बाद भी निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने फ्लैट खरीदारों की समस्या को देखते हुए आम्रपाली ग्रुप से प्रोजेक्ट लेकर एनबीसीसी को सौंपा था।
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4 से 8 मंजिल की है बिल्डिंग
बता दें कि आम्रपाली लेजर वैली के इस प्रोजेक्ट में 4बीएचके, 3बीएचके और 2बीएचके समेत दूसरे प्रीमियम श्रेणी के फ्लैट बनने हैं। बिल्डिंग 4 से 8 मंजिल की है। वहीं, हर मंजिल पर फ्लैट की संख्या अलग-अलग। सभी परियोजनाओं को मिलाकर लगभग 80 टावर बनेंगे। बेसमेंट क्षेत्र को छोड़कर निर्मित क्षेत्र लगभग 2.23 करोड़ वर्ग फुट तक पहुंचने का अनुमान है।

